इस तरह याद रखा जाएगा महाकुंभ 2025

इस तरह याद रखा जाएगा महाकुंभ 2025

Mahakumbh concluded | महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन 45 दिनों तक चला और इसने कई रिकॉर्ड स्थापित किए। इस महापर्व में 66 करोड़ 22 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जो अपने आप में एक अद्वितीय उपलब्धि है। यह संख्या भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 50 प्रतिशत है और कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। इस महाकुंभ ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट किया, बल्कि यह एक सामाजिक एकता का प्रतीक भी बना। Mahakumbh concluded

महाकुंभ का महत्व और भव्यता

महाकुंभ का आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह एक सामाजिक एकता का भी उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस बार महाकुंभ ने भव्यता और दिव्यता के मामले में एक नया मानक स्थापित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाकुंभ की शुरुआत से पहले एकता का संकल्प लिया था, जो इस आयोजन में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। इस महाकुंभ ने विभिन्न धर्मों, जातियों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाने का कार्य किया, जिससे एकता और भाईचारे का संदेश फैलाया गया।

स्नान पर्वों की भीड़

महाकुंभ के दौरान 6 प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या सबसे अधिक रही। विशेष रूप से, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण तिथियों पर भी लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में डुबकी लगाई। इस दौरान, श्रद्धालुओं ने न केवल स्नान किया, बल्कि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में भी भाग लिया, जिससे इस महापर्व की धार्मिक महत्ता और भी बढ़ गई।

अखाड़ों की उपस्थिति

इस महाकुंभ में सभी 13 अखाड़ों ने भाग लिया, जिन्होंने परंपरा के अनुसार अमृत स्नान में पुण्य डुबकी लगाई। जूना अखाड़े का अनुगामी किन्नर अखाड़ा इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। विभिन्न अखाड़ों ने दीक्षा कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन किया और महामंडलेश्वर समेत अन्य पदों पर नियुक्तियां कीं। इस बार अखाड़ों ने न केवल धार्मिक अनुष्ठान किए, बल्कि समाज सेवा के कार्यों में भी भाग लिया, जैसे कि स्वास्थ्य शिविर और शिक्षा कार्यक्रम।

महाकुंभ नगरी का निर्माण

महाकुंभ को भव्य बनाने के लिए योगी सरकार ने 4000 हेक्टेयर में महाकुंभ नगर का निर्माण किया। पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टर में विभाजित किया गया, जिसमें 12 किलोमीटर में पक्के घाटों का निर्माण किया गया। इसके अलावा, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 31 पांटून पुल, 67 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट्स, 1.5 लाख शौचालय और 25 हजार पब्लिक एकमोडेशन की व्यवस्था की गई। इस आयोजन के लिए 7000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई, जबकि केंद्र सरकार के सहयोग से कुल 15 हजार करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया। इस भव्य आयोजन के लिए सुरक्षा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया, जिससे श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव मिल सके।

राजनीतिक और सामाजिक सहभागिता

महाकुंभ में न केवल आम जनता, बल्कि राजनीतिक नेताओं, उद्योगपतियों और बॉलीवुड सितारों ने भी भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और कई केंद्रीय मंत्रियों ने संगम में स्नान किया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मंत्रिमंडल की बैठकें भी इस महाकुंभ के दौरान आयोजित की गईं। इस प्रकार, महाकुंभ ने न केवल धार्मिक, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक संवाद को भी बढ़ावा दिया।

बॉलीवुड और खेल जगत की उपस्थिति

महाकुंभ में बॉलीवुड के कई सितारे जैसे अक्षय कुमार, कट्रीना कैफ, और विक्की कौशल ने भी भाग लिया। खेल जगत के दिग्गज जैसे सुनील गावस्कर, साइना नेहवाल, और अनिल कुंबले ने भी संगम में स्नान किया और साधु संतों का आशीर्वाद लिया। इन सभी की उपस्थिति ने महाकुंभ को और भी आकर्षक बना दिया और इसे एक सांस्कृतिक महोत्सव का रूप दिया। Mahakumbh concluded

डिजिटल महाकुंभ का आगाज

इस बार महाकुंभ का एक प्रमुख आकर्षण डिजिटल महाकुंभ रहा। पहली बार महाकुंभ की वेबसाइट और एप्लिकेशन लॉन्च की गई, जिससे श्रद्धालुओं को जानकारी और सुविधाएं प्रदान की गईं। गूगल के साथ नेवीगेशन के लिए एमओयू किया गया, जिससे लोगों को बेहतर मार्गदर्शन मिला। इसके अलावा, डिजिटल खोया-पाया केंद्र के माध्यम से हजारों लोगों को उनके परिजनों से मिलाने में सफलता मिली, जिससे यह आयोजन और भी मानवीय बन गया।

सीएम योगी की सक्रियता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की लगातार मॉनीटरिंग की। उन्होंने 45 दिनों में 10 बार महाकुंभ का दौरा किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उनकी सक्रियता ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सभी अखाड़ों, साधु संतों और श्रद्धालुओं से संवाद किया, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

महाकुंभ 2025 ने न केवल आध्यात्मिकता को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी सशक्त किया। यह आयोजन एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाएगा, जिसने लाखों लोगों को एक साथ लाने का कार्य किया। महाकुंभ का यह संस्करण निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में एक प्रेरणा स्रोत बनेगा, जो न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करेगा, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी फैलाएगा। इस महाकुंभ ने यह सिद्ध कर दिया कि जब लोग एकजुट होते हैं, तो वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और एक नई दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। Mahakumbh concluded


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