क्या बासी लार से सचमुच बढ़ती है आंखों की रोशनी? एक्सपर्ट से जाने
Kya Basi Laar Se Aankhon Ki Roshni Badhti Hai | सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नया दावा वायरल हो रहा है कि बासी लार (सुबह की लार) आंखों में डालने से आंखों की रोशनी बढ़ सकती है। यह दावा इतना तेजी से फैल रहा है कि लोग इसे आजमाने की सोच रहे हैं लेकिन क्या यह सचमुच काम करता है? या यह सिर्फ एक अफवाह है जो आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है? हमारी आंखें बेहद कीमती हैं, और इनके साथ कोई भी प्रयोग करने से पहले सच्चाई जानना जरूरी है। Kya Basi Laar Se Aankhon Ki Roshni Badhti Hai
क्या बासी लार से आंखों की रोशनी बढ़ती है?
यह दावा पूरी तरह से आधारहीन और भ्रामक है। हमारी आंखों की रोशनी कॉर्निया, लेंस और रेटिना जैसे आंतरिक हिस्सों की संरचना पर निर्भर करती है, जो जन्म के समय से ही तय होती है। इनका आकार या कार्यक्षमता किसी बाहरी पदार्थ जैसे लार से प्रभावित नहीं हो सकती।
लार में कोई ऐसा तत्व नहीं होता जो आंखों की रोशनी को बेहतर बना सके। यह दावा पुरानी मान्यताओं और अंधविश्वासों का हिस्सा हो सकता है लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। उल्टा, लार का उपयोग आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है।
आंखों में लार डालने के खतरे
एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि लार में बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीव मौजूद होते हैं, जो आंखों में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। आंखें बेहद संवेदनशील होती हैं, और इनमें किसी भी बाहरी पदार्थ का उपयोग करने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:
- इंफेक्शन का खतरा: लार में मौजूद बैक्टीरिया से कॉन्जंक्टिवाइटिस (पिंक आई) या अन्य गंभीर इंफेक्शन हो सकते है
- जलन और एलर्जी: लार में मौजूद पाचक एंजाइम आंखों की सतह को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे जलन, लालिमा या खुजली हो सकती है।
- कॉर्निया को नुकसान: लार का पीएच और रासायनिक संरचना आंखों के लिए अनुकूल नहीं है, जिससे कॉर्निया की सतह खराब हो सकती है।
- दीर्घकालिक समस्याएं: बार-बार लार का उपयोग करने से आंखों की प्राकृतिक नमी और सुरक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है।
डॉ. अरोड़ा कहते हैं, “लार को कभी भी आंखों में नहीं डालना चाहिए। यह न केवल बेकार है, बल्कि आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।”
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
किसी भी स्टडी या शोध में यह साबित नहीं हुआ है कि लार से आंखों की रोशनी बढ़ती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) जैसे संगठन भी इस तरह के घरेलू नुस्खों के खिलाफ चेतावनी देते हैं आंखों की समस्याओं के लिए केवल नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा सुझाए गए उपचार ही सुरक्षित और प्रभावी हैं।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या करें?
अगर आपकी आंखों की रोशनी कम हो रही है या आपको देखने में परेशानी हो रही है, तो इन उपायों को अपनाएं:
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 8 प्रभावी उपाय
संतुलित आहार
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क्या करें: अपने आहार में विटामिन A (गाजर, पालक, शकरकंद), विटामिन C (संतरा, नींबू) विटामिन E (बादाम, सूरजमुखी के बीज), और जिंक (दालें, नट्स) शामिल करें।
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क्यों जरूरी: ये पोषक तत्व रेटिना को स्वस्थ रखते हैं और आंखों की रोशनी को बनाए रखने में मदद करते हैं।
नियमित व्यायाम
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क्या करें: आंखों की एक्सरसाइज जैसे पलकें झपकाना, दूर-नजदीक फोकस करना,और आंखों को गोल-गोल घुमाना रोज करें।
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क्यों जरूरी: इससे आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचार बेहतर होता है।
पर्याप्त नींद
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क्या करें: रोज 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
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क्यों जरूरी: नींद आंखों को आराम देती है और उनकी मरम्मत में मदद करती है।
स्क्रीन टाइम कम करें
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क्या करें: 20-20-20 नियम अपनाएं – हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
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क्यों जरूरी: इससे आंखों पर तनाव कम होता है और ड्राई आई की समस्या से बचाव होता है।
धूप से सुरक्षा
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क्या करें: UV प्रोटेक्शन वाले सनग्लासेस पहनें।
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क्यों जरूरी: सूरज की हानिकारक किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
नियमित जांच
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क्या करें: हर 6-12 महीने में नेत्र रोग विशेषज्ञ से आंखों की जांच करवाएं।
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क्यों जरूरी: शुरुआती स्टेज में समस्याओं का पता लगने से इलाज आसान होता है।
हाइड्रेशन
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क्या करें: दिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं।
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क्यों जरूरी: पर्याप्त पानी आखों को नम रखता है और ड्राईनेस से बचाता है।
धूम्रपान और शराब से बचें
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क्या करें: सिगरेट और अत्यधिक शराब का सेवन न करें।
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क्यों जरूरी: ये आदतें मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन का खतरा बढ़ाती हैं।
वायरल दावों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। आंखों में बासी लार डालने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आपको आंखों से संबंधित कोई समस्या है तो तुरंत किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। अपनी आंखों का ख्याल रखें क्योंकि ये अनमोल हैं।
अगर आपके पास स्वास्थ्य से जुड़ा कोई सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। हम विशेषज्ञों की सलाह के साथ आपकी मदद करने की कोशिश करेंगे।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।