इंदौर में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के अभ्यर्थियों का चार दिन चला धरना-प्रदर्शन रविवार सुबह 5 बजे समाप्त हो गया। दोपहर में छात्रों का प्रतिनिधि मंडल सीएम डॉ. मोहन यादव से मिला। छात्रों की मांगों पर सहमति बन गई है।छात्रों का यह प्रदर्शन करीब 89 घंटे तक चला। प्रदर्शन में प्रदेशभर के करीब 2 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए थे। इस दौरान दो अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे थे। गुरुवार रात से आमरण अनशन पर बैठे अरविंद सिंह भदौरिया की हालत शनिवार को बिगड़ गई। जिसके चलते वे बेहोश हो गए। उन्हें ड्रीप चढ़ाई गई। अरविंद के साथ स्टूडेंट लीडर राधे जाट भी आमरण अनशन पर थे।
कलेक्टर ने ढाई घंटे तक की छात्रों से बातचीत
चार दिनों से मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) मुख्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांगों को मान लिया गया है।आयोग की सहमति के बाद, कलेक्टर आशीष सिंह सहित प्रशासन के अधिकारी आधी रात को प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच पहुंचे। उन्होंने ढाई घंटे तक उनके साथ चर्चा की और तड़के 5 बजे आंदोलन को समाप्त करवाया। छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात के लिए भोपाल रवाना हो गया है।पांच सूत्रीय मांगों को लेकर एमपीपीएससी के करीब 2 हजार से अधिक छात्र पिछले चार दिनों से आयोग मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे थे।
कड़कड़ाती ठंड के बावजूद, देर रात तक सभी छात्र धरने पर बैठे रहे।रात करीब 3 बजे कलेक्टर आशीष सिंह और प्रशासन के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों को आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त करने के लिए राजी किया।देर रात मुख्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, जिसे देखकर छात्र सकते में आ गए। कुछ समय बाद, कलेक्टर आशीष सिंह ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर आयोग ने सहमति जताई है। हालांकि, कुछ मांगे फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन हैं, जिन पर आयोग बैठक करेगा। बाकी मांगों पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।इसके बाद, पुलिस बल ने छात्रों को मुख्यालय से हटने के निर्देश दिए। आश्वासन मिलने के बाद छात्र संतुष्ट हो गए। इसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन स्थल को खाली कर दिया।