महाकुंभ में भगदड़: संगम तट पर बड़ा हादसा, 40 श्रद्धालुओं की मौत, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

महाकुंभ में भगदड़: संगम तट पर बड़ा हादसा, 40 श्रद्धालुओं की मौत, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

Mahakumbh Bhagdad | प्रयागराज (Prayagraj) के संगम तट (Sangam Ghat) पर मंगलवार-बुधवार की रात एक भयावह भगदड़ (Stampede) मच गई, जिसमें 40 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। प्रशासन ने अब तक इस घटना को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन खबरों के अनुसार, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। Mahakumbh Bhagdad

कैसे हुआ हादसा?

महाकुंभ (Mahakumbh) में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के अमृत स्नान (Holy Bath) के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचे थे। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ पांटून पुल (Pontoon Bridges) बंद कर दिए थे, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही बाधित हुई। इसी दौरान बैरिकेड्स (Barricades) में फंसकर कुछ लोग गिर पड़े, जिससे भगदड़ मच गई।

हादसे की दूसरी प्रमुख वजह यह रही कि संगम नोज (Sangam Nose) पर एंट्री (Entry) और एग्जिट (Exit) के रास्ते अलग नहीं थे। लाखों लोग उसी रास्ते से वापस लौटने लगे, जिससे अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ शुरू हो गई। इस आपाधापी में कई लोग एक-दूसरे पर गिरते गए और घायलों की संख्या बढ़ती चली गई।

बचाव और राहत कार्य

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन सक्रिय हो गया। करीब 70 से अधिक एम्बुलेंस (Ambulance) मौके पर भेजी गईं और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। इसके अलावा, संगम क्षेत्र में एनएसजी कमांडो (NSG Commandos) की तैनाती कर दी गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज से सटे अन्य जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हेलिकॉप्टर (Helicopter) से निगरानी शुरू कर दी है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) से चार बार फोन पर बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया। वहीं, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी लगातार अपडेट ले रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं और श्रद्धालुओं को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की।

श्रद्धालुओं के लिए नया निर्देश

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम नोज पर अनावश्यक भीड़ न बढ़ाएं। इसके बजाय, प्रयागराज के 15-20 किलोमीटर के दायरे में बनाए गए अस्थायी घाट (Ghats) पर स्नान करें।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रशासन को 8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना थी। इससे पहले मंगलवार को करीब 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी (Dip) लगाई थी। पूरे प्रयागराज में इस दौरान 60 हजार से ज्यादा सुरक्षा बल (Security Forces) तैनात किए गए हैं।

अखाड़े दिन में करेंगे स्‍नान

भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों (Akhadas) ने अमृत स्नान को स्थगित कर दिया था, लेकिन बाद में बैठक कर तय किया कि वे 11 बजे के बाद संगम में स्नान करेंगे।

सीएम ने की अफवाहों से बचने की अपील

सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि घटना के बाद से हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं और श्रद्धालुओं को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा (Safety) के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

  • भीड़ प्रबंधन (Crowd Management) को और सख्त बनाया जाएगा।
  • संगम क्षेत्र में प्रवेश नियंत्रित किया जाएगा।
  • श्रद्धालुओं को अन्य घाटों की ओर भेजा जाएगा।
  • हेलिकॉप्टर और ड्रोन (Drone) से निगरानी बढ़ाई जाएगी।

महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है और हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। प्रशासन की कोशिश है कि आगे कोई और दुर्घटना न हो और श्रद्धालु सुरक्षित रहें। Mahakumbh Bhagdad


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