जस्टिस संजीव सचदेवा बने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नए ‘बॉस’
जस्टिस विवेक कुमार सिंह का ट्रांसफर, जजों की संख्या बढ़कर 34
MP High Court New Chief Justice | मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हाल ही में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जस्टिस संजीव सचदेवा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का नया मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) नियुक्त किया गया है, और उनकी नियुक्ति की अधिसूचना केंद्र सरकार द्वारा 14 जुलाई 2025 को जारी की गई। इसके साथ ही, जस्टिस विवेक कुमार सिंह को मद्रास हाईकोर्ट से ट्रांसफर कर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों के बाद, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, हालांकि अभी भी 19 जजों की कमी बनी हुई है। यह लेख जस्टिस संजीव सचदेवा की नियुक्ति, जस्टिस विवेक कुमार सिंह के ट्रांसफर, और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। MP High Court New Chief Justice
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजीव सचदेवा की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण घटना है, जो देश की न्यायिक व्यवस्था में बड़े बदलाव का हिस्सा है। केंद्र सरकार ने 14 जुलाई 2025 को उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की, जिसके तहत जस्टिस सचदेवा ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत के रिटायरमेंट के बाद यह दायित्व संभाला। इसके साथ ही, जस्टिस विवेक कुमार सिंह को मद्रास हाईकोर्ट से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया है, जिससे हाईकोर्ट में जजों की संख्या 34 हो गई है। यह नियुक्ति और ट्रांसफर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर आधारित हैं, जिनकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने की। MP High Court New Chief Justice
जस्टिस संजीव सचदेवा: नए मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस संजीव सचदेवा, जो मूल रूप से दिल्ली हाईकोर्ट से हैं, का जन्म 26 दिसंबर 1964 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने वाणिज्य में स्नातक करने के बाद 1988 में दिल्ली बार काउंसिल में वकालत शुरू की। जून 1995 में वे सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बने और जुलाई 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किए गए। 17 अप्रैल 2013 को वे दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज बने और 18 मार्च 2015 को स्थायी जज नियुक्त हुए।
30 मई 2024 को उनका ट्रांसफर दिल्ली हाईकोर्ट से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हुआ। इसके बाद, उन्होंने दो बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) के रूप में कार्य किया:
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पहली बार: 9 जुलाई 2024 से 24 सितंबर 2024 तक, जब जस्टिस शील नागु को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
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दूसरी बार: 24 मई 2025 से, जस्टिस सुरेश कुमार कैत के रिटायरमेंट के बाद।
26 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनकी नियुक्ति मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अनुशंसित की, जिसे केंद्र सरकार ने 14 जुलाई 2025 को मंजूरी दी। जस्टिस सचदेवा को भोपाल में मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा शपथ दिलाई जाएगी, हालांकि शपथ ग्रहण की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है। MP High Court New Chief Justice
जस्टिस विवेक कुमार सिंह का ट्रांसफर
जस्टिस विवेक कुमार सिंह, जो पहले मद्रास हाईकोर्ट में कार्यरत थे, को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जज के रूप में ट्रांसफर किया गया है। वे जबलपुर बेंच में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे, और उनकी शपथ जस्टिस संजीव सचदेवा द्वारा जबलपुर में दिलाई जाएगी। जस्टिस सिंह का ट्रांसफर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जजों की संख्या को बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है, और वे विभिन्न डिवीजन बेंचों और सिंगल बेंचों में कार्य करेंगे, जैसा कि हाईकोर्ट के रोस्टर में उल्लेखित है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जजों की स्थिति
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जजों के कुल 53 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से वर्तमान में 34 पद भरे हुए हैं। जस्टिस विवेक कुमार सिंह की नियुक्ति के बाद भी 19 जजों की कमी बनी हुई है। यह कमी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को भारत के सबसे व्यस्त हाईकोर्ट्स में से एक होने के बावजूद न्यायिक कार्यक्षमता पर दबाव डाल रही है। जजों की कमी के कारण लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है, और इसे दूर करने के लिए और नियुक्तियों की आवश्यकता है।
हाईकोर्ट की संरचना में तीन बेंच शामिल हैं:
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प्रिंसिपल सीट, जबलपुर: जहां मुख्य न्यायाधीश और अन्य वरिष्ठ जज कार्य करते हैं।
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इंदौर बेंच: जस्टिस विवेक रूसिया और अन्य जजों की सिंगल और डिवीजन बेंचें।
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ग्वालियर बेंच: विभिन्न जजों की सिंगल और डिवीजन बेंचें।
जस्टिस सचदेवा और जस्टिस सिंह के नेतृत्व में, हाईकोर्ट में कई विशेष बेंचों का गठन किया गया है, जैसे कि 8 जनवरी 2025 को लार्जर बेंच, जिसमें जस्टिस सचदेवा, जस्टिस एस.ए. धर्माधिकारी, जस्टिस विवेक अग्रवाल, और अन्य शामिल हैं, ताकि महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और न्यायिक तबादले
जस्टिस संजीव सचदेवा की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों का हिस्सा है, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने की। 26 मई 2025 को कॉलेजियम ने पांच हाईकोर्ट्स के लिए नए मुख्य न्यायाधीशों की अनुशंसा की, जिसमें शामिल हैं:
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट: जस्टिस संजीव सचदेवा।
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कर्नाटक हाईकोर्ट: जस्टिस विभु बाखरू (दिल्ली हाईकोर्ट से)।
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गुवाहाटी हाईकोर्ट: जस्टिस आशुतोष कुमार (पटना हाईकोर्ट से)।
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पटना हाईकोर्ट: जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली (पटना हाईकोर्ट से, मूल रूप से गुजरात हाईकोर्ट)।
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झारखंड हाईकोर्ट: जस्टिस तरलोक सिंह चौहान (हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से)।
इसके अलावा, 18 अन्य हाईकोर्ट जजों के तबादले किए गए, जिनमें जस्टिस विवेक कुमार सिंह का मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ट्रांसफर शामिल है। अन्य प्रमुख तबादलों में शामिल हैं:
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जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव (राजस्थान हाईकोर्ट से मद्रास हाईकोर्ट)।
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जस्टिस अपरेश कुमार सिंह (त्रिपुरा हाईकोर्ट से तेलंगाना हाईकोर्ट)।
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जस्टिस श्रीराम कल्पति राजेंद्रन (मद्रास हाईकोर्ट से राजस्थान हाईकोर्ट)।
ये तबादले और नियुक्तियां भारत की न्यायिक व्यवस्था में संतुलन और कार्यक्षमता लाने के लिए की गई हैं, ताकि विभिन्न हाईकोर्ट्स में समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो। MP High Court New Chief Justice
जस्टिस सचदेवा का कार्यकाल और भविष्य
जस्टिस संजीव सचदेवा का कार्यकाल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की उम्मीद है। उनकी पूर्व अनुभव के आधार पर, विशेष रूप से दिल्ली हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट और जज के रूप में, वे जटिल कानूनी मामलों को संभालने में सक्षम हैं। उनकी नियुक्ति से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित मामलों को तेजी से निपटाने में मदद मिल सकती है, हालांकि जजों की कमी एक चुनौती बनी रहेगी।
जस्टिस सचदेवा ने कई डिवीजन बेंचों में सक्रिय रूप से भाग लिया है, जैसे कि 11 दिसंबर 2024 और 6 जनवरी 2025 को जस्टिस देवनारायण मिश्रा और जस्टिस विनय सराफ के साथ। वे दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी मामलों की सुनवाई करते रहे हैं, जो उनकी कार्यक्षमता और तकनीकी अनुकूलन को दर्शाता है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की चुनौतियां
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट भारत के सबसे व्यस्त हाईकोर्ट्स में से एक है, और 19 जजों की कमी के कारण लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वीकृत 53 जजों के मुकाबले केवल 34 जजों की मौजूदगी न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव डाल रही है। इसके बावजूद, जस्टिस सचदेवा के नेतृत्व में हाईकोर्ट ने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए विशेष बेंचों का गठन किया है, जैसे कि 8 जनवरी 2025 को लार्जर बेंच, जो विभिन्न रिट याचिकाओं और अपीलों की सुनवाई करेगी।
जजों की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को और नियुक्तियां करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, तकनीकी नवाचार, जैसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई, को और बढ़ावा देना होगा ताकि न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
जस्टिस संजीव सचदेवा की मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्यन्यायाधीश के रूप में नियुक्ति और जस्टिस विवेक कुमार सिंह का ट्रांसफर मध्य प्रदेश की न्यायिकव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। जस्टिस सचदेवा का अनुभव और नेतृत्व हाईकोर्ट की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होगा, जबकि जस्टिस सिंह की नियुक्ति से जजों की संख्या में वृद्धि हुई है। फिर भी, 19 जजों की कमी एक बड़ी चुनौती है, जिसे दूर करने के लिए और प्रयासों की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और केंद्र सरकार के इस तरह के कदम देश की न्यायिकव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की नवीनतमजानकारी के लिए आधिकारिकवेबसाइट (mphc.gov.in) और विश्वसनीय समाचार स्रोतों का अनुसरण करें। जजों की नियुक्ति और तबादलों से संबंधितअपडेट के लिए सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट (sci.gov.in) और विधि मंत्रालय की वेबसाइट (doj.gov.in) पर नजर रखें। MP High Court New Chief Justice
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अपनी योग्यता से अधिक की लालसा है विकास की सबसे बड़ी बाधा
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।