मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में बड़ा बदलाव, अब दो मुख्य परीक्षाएं होंगी

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मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षाओं में बड़ा बदलाव, अब दो मुख्य परीक्षाएं होंगी

Mp Board Exam | मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) ने 10वीं (Class 10) और 12वीं (Class 12) की परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब छात्रों को परीक्षा में असफल (Fail) होने के बाद दोबारा अवसर मिलेगा। इस नए फैसले के तहत पूरक परीक्षा (Supplementary Exam) की जगह द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा (Second Main Exam) आयोजित की जाएगी। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy – NEP) के तहत लागू किया गया है।

 

क्या है नया बदलाव?

पहले यदि कोई विद्यार्थी किसी एक विषय में फेल होता था, तो उसे पूरक परीक्षा देने का मौका मिलता था। लेकिन अब पूरक परीक्षा (Supplementary Exam) को समाप्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर दो मुख्य परीक्षाएं (Two Main Exams) आयोजित की जाएंगी। पहली परीक्षा नियमित समय पर और दूसरी परीक्षा जुलाई में आयोजित होगी। दूसरी परीक्षा उन छात्रों के लिए होगी जो पहली परीक्षा में असफल हो जाते हैं या अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं।

 

कब से लागू होगा यह बदलाव?

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) की यह नई परीक्षा प्रणाली शैक्षणिक सत्र 2024-25 (Academic Session 2024-25) से लागू होगी। मंडल की साधारण सभा (Board’s General Assembly) की बैठक में यह निर्णय लिया गया और इसे शासन (Government) को प्रस्ताव के रूप में भेजा गया है। जल्दी ही इसे अंतिम रूप देकर आधिकारिक घोषणा की जाएगी।

 

कैसे होगा परीक्षा का आयोजन?

  • पहली मुख्य परीक्षा फरवरी-मार्च में होगी।
  • पहली परीक्षा के परिणाम के बाद, जुलाई में दूसरी मुख्य परीक्षा होगी।
  • जो छात्र पहली परीक्षा में असफल होंगे, वे दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
  • छात्र यदि चाहें तो एक या सभी विषयों की परीक्षा दोबारा दे सकते हैं।
  • छात्र के दोनों परीक्षाओं में प्राप्त अंकों में से बेहतर अंक (Best Score) को फाइनल रिजल्ट में शामिल किया जाएगा।

 

कितने विद्यार्थी होंगे प्रभावित?

हर साल मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं (Class 10) और 12वीं (Class 12) परीक्षा में लगभग 18 लाख (1.8 Million Students) छात्र भाग लेते हैं। इनमें से हजारों विद्यार्थी पूरक (Supplementary) या फेल (Fail) हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, पिछले वर्ष लगभग 2.20 लाख (220,000) विद्यार्थी पूरक परीक्षा के पात्र थे, जबकि 5.60 लाख (560,000) विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए थे। नई प्रणाली के तहत इन छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का बेहतर अवसर मिलेगा।

 

छात्रों को क्या होगा फायदा?

  • अवसर में वृद्धि (Increased Opportunities) – फेल होने पर छात्रों को दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।
  • तनाव कम (Reduced Stress) – परीक्षा का दबाव कम होगा क्योंकि छात्र दोबारा प्रयास कर सकते हैं।
  • बेहतर अंक (Better Marks) – छात्र अपनी पिछली परीक्षा की तुलना में बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं।
  • समय की बचत (Time-Saving) – अब छात्रों को एक साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा, वे उसी शैक्षणिक सत्र में दोबारा परीक्षा देकर उत्तीर्ण हो सकते हैं।

 

छात्रों के लिए नियम क्या होंगे?

  • यदि कोई छात्र एक (One Subject) या अधिक विषयों (Multiple Subjects) में फेल होता है, तो वह दूसरी परीक्षा में शामिल हो सकता है।
  • यदि छात्र चाहें तो सभी विषयों (All Subjects) की परीक्षा दोबारा दे सकते हैं।
  • दोनों परीक्षाओं में से जिसमें अधिक अंक होंगे, वह अंकसूची (Marksheet) में दर्ज किए जाएंगे।

 

गुजरात और छत्तीसगढ़ में पहले से लागू है यह मॉडल

मध्य प्रदेश बोर्ड (MP Board) द्वारा अपनाई गई यह नई परीक्षा प्रणाली पहले से ही गुजरात (Gujarat) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) बोर्ड में लागू की जा चुकी है। वहां यह मॉडल सफल रहा है और छात्रों को इसका लाभ मिला है। इसी तर्ज पर अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी इसे लागू किया जा रहा है।

 

रुक जाना नहीं योजना का क्या होगा?

अब तक फेल हुए विद्यार्थी राज्य ओपन बोर्ड (State Open Board) की ‘रुक जाना नहीं’ योजना (Ruk Jana Nahi Yojana) के तहत परीक्षा देते थे। लेकिन अब द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा (Second Main Exam) के आने से छात्र इसी परीक्षा में बैठ सकेंगे।

 

अधिकारियों की राय

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के उप सचिव ओएल मंडलोई (O.L. Mandloi) ने कहा,”मध्य प्रदेश बोर्ड की 10वीं (Class 10) और 12वीं (Class 12) में अब दो मुख्य परीक्षा कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे और उनका श्रेष्ठ परिणाम (Best Score) तैयार किया जाएगा।”

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) द्वारा लिया गया यह निर्णय छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। पूरक परीक्षा (Supplementary Exam) की जगह द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा (Second Main Exam) देने से छात्रों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। इससे छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और परीक्षा का तनाव कम होगा। यह कदम छात्रों के भविष्य को मजबूत करने और शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाने में सहायक सिद्ध होगा।


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