मध्यप्रदेश: 1.63 लाख लाड़ली बहनें हुईं अपात्र, 12 जनवरी को 1.26 करोड़ महिलाओं के खातों में ट्रांसफर होंगे 1250 रुपए
Ladli Bahna Yojana Patrata | भोपाल: मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत इस बार 1 लाख 63 हजार महिलाओं को 1250 रुपए की किस्त नहीं मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन्हें अपात्र घोषित किया है, क्योंकि इनकी उम्र 60 साल से अधिक हो चुकी है। विभाग ने पात्रता शर्तों के आधार पर इन महिलाओं के नाम सूची से हटा दिए हैं। अब जनवरी 2025 में केवल 1.26 करोड़ महिलाओं के खाते में यह राशि ट्रांसफर की जाएगी।
योजना में पात्र महिलाओं की संख्या घटी
इस योजना में पात्र महिलाओं की संख्या लगातार घट रही है। 2023 और 2024 में नए नाम नहीं जोड़े गए, बल्कि उम्र और अन्य शर्तों के आधार पर कई महिलाओं के नाम सूची से हटा दिए गए। योजना की शुरुआत में 1 करोड़ 31 लाख 35 हजार 985 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 2 लाख 18 हजार 858 नाम आपत्तियों के कारण हटाए गए। वर्तमान में यह संख्या घटकर 1 करोड़ 26 लाख से अधिक रह गई है।
किन शर्तों के कारण नाम हटाए जा रहे हैं?
योजना में महिलाओं को अपात्र घोषित करने की सबसे बड़ी वजह उनकी उम्र 60 साल पूरी होना है। इसके अलावा, जिन महिलाओं की मृत्यु हो जाती है, उनके नाम हर माह डिलीट कर दिए जाते हैं। वहीं, जो महिलाएं स्वयं लाभ का परित्याग करना चाहती हैं, वे लिखित में जानकारी देकर अपने नाम हटवा सकती हैं।
20वीं किस्त की तैयारी
जनवरी 2025 में योजना की 20वीं किस्त जारी की जाएगी। अनुमान है कि राशि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर दो अलग-अलग कार्यक्रमों में ट्रांसफर की जाएगी। इससे पहले, 11 दिसंबर 2024 को 1.28 करोड़ महिलाओं के खातों में 1572 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। योजना के तहत अब तक 19 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। इसके लिए सरकार ने 31 दिसंबर 2024 को 5000 करोड़ रुपए का कर्ज भी लिया, जिसका भुगतान 1 जनवरी 2025 को हो चुका है।
5 साल में 61,890 करोड़ रुपए का खर्च
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और उनके बच्चों के पोषण व स्वास्थ्य सुधार के उद्देश्य से 28 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू की गई थी। शुरू में हर महिला को 1000 रुपए दिए गए। बाद में इसे बढ़ाकर 1250 रुपए प्रति माह कर दिया गया। योजना के तहत मई 2023 में पहली किस्त जारी हुई। 2023-24 के बजट में इस योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। कुल 5 सालों में इस पर 61,890.84 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता पर जोर
महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि यह योजना प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित हो रही है। हालांकि, अपात्र महिलाओं के नाम कटने और नए नाम न जोड़ने के कारण पात्र महिलाओं की संख्या में लगातार कमी आ रही है। योजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, पात्रता के सख्त नियमों के कारण यह संख्या आगे भी घट सकती है। वहीं, सरकार इस योजना को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए इसे महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानती है। Ladli Bahna Yojana Patrata
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।