उज्जैन में आज भगवान महाकाल की पांचवी सवारी: पांच स्वरूपों में दर्शन, जनजातीय नृत्य और धार्मिक झांकियों से सजेगी भव्य शोभा

उज्जैन में आज भगवान महाकाल की पांचवी सवारी: पांच स्वरूपों में दर्शन, जनजातीय नृत्य और धार्मिक झांकियों से सजेगी भव्य शोभा

Mahakaleshwar 5th Sawari | उज्जैन, मध्य प्रदेश का पवित्र शहर, आज 11 अगस्त 2025 को भगवान महाकाल की पांचवी सवारी के भव्य आयोजन के लिए तैयार है। सावन और भाद्रपद मास में निकलने वाली इस परंपरागत सवारी में आज भगवान महाकालेश्वर अपने भक्तों को पांच विभिन्न स्वरूपों में दर्शन देंगे। यह सवारी भाद्रपद मास की पहली और कुल मिलाकर पांचवी सवारी है, जो शाम 4 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होगी। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु उज्जैन की गलियों में ‘जय महाकाल’ के जयकारों के साथ उमड़ेंगे। सवारी की शोभा को और भव्य बनाने के लिए जनजातीय लोकनृत्य, धार्मिक झांकियां, और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित चलित रथ शामिल होंगे। साथ ही, लाइव प्रसारण की व्यवस्था से दूर-दराज के भक्त भी इस पवित्र दृश्य का हिस्सा बन सकेंगे। Mahakaleshwar 5th Sawari


पांच स्वरूपों में भगवान महाकाल के दर्शन

भगवान महाकाल की पांचवी सवारी में उनके पांच अलग-अलग स्वरूप श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे, जो इस प्रकार हैं:

  1. पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर: भगवान महाकाल का यह स्वरूप शांति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। पालकी में विराजमान होकर वे नगर भ्रमण करेंगे।
  2. गजराज पर श्री मनमहेश: हाथी पर सवार यह स्वरूप भक्तों के मन को मोहने वाला और भव्य है।
  3. गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव: भगवान शिव का तांडव स्वरूप ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है, जो गरुड़ रथ पर विराजमान होगा।
  4. नंदी रथ पर श्री उमा-महेश: भगवान शिव और माता पार्वती का यह संयुक्त स्वरूप प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
  5. डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट का मुखारविंद: होलकर राजवंश की परंपरा को दर्शाने वाला यह स्वरूप ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।

सवारी से पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल भगवान की पालकी को सलामी देगा, जो इस परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। Mahakaleshwar 5th Sawari


सवारी का पारंपरिक मार्ग

पांचवी सवारी अपने पारंपरिक मार्ग पर नगर भ्रमण करेगी, जिससे उज्जैन की गलियां भक्ति के रंग में रंग जाएंगी। सवारी का मार्ग इस प्रकार होगा:

  • प्रारंभ: श्री महाकालेश्वर मंदिर
  • मार्ग: महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी
  • रामघाट: यहां क्षिप्रा नदी के पवित्र जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाएगा।
  • वापसी: रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, और अंत में पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर।

सवारी शाम 4 बजे शुरू होकर लगभग 7 बजे मंदिर लौटेगी। इस दौरान भक्तों का उत्साह और ‘जय महाकाल’ के जयकारे उज्जैन की फिजा को भक्तिमय बनाएंगे।


जनजातीय नृत्य: सांस्कृतिक विरासत की झलक

सवारी को और आकर्षक बनाने के लिए मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, और त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय के सहयोग से चार जनजातीय और लोकनृत्य दलों की प्रस्तुतियां होंगी। ये नृत्य मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे:

  1. गोंड जनजातीय ठाट्या नृत्य: बैतूल से मिलाप इवने के नेतृत्व में यह नृत्य गोंड जनजाति की परंपराओं को दर्शाएगा।
  2. कछियाई लोक नृत्य: खजुराहो से गणेश रजक के नेतृत्व में यह नृत्य क्षेत्रीय लोक संस्कृति की जीवंतता को प्रस्तुत करेगा।
  3. बधाई लोक नृत्य: दमोह से पंकज नामदेव के नेतृत्व में यह नृत्य उत्सव और खुशी का प्रतीक है।
  4. गेड़ी जनजातीय नृत्य: डिंडोरी से सुखीराम मरावी के नेतृत्व में यह नृत्य जनजातीय परंपराओं की अनूठी झलक देगा।

ये नृत्य सवारी के मार्ग पर भक्तों का मनोरंजन करेंगे और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देंगे।

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धार्मिक झांकियां: मध्य प्रदेश की तीर्थ यात्रा

सवारी में मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की थीम पर आधारित झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी। ये झांकियां न केवल धार्मिक महत्व को दर्शाएंगी, बल्कि प्रदेश के तीर्थ स्थलों को भी बढ़ावा देंगी। शामिल झांकियां इस प्रकार हैं:

  1. श्री राजाराम लोक, ओरछा: भगवान राम की भक्ति और ओरछा की ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करेगी।
  2. सर्वसिद्धि मां बगलामुखी माता मंदिर: इस झांकी में मां बगलामुखी की शक्ति और भक्ति को दर्शाया जाएगा।
  3. मां शारदा शक्तिपीठ, मैहर: मां शारदा के पवित्र तीर्थ की झलक भक्तों को आकर्षित करेगी।
  4. देवीलोक मां बिजासन धाम, सलकनपुर: मां बिजासन की महिमा को प्रदर्शित करने वाली यह झांकी भक्तों में श्रद्धा जागृत करेगी।

ये झांकियां मध्य प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेंगी, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक दोनों आकर्षित होंगे।


लाइव प्रसारण और आधुनिक सुविधाएं

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। सवारी के दौरान एक चलित रथ होगा, जिसमें दोनों ओर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। इन स्क्रीनों पर सवारी का लाइव प्रसारण होगा, जिससे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, और दत्त अखाड़ा जैसे क्षेत्रों में रहने वाले भक्त बिना भीड़भाड़ के दर्शन कर सकेंगे। यह आधुनिक तकनीक का उपयोग न केवल भक्तों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि सवारी के दर्शन को अधिक व्यापक बनाएगा। Mahakaleshwar 5th Sawari


सवारी की तैयारियां और सुरक्षा

महाकालेश्वर मंदिर समिति और जिला प्रशासन ने सवारी के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। सवारीमार्ग पर साफ-सफाई, बैरिकेडिंग, और मेडिकल सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। सुरक्षा के लिए पुलिस बल और सशस्त्र बल तैनात होंगे, जो सवारी के सुचारूसंचालन को सुनिश्चित करेंगे। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यातायात व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है। Mahakaleshwar 5th Sawari


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