सिंहस्थ 2028 की तैयारियाँ: CM मोहन यादव की हाई-लेवल मीटिंग, उज्जैन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सख्त निर्देश

सिंहस्थ 2028 की तैयारियाँ: CM मोहन यादव की हाई-लेवल मीटिंग, उज्जैन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सख्त निर्देश

MP News | मध्य प्रदेश का सिंहस्थ कुंभ मेला 2028, जिसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है, अब केवल ढाई साल दूर है। इस मेगा इवेंट को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 6 सितंबर 2025 को भोपाल के समत्व भवन में एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई, जिसमें सिंहस्थ 2028 की तैयारियों पर गहन चर्चा हुई। इस बैठक में उज्जैन को विश्वस्तरीय तीर्थस्थल बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, यातायात, स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया। CM ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि समयबद्ध तरीके से सभी प्रोजेक्ट्स पूरे हों, ताकि लाखों-करोड़ों श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के इस पवित्र मेले का आनंद ले सकें। आइए, इस बैठक और सिंहस्थ की तैयारियों के बारे में विस्तार से जानें। MP News

सिंहस्थ 2028: मालवा की सांस्कृतिक धरोहर का वैश्विक मंच

सिंहस्थ कुंभ मेला, जो हर 12 साल में उज्जैन की पावन धरती पर आयोजित होता है, न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को विश्व पटल पर प्रस्तुत करता है। 2016 में आयोजित पिछले सिंहस्थ की तरह, 2028 का मेला भी लाखों-करोड़ों तीर्थयात्रियों, साधु-संतों और पर्यटकों को आकर्षित करेगा। यह मेला शिप्रा नदी के तट पर आयोजित होता है, जहाँ श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं और अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मेले को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया है। उनकी अगुवाई में मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ 2028 को न केवल धार्मिक, बल्कि आर्थिक और पर्यटकीय दृष्टिकोण से भी एक यादगार आयोजन बनाने की ठानी है। इस बैठक में CM ने स्पष्ट किया कि यह मेला मालवा की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने लाने का सुनहरा अवसर है। MP News

CM मोहन यादव की हाई-लेवल मीटिंग: प्रमुख बिंदु

6 सितंबर 2025 को भोपाल के समत्व भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस प्रशासन और मेला आयोजन से जुड़े विभागों के साथ विस्तृत चर्चा की। बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया:

  1. इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास
    उज्जैन को सिंहस्थ के लिए तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। CM ने निर्देश दिए कि शहर में नए सड़कें, पुल और घाटों का निर्माण समय पर पूरा हो। शिप्रा नदी की सफाई और सुंदरीकरण को प्राथमिकता दी जाए, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और पवित्र स्नान का अवसर मिले। इसके अलावा, शहर में पार्किंग सुविधाओं का विस्तार और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया गया।

  2. यातायात और कनेक्टिविटी
    सिंहस्थ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यातायात व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है। CM ने उज्जैन-इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को गति देने, उज्जैन रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण और फतेहाबाद-उज्जैन रेल ट्रैक को डबल करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, उज्जैन हवाई अड्डे के विस्तार और हेलीपैड निर्माण पर भी चर्चा हुई, ताकि तीर्थयात्रियों को हवाई मार्ग से आने में आसानी हो।

  3. स्वास्थ्य सुविधाएँ
    मेले के दौरान स्वास्थ्य सेवाएँ अहम भूमिका निभाती हैं। CM ने निर्देश दिए कि उज्जैन में अस्थायी अस्पतालों की स्थापना की जाए, जिसमें आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएँ, एम्बुलेंस और दवाएँ उपलब्ध हों। इसके अलावा, PGI जैसे बड़े अस्पताल की स्थापना की माँग को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने की योजना बनाई गई। स्वच्छता और पेयजल की व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया।

  4. सुरक्षा व्यवस्था
    लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए CM ने पुलिस और प्रशासन को चौकस रहने के निर्देश दिए। मेले में CCTV कैमरे, ड्रोन निगरानी और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही, साइबर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने पर जोर दिया गया।

  5. पर्यावरण संरक्षण
    शिप्रा नदी की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण सिंहस्थ की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। CM ने नदी की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाने और मेले के दौरान प्लास्टिक उपयोग को कम करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों का उपयोग और वृक्षारोपण को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

सिंहस्थ 2028 के लिए मेगा प्रोजेक्ट्स

मध्य प्रदेश सरकार सिंहस्थ 2028 को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कई मेगा प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इनमें शामिल हैं:

  • कुंभ नगरी का निर्माण: उज्जैन में भारत की पहली स्थायी कुंभ नगरी बनाने की योजना है, जिसमें चार मंजिला कॉम्प्लेक्स, वीआईपी जोन, दुकानें और खुली जगहें होंगी। इसके लिए 25.15 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

  • सड़क और रेल नेटवर्क: उज्जैन से इंदौर, ओमकारेश्वर और महेश्वर तक चार-लेन सड़कों का निर्माण और रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण।

  • हेलीपैड और हवाई सुविधाएँ: सडावल में हेलीपैड का निर्माण और तीर्थ दर्शन योजना के तहत हवाई यात्रा की सुविधाएँ।

  • आवास और आतिथ्य: तीर्थयात्रियों के लिए अस्थायी और स्थायी आवास सुविधाओं का विकास, जिसमें धर्मशालाएँ और होटल शामिल हैं।

  • आध्यात्मिक पर्यटन: उज्जैन, ओमकारेश्वर, महेश्वर, पशुपतिनाथ और भोपाल सहित पूरे मालवा क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन हब के रूप में विकसित करना।

सिंहस्थ का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व

सिंहस्थ कुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। इस मेले में आने वाले करोड़ों पर्यटक स्थानीय व्यापार, होटल उद्योग और हस्तशिल्प को प्रोत्साहन देते हैं। CM मोहन यादव ने कहा, “सिंहस्थ 2028 न केवल हमारी आध्यात्मिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा, बल्कि मध्य प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान भी देगा।”

संजा पर्व और सिंहस्थ: मालवा की सांस्कृतिक झलक

सिंहस्थ के साथ-साथ, मालवा और निमाड़ में पितृ पक्ष के दौरान कुंवारी कन्याओं द्वारा मनाया जाने वाला संजा पर्व भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। हालांकि, यह पर्व अब विलुप्त होने की कगार पर है। CM ने इस बैठक में संजा पर्व जैसे सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा देने की भी बात कही, ताकि मालवा की परंपराएँ जीवित रहें। संजा पर्व में कन्याएँ आंगन में रंग-बिरंगी रंगोलियाँ बनाती हैं और मालवी गीत गाकर भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस पर्व को पुनर्जनन के लिए सामुदायिक और सरकारी प्रयासों की आवश्यकता है। MP News

चुनौतियाँ और समाधान

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में कई चुनौतियाँ भी हैं, जैसे:

  • स्थानीय समुदायों का सहयोग: कुछ साधु-संतों और स्थानीय व्यापारियों ने प्रोजेक्ट्स की योजना में शामिल न होने की शिकायत की है। CM ने निर्देश दिए कि सभी हितधारकों से परामर्श किया जाए।

  • पर्यावरणीय चिंताएँ: शिप्रा नदी की सफाई और मेले के दौरान पर्यावरण संरक्षण एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए दीर्घकालिक योजनाएँ बनाई जा रही हैं।

  • कर्मचारी कमी: उज्जैन नगर निगम और विकास प्राधिकरण में तकनीकी कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए अन्य विभागों से डेपुटेशन पर अधिकारियों को लाने का निर्णय लिया गया।

सिंहस्थ 2028 मध्य प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिकअवसर है, जो न केवलधार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि आर्थिक और पर्यटकीय विकास का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में सरकार इस मेले को विश्वस्तरीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भव्य इंफ्रास्ट्रक्चर, आधुनिक यातायात, मजबूतसुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के साथ, सिंहस्थ 2028 मालवा की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने लाएगा। साथ ही, संजा पर्व जैसे पारंपरिक उत्सवों को पुनर्जनन के प्रयास इसे और समृद्ध करेंगे। यह मेला मध्य प्रदेश को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान देगा, और इसके लिए समयबद्ध और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। MP News


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