क्या है भावांतर योजना? एमपी के सोयाबीन किसानों को मिलेगा बोनस, जानें कैसे लाभ उठाएं

क्या है भावांतर योजना? एमपी के सोयाबीन किसानों को मिलेगा बोनस, जानें कैसे लाभ उठाएं

MP Bhavantar Yojana | मध्य प्रदेश में किसानों के लिए मोहन यादव सरकार ने एक बड़ी राहत की घोषणा की है। प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के हित में भावांतर योजना को फिर से लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर जिले के जैसीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए इस योजना की शुरुआत का ऐलान किया। इस योजना से सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिक्री होने पर किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। आइए विस्तार से जानते हैं कि भावांतर योजना क्या है, किन किसानों को इसका लाभ मिलेगा और इसे कैसे प्राप्त करें। MP Bhavantar Yojana

भावांतर योजना क्या है?

भावांतर योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण कृषि नीति है, जो किसानों को फसल बिक्री के बाजार मूल्य और एमएसपी के बीच के अंतर की राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करके प्रदान करती है। यह योजना मूल रूप से 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी, जिसकी व्यापक सराहना हुई थी। वर्तमान में, सोयाबीन फसल के लिए इसे पुनः सक्रिय किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोयाबीन का एमएसपी 5,328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यदि बाजार में सोयाबीन 5,000 रुपये प्रति क्विंटल या इससे कम दाम पर बिकती है, तो सरकार कम से कम 328 रुपये (या अधिक) का बोनस किसानों को देगी। उद्देश्य है कि किसानों को कभी भी घाटा न हो और उन्हें एमएसपी के बराबर लाभ मिले।

किन किसानों को मिलेगा लाभ?

  • सोयाबीन उत्पादक किसान: मुख्य रूप से वे किसान जो मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती करते हैं और मंडियों में अपनी फसल बेचते हैं। यदि फसल एमएसपी से कम दाम पर बिकती है, तो योजना के तहत अंतर की राशि उनके खाते में जमा होगी।
  • फसल क्षति प्रभावित किसान: यदि सोयाबीन की फसल बारिश, रोग या कीटों के कारण खराब हो गई है, तो इन किसानों को अलग से मुआवजा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों (जैसे शाजापुर, रतलाम) में हर खेत का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नुकसान की भरपाई की जाएगी। यह योजना पूरे प्रदेश के किसानों के लिए है, लेकिन विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लाभकारी होगी जहां सोयाबीन की खेती प्रमुख है।

लाभ कैसे उठाएं?

  1. पंजीकरण प्रक्रिया: जल्द ही भावांतर योजना के लिए पंजीकरण शुरू होगा। किसानों को स्थानीय कृषि विभाग या मंडी कार्यालय में जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अपना आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और फसल बिक्री का रिकॉर्ड तैयार रखें।
  2. फसल बिक्री: पहले की तरह मंडियों में सोयाबीन बेचें। बिक्री के बाद, बाजार मूल्य और एमएसपी के अंतर की गणना विभाग द्वारा की जाएगी।
  3. भुगतान: अंतर की राशि सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगी।
  4. मुआवजा के लिए: फसल क्षति के मामले में, सर्वे टीम के आने पर सहयोग करें। सर्वे के बाद मुआवजा राशि जारी की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क करें।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि किसानों का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस योजना से न केवल आर्थिक नुकसान की भरपाई होगी, बल्कि किसानों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) ने भी 2025-26 सीजन के लिए ऐसी योजना की मांग की थी, जो अब पूरी हो रही है। MP Bhavantar Yojana


यह भी पढ़ें…
दशहरे पर बुध के तुला राशि में गोचर से बनेगा बुध-मंगल योग, तुला सहित इन 5 राशियों को मिलेगा लाभ और विजय

 

Leave a Comment

अहान पांडे कौन हैं? साउथ के मशहूर विलेन कोटा श्रीनिवास का निधन Kota Srinivasa Rao death news शर्मनाक जांच! ठाणे के स्कूल में छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए अर्चिता फुकन और Kendra Lust की वायरल तस्‍वीरें! जानिए Babydoll Archi की हैरान कर देने वाली कहानी बाइक और स्कूटर चलाने वालों के लिए बड़ी खबर! Anti-Lock Braking System लो हो गया पंचायत सीजन 4 रिलीज, यहां देखें