जानिए चन्‍द्रमा आपके जीवन पर क्‍या प्रभाव डालता है

Moon influence in astrology | ज्‍योतिष शास्‍त्र में चन्‍द्रमा का प्रभाव: जन्‍म कुण्‍डली में उच्‍च और नीच चन्‍द्रमा के प्रभाव

Moon influence in astrology | ज्‍योतिष शास्‍त्र (Astrology) में चन्‍द्रमा (Moon) का विशेष महत्‍व है। चन्‍द्रमा को मन और भावना का प्रतीक माना जाता है। यह व्‍यक्ति की मानसिक स्थिति, भावनाएं, विचारधारा, मातृत्‍व और आंतरिक शांति का प्रतिनिधित्‍व करता है। जन्‍म कुण्‍डली में चन्‍द्रमा की स्थिति से यह ज्ञात होता है कि व्‍यक्ति की मानसिक स्थिति कैसी रहेगी और उसके जीवन में भावनाओं का कितना महत्‍व होगा। यदि चन्‍द्रमा की स्थिति अच्‍छी हो, तो व्‍यक्ति का मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य अच्‍छा रहता है, लेकिन यदि इसकी स्थिति खराब हो, तो व्‍यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता, और भावनात्‍मक समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है।

चन्‍द्रमा का महत्‍व

ज्‍योतिष शास्‍त्र में चन्‍द्रमा को रात का राजा (King of the Night) कहा गया है। इसका संबंध जल तत्‍व (Water Element) से है, जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। चन्‍द्रमा के शुभ प्रभाव से व्‍यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। इसके विपरीत, अगर चन्‍द्रमा नीच (Debilitated) हो, तो यह व्‍यक्ति के जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयां और समस्‍याएं ला सकता है।

चन्‍द्रमा का सीधा संबंध व्‍यक्ति की मातृ शक्ति (Motherhood) से भी है। यदि चन्‍द्रमा शुभ हो तो व्‍यक्ति को मां का पूर्ण सहयोग और प्रेम प्राप्‍त होता है। वहीं, चन्‍द्रमा की अशुभ स्थिति मातृ संबंधों में भी कठिनाईयों का कारण बन सकती है। इसे मां के प्रति भावनात्‍मक दूरी के रूप में देखा जा सकता है। Moon influence in astrology

जन्‍म कुण्‍डली में चन्‍द्रमा का उच्‍च होना

अगर किसी व्‍यक्ति की जन्‍म कुण्‍डली में चन्‍द्रमा उच्‍च (Exalted Moon) का हो, तो इसका मतलब है कि व्‍यक्ति का चन्‍द्रमा बहुत ही मजबूत और प्रभावशाली स्थिति में है। उच्‍च का चन्‍द्रमा आमतौर पर वृषभ राशि (Taurus Sign) में होता है और यह व्‍यक्ति के जीवन में कई शुभ प्रभाव डालता है। Moon influence in astrology

  1. मानसिक संतुलन (Mental Balance): उच्‍च का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को मानसिक रूप से संतुलित और मजबूत बनाता है। इसका मतलब है कि व्‍यक्ति जीवन की कठिनाइयों का सामना धैर्य और समझदारी से करता है।
  2. भावनात्‍मक स्थिरता (Emotional Stability): उच्‍च का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है। इससे वह अपने संबंधों में स्थिरता और संतुलन बनाए रखता है।
  3. सकारात्मकता (Positivity): उच्‍च का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति में सकारात्मकता का संचार करता है। यह व्‍यक्ति जीवन को सकारात्‍मक दृष्टिकोण से देखता है और हर परिस्थिति में अच्‍छाई ढूंढने की क्षमता रखता है।
  4. सामाजिक संबंध (Social Connections): उच्‍च का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को अच्‍छे सामाजिक संबंध बनाने और निभाने में मदद करता है। ऐसे लोग अच्‍छे दोस्त और परामर्शदाता होते हैं।
  5. धन-संपत्ति (Wealth): उच्‍च का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को धन-संपत्ति और समृद्धि का वरदान देता है। यह व्‍यक्ति की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है और उसे जीवन में सुख-सुविधाएं प्रदान करता है।

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जन्‍म कुण्‍डली में चन्‍द्रमा का नीच होना

जब किसी व्‍यक्ति की जन्‍म कुण्‍डली में चन्‍द्रमा नीच (Debilitated Moon) का होता है, तो इसका मतलब है कि चन्‍द्रमा कमजोर स्थिति में है। यह स्थिति आमतौर पर वृश्चिक राशि (Scorpio Sign) में होती है। नीच का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्‍याओं और कठिनाइयों का कारण बन सकता है। Moon influence in astrology

  1. मानसिक अस्थिरता (Mental Instability): नीच का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को मानसिक अस्थिरता प्रदान करता है। इसका मतलब है कि व्‍यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद जैसी समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  2. भावनात्‍मक अस्थिरता (Emotional Imbalance): नीच का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को भावनात्‍मक अस्थिरता देता है। ऐसे लोग जल्‍दी भावनाओं में बह जाते हैं और छोटी-छोटी बातों पर तनावग्रस्‍त हो जाते हैं।
  3. नकारात्मकता (Negativity): नीच का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति में नकारात्मकता का संचार करता है। इसका मतलब है कि व्‍यक्ति जीवन को नकारात्‍मक दृष्टिकोण से देखता है और हर स्थिति में बुराई ढूंढता है।
  4. सामाजिक दूरी (Social Isolation): नीच का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को सामाजिक रूप से अलग-थलग कर देता है। ऐसे लोग समाज में घुल-मिल नहीं पाते और अकेलापन महसूस करते हैं।
  5. धन की कमी (Lack of Wealth): नीच का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर देता है। यह व्‍यक्ति को जीवन में धन-संपत्ति की कमी का सामना करना पड़ता है।

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चन्‍द्रमा के उपाय

चन्‍द्रमा की स्थिति को सुधारने के लिए ज्‍योतिष शास्‍त्र में कई उपाय बताए गए हैं। यदि किसी व्‍यक्ति का चन्‍द्रमा कमजोर या नीच का हो, तो उसे निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:

  1. चन्‍द्रमा का मंत्र जप (Chanting Moon Mantras): “ऊं सोमाय नम:” मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करना चाहिए। इससे चन्‍द्रमा की शक्ति में वृद्धि होती है।
  2. सफेद वस्‍त्र धारण (Wear White Clothes): सफेद वस्‍त्र धारण करने से चन्‍द्रमा का प्रभाव अच्‍छा होता है, क्‍योंकि सफेद रंग चन्‍द्रमा से जुड़ा होता है।
  3. चांदी धारण (Wear Silver): चांदी की अंगूठी या कड़ा धारण करने से चन्‍द्रमा की ऊर्जा प्रबल होती है।
  4. गाय को खाना खिलाना (Feeding Cows): प्रतिदिन गाय को रोटी या अन्‍य खाद्य पदार्थ खिलाने से चन्‍द्रमा की स्थिति सुधरती है।
  5. मां का आदर (Respect for Mother): मां का आदर और सेवा करने से भी चन्‍द्रमा की स्थिति में सुधार होता है।

चन्‍द्रमा ज्‍योतिष शास्‍त्र में एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण ग्रह है। इसकी स्थिति से व्‍यक्ति के मानसिक और भावनात्‍मक जीवन का पता चलता है। उच्‍च का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है, जबकि नीच का चन्‍द्रमा व्‍यक्ति को मानसिक और भावनात्‍मक कठिनाइयों का सामना करवाता है। ज्‍योतिषीय उपायों से चन्‍द्रमा की स्थिति में सुधार किया जा सकता है, जिससे व्‍यक्ति को जीवन में मानसिक और भावनात्‍मक स्थिरता प्राप्‍त होती है। Moon influence in astrology

 

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