सिक्स लेन सड़कों पर चलने के नियम नहीं जानते हैं 85% लोग
जाने सुरक्षित यात्रा के लिए किन-किन यातायात नियमों का पालन करना आवश्यक है?
Lane discipline on Indian highways | भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल तेज़ी से फैलता जा रहा है और इन सड़कों की गुणवत्ता और लेन-संख्या में भी वृद्धि हो रही है। 6 लेन (Six-lane) वाले राष्ट्रीय राजमार्ग अब आम होते जा रहे हैं, जहां गाड़ियों की संख्या और गति दोनों ही अधिक होती है। ऐसे में यदि यात्री और चालक सही यातायात नियमों का पालन नहीं करते, तो दुर्घटनाओं की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। Lane discipline on Indian highways
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि 6 लेन हाईवे पर वाहन चलाते समय किन नियमों और सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि आप और आपके साथ यात्रा कर रहे लोग सुरक्षित रह सकें। Lane discipline on Indian highways
लेन अनुशासन (Lane Discipline) का पालन करें
6 लेन सड़क पर लेन अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण होता है। सड़क को सामान्यतः तीन भागों में बांटा जाता है:
- बाएं लेन (Left Lane): धीमी गति वाले वाहन जैसे ट्रक, ट्रैक्टर आदि के लिए।
- मध्य लेन (Middle Lane): सामान्य गति से चलने वाले कार, SUV आदि के लिए।
- दाएं लेन (Right Lane): ओवरटेकिंग (Overtaking) के लिए आरक्षित होती है।
बिना ज़रूरत के दाएं लेन पर चलना एक दंडनीय अपराध है और इससे पीछे आने वाले तेज़ वाहनों को परेशानी होती है।
ओवरटेक करते समय सावधानी बरतें
ओवरटेकिंग केवल दाईं ओर से करें।
- ओवरटेक करने से पहले साइड मिरर में पीछे देख लें कि कोई और वाहन ओवरटेक तो नहीं कर रहा।
- इंडिकेटर का प्रयोग अनिवार्य है।
- कभी भी मोड़ या क्रॉसिंग पर ओवरटेक ना करें।
स्पीड लिमिट का पालन करें
- हर हाईवे पर गति सीमा (Speed Limit) निर्धारित होती है:
- आमतौर पर कारों के लिए 80-100 किमी/घंटा।
- भारी वाहनों के लिए 60-80 किमी/घंटा।
अधिक गति पर वाहन चलाना नियंत्रण खोने और हादसे का मुख्य कारण बनता है।
हेलमेट और सीट बेल्ट का अनिवार्य प्रयोग
- दो पहिया वाहन पर हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
- चार पहिया वाहन में चालक और आगे बैठा यात्री दोनों को सीट बेल्ट पहनना ज़रूरी है।
कई लोग हाईवे पर लापरवाह होकर इन नियमों को नज़रअंदाज़ करते हैं, जो गंभीर चोटों या मौत का कारण बन सकता है।
मोबाइल फोन का प्रयोग न करें
ड्राइविंग करते समय मोबाइल का उपयोग करना ध्यान भटकाता है। कॉल, मैसेज या सोशलमीडिया का उपयोग करते समय वाहन की गति और दिशा पर ध्यान नहीं रहता।
यह एक संकटपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है, विशेषकर तेज़ रफ्तार हाईवे पर।
शराब पीकर गाड़ी चलाना पूर्णतः वर्जित
Drunk Driving न केवल अपराध है बल्कि आत्मघाती कदम भी है। पुलिस द्वारा विशेषकर हाईवे पर ब्रीथ एनालाइज़र टेस्ट किए जाते हैं और दोषी पाए जाने पर जुर्माना, जेल, या ड्राइविंगलाइसेंस रद्द हो सकता है।
वाहन की स्थिति जांच लें
लंबी दूरी और तेज़ रफ्तार की वजह से वाहन की स्थिति अच्छी होनी चाहिए। यात्रा पर निकलने से पहले यह जांच लें:
- टायर की स्थिति और प्रेशर।
- ब्रेक्स का सही तरह से काम करना।
- इंजन ऑयल और कूलेंट की मात्रा।
- लाइट्स और इंडिकेटर।
खराब वाहन तकनीकी समस्या उत्पन्न कर सकता है और हाईवे पर रुकना खतरनाक हो सकता है।
रुकने के लिए केवल निर्धारित स्थानों का प्रयोग करें
- 6 लेन हाईवे पर वाहन को बीच सड़क पर रोकना या किनारे खड़ा करना दुर्घटना को निमंत्रण देना है।
- विश्राम स्थल (Rest Areas), टोल प्लाज़ा या पेट्रोल पंप जैसी जगहों पर ही वाहन रोकें।
- इमरजेंसी होने पर हेज़र्डलाइट चालू करें और वाहन को साइड में खड़ा करें।
भारी वाहनों से उचित दूरी बनाए रखें
हाईवे पर ट्रक, डंपर, कंटेनर आदि भारी वाहन चलते हैं। इनसे उचित दूरी रखना ज़रूरी है क्योंकि:
- इनके ब्रेक लेने में समय लगता है।
- पीछे से ओवरटेक करना खतरनाक हो सकता है।
- इनके ब्लाइंड स्पॉट बड़े होते हैं।
रात्रिकालीन यात्रा के दौरान विशेष सावधानी
- हेडलाइट को हाई बीम पर केवल तब ही रखें जब सामने से कोईवाहन न आ रहा हो।
- रात्रि में नींद या थकान की स्थिति में ड्राइव न करें।
- रिफ्लेक्टर और रोशनी युक्त जैकेट का प्रयोग करें यदि पैदल या दोपहिया हैं।
टोल नियमों और फास्टैग का पालन करें
- फास्टैग अब सभी टोल प्लाज़ा पर अनिवार्य है।
- टोल पर लाइन में लगे रहकर धैर्य बनाए रखें।
- लेन बदलने या दूसरों को काटने से बचें।
आपातकालीन सेवाओं की जानकारी रखें
हाईवे पर कई बार वाहन खराब हो सकते हैं या कोई दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में इन आपातनंबरों को याद रखें:
- राष्ट्रीय आपदा नंबर: 112
- एम्बुलेंस: 108
- ट्रैफिक हेल्पलाइन: 1033 (NHAI की हेल्पलाइन)
यातायात संकेतों और बोर्ड्स का पालन करें
हाईवे पर दिशा, गति सीमा, मोड़, ब्रिज, टोल, रेस्ट एरिया आदि के लिए संकेत बोर्ड लगाए होते हैं। इन्हें नज़रअंदाज़ करना भारी नुकसान का कारण बन सकता है।
“Road Signs are Silent Speakers of Safety” – इन्हें समझना और मानना बेहद आवश्यक है।
धैर्य और शिष्टाचार बनाए रखें
- ओवरटेक करने वाले को रास्ता दें।
- हॉर्न का अनावश्यक प्रयोग न करें।
- गुस्से या जल्दबाज़ी में गलत निर्णय न लें।
यात्रा को केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी सुरक्षित बनाना हमारी जिम्मेदारी है।
मौसम के अनुसार वाहन चलाएं
बारिश, कोहरा या धुंध के दौरान दृश्यता कम होती है। ऐसे में:
- फॉग लाइट चालू करें।
- धीमी गति बनाए रखें।
- डिफॉगर और वाइपर सही तरह से काम कर रहे हों।
6 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन चलाना जितना सुविधाजनक है, उतना ही जिम्मेदारी भरा कार्य भी है। तेज़ रफ्तार और बड़ी लेनें चालक को भ्रम में डाल सकती हैं कि वह पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन एक छोटीसी चूक जानलेवा साबित हो सकती है।
हर चालक का कर्तव्य है कि वह यातायात नियमों का पालन करे, अनुशासित ड्राइविंग करे और अन्य यात्रियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखे। नियमों का पालन न सिर्फ जुर्माने से बचाता है, बल्किजीवन को बचाता है। Lane discipline on Indian highways
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।