बंगाल की खाड़ी में नया कम दबाव क्षेत्र, 1-5 अक्टूबर तक हल्की-मध्यम बारिश का अलर्ट

बंगाल की खाड़ी में नया कम दबाव क्षेत्र, 1-5 अक्टूबर तक हल्की-मध्यम बारिश का अलर्ट

MP Weather Update | मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। बंगाल की खाड़ी में एक नया गहरा कम दबाव का क्षेत्र बनने से राज्य के 5 संभागों में हल्की से मध्यम वर्षा और 4 संभागों में गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 1 से 5 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रह सकता है, जिसमें कहीं-कहीं तेज वर्षा भी हो सकती है। आज 1 अक्टूबर (बुधवार) को एक दर्जन जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अब तक 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है, लेकिन नया वेदर सिस्टम मानसून की पूर्ण वापसी को प्रभावित कर रहा है। प्रदेश में अब तक औसत से 21% अधिक वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य 37.3 इंच के मुकाबले 45.2 इंच है। MP Weather Update

नया वेदर सिस्टम: IMD का ताजा अपडेट

IMD की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-मध्य भाग में एक निम्न दाब क्षेत्र विकसित हो रहा है, जो 1 अक्टूबर के आसपास सक्रिय हो सकता है। इसके साथ ही:

  • ट्रफ लाइन: खंभात की खाड़ी से दक्षिण गुजरात, विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़ होते हुए पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक 0.9 किमी ऊंचाई पर विस्तृत है।
  • चक्रवाती परिसंचरण: उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में 1.5 से 5.8 किमी ऊंचाई पर सक्रिय, जो दक्षिण की ओर झुका हुआ है। इससे बंगाल की खाड़ी में नया निम्न दाब क्षेत्र बनेगा।
  • अन्य प्रभाव: शाहजहाँपुर (30° उत्तर/81° पूर्व) से गुजरने वाली ट्रफ से सौराष्ट्र की ओर बढ़ते हुए उत्तर-पूर्व अरब सागर में अवदाब का रूप ले सकता है।

इस सिस्टम के कारण मध्य प्रदेश में बादलों की आवाजाही बढ़ेगी, और 4-5 अक्टूबर को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी है। IMD ने पूर्वी और पश्चिमी मध्य प्रदेश में व्यापक वर्षा की भविष्यवाणी की है।

आज (1 अक्टूबर) बारिश का अलर्ट: ये जिले प्रभावित

IMD ने आज 12 जिलों में हल्की वर्षा या गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें मुख्य रूप से इंदौर, उज्जैन, देवास, सीहोर, खरगोन, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पंधुरना, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर शामिल हैं। केंद्रीय भागों जैसे भोपाल, रायसेन और विदिशा में भी हल्की बूंदाबांदी संभव है। शाजापुर और उज्जैन जैसे पश्चिमी जिलों में बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की तीव्रता कम रहेगी।

मानसून की विदाई: 12 जिलों से अलविदा

अब तक मध्य प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें उज्जैन, राजगढ़, अशोकनगर, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। हालांकि, नया वेदर सिस्टम बनने से अन्य जिलों में मानसून की वापसी में देरी हो सकती है। IMD के अनुसार, 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदा होने की संभावना है।

वर्षा का ब्यौरा: औसत से 21% अधिक, कहां कितना पानी?

1 जून से 30 सितंबर तक मध्य प्रदेश में कुल 45.2 इंच वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य 37.3 इंच से 7.9 इंच अधिक (122% औसत) है। पूर्वी मध्य प्रदेश में 17% और पश्चिमी में 25% अधिक वर्षा हुई।

सबसे कम वर्षा वाले जिले (कमी वाले):

जिला वर्षा (इंच में)
खरगोन 27.3
शाजापुर 28.7
खंडवा 29.1
बड़वानी 30.9
बुरहानपुर 32.8 (अनुमानित)

कोटा पूरा करने वाले प्रमुख जिले:

भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया।

सबसे अधिक वर्षा वाले जिले:

जिला वर्षा (इंच में)
गुना 65.6
रायसेन 61.1
मंडला 60.5
श्योपुर 56.6
अशोकनगर 56.0

यह अपडेट IMD की ताजा रिपोर्ट और मौसमपूर्वानुमानों पर आधारित है। विस्तृतजानकारी के लिए mausam.imd.gov.in पर जाएं। यात्रा या बाहरीगतिविधियों से पहले स्थानीय पूर्वानुमान जांचें।


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