लीसेस्टर में गणेश चतुर्थी के भगवा झंडे को ‘हिंदुत्व कट्टरवाद’ बताने पर बवाल, हिंदू संगठनों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

लीसेस्टर में गणेश चतुर्थी के भगवा झंडे को ‘हिंदुत्व कट्टरवाद’ बताने पर बवाल, हिंदू संगठनों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

Leicester_Hindu_Muslim_Tension |  ब्रिटेन के लीसेस्टर शहर में गणेश चतुर्थी के दौरान भगवा झंडे को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन (MCB) ने शोभायात्रा में भगवा झंडे के इस्तेमाल को ‘हिंदुत्व कट्टरवाद’ का प्रतीक बताकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। इस बयान के जवाब में हिंदू संगठनों ने इसे हिंदू धर्म और संस्कृति का अपमान करार देते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया है। हिंदू कम्युनिटी ऑर्गनाइजेशन ग्रुप (HCOG) ने इसे नफरत और सामुदायिक वैमनस्य फैलाने की साजिश बताया है, जिससे 2022 की हिंसा के जख्म फिर से हरे हो गए हैं। इस घटना ने एक बार फिर ब्रिटेन में हिंदू समुदाय की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव को लेकर सवाल खड़े किए हैं। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

28 अगस्त 2025 को मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन (MCB) ने एक बयान जारी कर गणेश चतुर्थी की शोभायात्रा में भगवा झंडे के उपयोग पर आपत्ति जताई। MCB ने दावा किया कि यह झंडा ‘हिंदुत्व अतिवाद’ से जुड़ा है और इसे ‘विभाजनकारी विदेशी राजनीति’ का हिस्सा बताया। संगठन ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन से ‘तत्काल कार्रवाई’ की मांग की, जिससे हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया।

लीसेस्टर में 40 से अधिक हिंदू संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले हिंदू कम्युनिटी ऑर्गनाइजेशन ग्रुप (HCOG) ने MCB के बयान को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत, भड़काऊ, और हिंदू समुदाय के लिए अपमानजनक’ करार दिया। HCOG के संयोजक विनोद पॉपट ने कहा, “भगवा झंडा (भगवा ध्वज) हिंदू धर्म का पवित्र प्रतीक है, जो सदियों से शांति, साहस, और सत्य का प्रतीक रहा है। इसे कट्टरवाद से जोड़ना न केवल हिंदुओं का अपमान है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है।” उन्होंने लीसेस्टर पुलिस में शिकायत दर्ज कर MCB के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

2022 की हिंसा की पुनरावृत्ति की आशंका

यह विवाद लीसेस्टर में 2022 की हिंसा की याद दिलाता है, जब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद फैलाई गई अफवाहों और गलत सूचनाओं ने हिंदू-मुस्लिम तनाव को भड़काया था। उस समय सोशल मीडिया पर झूठे दावे किए गए थे, जैसे हिंदुओं द्वारा ‘मुस्लिमों के खिलाफ नारे लगाना’ और ‘मस्जिद पर हमला’, जो बाद में पुलिस द्वारा खारिज कर दिए गए। इन अफवाहों के कारण हिंदू घरों, मंदिरों, और भगवा झंडों पर हमले हुए, एक हिंदू युवक को चाकू मारा गया, और मंदिरों के झंडे तोड़े गए।

नवंबर 2022 में हेनरी जैक्सन सोसाइटी (HJS) की एक रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि हिंसा का कारण ‘हिंदुत्व आतंकवाद’ नहीं, बल्कि इस्लामी दुष्प्रचार और सोशल मीडिया पर फैलाई गई गलत सूचनाएं थीं। इस रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने हिंदुओं को ‘RSS गुंडों’ और ‘हिंदुत्व अतिवादियों’ के रूप में चित्रित कर हिंसा को उचित ठहराने की कोशिश की थी।

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भगवा झंडे का महत्व और विवाद

हिंदू धर्म में भगवा झंडा (भगवा ध्वज) एक पवित्र प्रतीक है, जो त्याग, शांति, और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। यह गणेश चतुर्थी जैसे धार्मिक आयोजनों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। HCOG ने अपने बयान में कहा कि भगवा झंडे को ‘कट्टरवाद’ से जोड़ना हिंदू धर्म की मूल भावनाओं के खिलाफ है और इससे सामुदायिक तनाव बढ़ सकता है। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

MCB ने अपने बयान में 2022 की हिंसा का हवाला देते हुए दावा किया कि भगवा झंडा ‘बजरंग दल और अन्य हिंदुत्व संगठनों’ से जुड़ा है, जो ‘स्थानीय समुदायों में डर’ पैदा कर रहा है। हालांकि, हिंदू संगठनों ने इसे आधारहीन बताया और कहा कि यह हिंदू धर्म के प्रतीकों को बदनाम करने की साजिश है। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

लीसेस्टर की सामाजिक पृष्ठभूमि

लीसेस्टर ब्रिटेन के सबसे विविध शहरों में से एक है, जहां 33% मुस्लिम और 25% हिंदू आबादी है। 1960 और 1970 के दशक में भारत, पाकिस्तान, और पूर्वी अफ्रीका से आए प्रवासियों ने शहर को एक बहुसांस्कृतिक केंद्र बनाया। हालांकि, हाल के वर्षों में, विशेष रूप से 2022 की हिंसा के बाद, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत से आयातित ‘हिंदुत्व’ और अन्य धार्मिक कट्टरपंथी विचारधाराएं इस तनाव को बढ़ा रही हैं।

2022 में, सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों, जैसे एक मुस्लिम लड़की के अपहरण का झूठा दावा और कुरान के अपमान की खबरें, ने हिंसा को भड़काया। इन अफवाहों को कुछ प्रभावशाली सोशल मीडिया खातों और स्थानीय नेताओं द्वारा बढ़ावा दिया गया, जिसके कारण हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया।

हिंदू समुदाय की प्रतिक्रिया

HCOG ने MCB के बयान को ‘हिंदू-विरोधी’ और ‘नफरत फैलाने वाला’ बताते हुए लीसेस्टर पुलिस में शिकायत दर्ज की है। संगठन ने कहा कि MCB का बयान सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकता है और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को उकसा सकता है। हिंदू काउंसिल यूके ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई और कहा कि ‘हिंदुत्व’ शब्द का दुरुपयोग हिंदू धर्म को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

स्थानीय हिंदू नेता रमेश पटेल ने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन हमारे धार्मिक प्रतीकों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। भगवा झंडा हमारी आस्था का हिस्सा है, और इसे कट्टरवाद से जोड़ना पूरी तरह गलत है।” उन्होंने ब्रिटिश सरकार और स्थानीय प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

MCB का पक्ष और विवाद का विस्तार

MCB ने अपने बयान में 2022 की हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि भगवा झंडा ‘स्थानीय समुदायों में भय’ पैदा कर रहा है और इसे ‘हिंदुत्व की विभाजनकारी राजनीति’ का हिस्सा बताया। संगठन ने हिंदू काउंसिल, पुलिस, और सामुदायिक नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की बात कही, लेकिन हिंदू संगठनों ने इसे ‘प्रचार’ करार दिया। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि MCB का बयान 2022 की हिंसा के बाद बनी तनावपूर्ण स्थिति को और भड़का सकता है। हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इस तरह के बयानों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह हिंदू समुदाय के लिए सुरक्षा खतरा बन सकता है। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

2022 की हिंसा का सबक

2022 की हिंसा ने दिखाया था कि कैसे सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं और अफवाहें सामुदायिक हिंसा को भड़का सकती हैं। हेनरी जैक्सन सोसाइटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि हिंसा के लिए ‘हिंदुत्व आतंकवाद’ का कोई सबूत नहीं मिला, बल्कि इस्लामी कट्टरपंथियों और उनके सहयोगियों द्वारा फैलाई गई गलत सूचनाओं ने हिंसा को बढ़ावा दिया।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि कुछ मीडिया संस्थानों, जैसे बीबीसी और द गार्जियन, ने गलत सूचनाओं को बढ़ावा देकर हिंदू समुदाय को खतरे में डाला। इस बार भी, हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि MCB का बयान उसी पैटर्न को दोहरा रहा है, जिससे सामुदायिक तनाव बढ़ सकता है।

लीसेस्टर की यह घटना ब्रिटेन में बढ़ते धार्मिक तनाव और सामुदायिक वैमनस्य का प्रतीक है। हिंदू संगठनों ने ब्रिटिश सरकार और स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि वे MCB के बयान की जांच करें और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने मीडिया से आग्रह किया है कि वे गलत सूचनाओं को बढ़ावा न दें और तथ्यों की जांच करें। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

विशेषज्ञों का कहना है कि लीसेस्टर जैसे बहुसांस्कृतिक शहर में सामुदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को संयम और संवाद की आवश्यकता है। ब्रिटिश सरकार को धार्मिक प्रतीकों के दुरुपयोग और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। Leicester_Hindu_Muslim_Tension

लीसेस्टर के हिंदू और मुस्लिमसमुदायों ने पहले भी एकजुट होकरशांति की अपील की थी, और अब भी दोनोंसमुदायों के नेताओं से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस विवाद को सुलझाने के लिए संवाद और सहयोग की दिशा में काम करें। Leicester_Hindu_Muslim_Tension


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