संगम तट पर आस्था की डुबकी… महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं का सैलाब
Mahakumbh Mahashivratri Snan Updates | महाकुंभ के छठे और अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का जन सागर एक बार फिर उफान पर है। तीर्थनगरी में आज लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, और इस दिन दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने की संभावना जताई जा रही है।
महाकुंभ के इस विशेष अवसर पर, श्रद्धालुओं की भीड़ ने संगम क्षेत्र को भक्ति और आस्था से भर दिया है। आधी रात से ही श्रद्धालु पुण्यकाल और मुहूर्त का इंतजार किए बिना संगम की ओर बढ़ रहे हैं। संगम जाने वाली सड़कों पर हर दिशा में जन प्रवाह नजर आ रहा है, और सभी मार्ग श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे हुए हैं।
त्रिवेणी बांध से लेकर संगम तक के मार्गों पर भीड़ का तांता लगा हुआ है। मेला प्रशासन के अनुसार, मंगलवार रात आठ बजे तक 1.30 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगा ली थी। बुधवार सुबह 6:00 बजे तक ही 40 लाख से अधिक लोग स्नान कर चुके थे। इस प्रकार, स्नानार्थियों की कुल संख्या 65 करोड़ पार कर गई है, जो कि महाकुंभ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
महाशिवरात्रि और महाकुंभ के अंतिम स्नान के लिए मेला प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। संगम पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिससे वातावरण में भक्ति का एक अद्भुत माहौल बना हुआ है। संगम के घाटों पर हर तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही है, जो सिर पर गठरी और कंधे पर झोला लिए संगम की ओर बढ़ रहे हैं।
रास्ते भर श्रद्धालुओं ने “जय गंगा मैया”, “हर-हर महादेव” और “जय श्रीराम” के गगनभेदी जयघोष लगाते हुए वातावरण को भक्तिमय बना दिया है। आस्था और भक्ति की लहरों के बीच संगम से लेकर शहर तक कहीं तिल रखने की जगह नहीं बची है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सुबह से ही सक्रिय नजर आए। उन्होंने सभी अमृत स्नान और स्नान पर्व की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए सुबह तड़के चार बजे से ही कंट्रोल रूम में पहुंचकर व्यवस्थाओं की निगरानी की। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
इस प्रकार, महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर संगम में श्रद्धालुओं की भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। यह पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज में एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है।
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