दुनिया के 5 बंद दरवाजे: 1000 साल से अनलॉक नहीं! कहीं छुपा है खजाना, तो कहीं से आती हैं आवाजें
mysterious doors that should never be opened | दुनिया भर में कई ऐसे रहस्यमय स्थान हैं, जो आज भी अनसुलझे हैं। इनमें कुछ दरवाजे ऐसे हैं जो सदियों से बंद हैं और आज तक कोई नहीं जान सका कि इनके पीछे क्या छिपा है। इन दरवाजों को लेकर कई तरह की कहानियां, मान्यताएं और अंधविश्वास प्रचलित हैं। कहीं खजाने की बात होती है तो कहीं आत्माओं की मौजूदगी की।
विज्ञान और तकनीक ने चाहे कितनी भी तरक्की कर ली हो, लेकिन इन रहस्यमयी दरवाजों के पीछे छिपे रहस्य आज भी जस के तस हैं। आइए जानते हैं दुनिया के 5 ऐसे रहस्यमय दरवाजों के बारे में, जो इंसानी समझ से परे हैं:
पद्मनाभस्वामी मंदिर का गुप्त कक्ष – केरल, भारत
भारत के केरल राज्य में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर अपने रहस्यमय “कक्ष बी” के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस कक्ष के पीछे बेशुमार खजाना छिपा है।
कई बार इसे खोलने की कोशिशें की गईं, लेकिन असफलता ही हाथ लगी। लोगों का मानना है कि यह दरवाजा “नाग बंद मंत्र” से बंद किया गया है और इसे केवल विशेष विधि से ही खोला जा सकता है।
तजमहल का रहस्यमय तहखाना – आगरा, भारत
ताजमहल, जो प्रेम की निशानी के रूप में जाना जाता है, उसके अंदर भी कुछ ऐसे कमरे हैं जो आज तक बंद हैं।
ऐसा कहा जाता है कि इन तहखानों में कुछ ऐसा छिपा है जिसे आम लोगों से दूर रखा गया है। कई लोग मानते हैं कि वहां शिव मंदिर के अवशेष हैं, तो कुछ इसे केवल सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया हिस्सा मानते हैं।
ग्रेट पिरामिड का छिपा हुआ कक्ष – गीज़ा, मिस्र
मिस्र के गीज़ा में स्थित ग्रेट पिरामिड भी रहस्यों का घर है। वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे बंद कमरों का पता लगाया है जो हजारों सालों से नहीं खुले हैं।
हालांकि वहां तक पहुंचने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल किया गया, लेकिन इन दरवाजों के पीछे क्या है, यह अब भी एक रहस्य बना हुआ है।
वारविक कैसल का सीक्रेट चैंबर – इंग्लैंड
इंग्लैंड का वारविक किला कई सदियों पुराना है और इसकी दीवारों में बना एक गुप्त दरवाजा आज भी बंद है।
स्थानीय लोगों का दावा है कि रात के समय वहां से अजीब-अजीब आवाजें आती हैं और जो भी उस दरवाजे को खोलने की कोशिश करता है, उसके साथ कुछ न कुछ अनहोनी जरूर होती है।
मेयन सभ्यता के मंदिरों के गुप्त द्वार – सेंट्रल अमेरिका
माया सभ्यता के मंदिरों में भी ऐसे कई दरवाजे हैं जो आज तक नहीं खोले जा सके हैं।
इन दरवाजों के बारे में कहा जाता है कि इनके पीछे खजाने के साथ-साथ बलि की जगहें और अजीब वस्तुएं मौजूद हैं।
वैज्ञानिक और इतिहासकार अब भी इन रहस्यों को सुलझाने में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका है।
क्या कहता है विज्ञान?
वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों ने इन रहस्यमयी दरवाजों को खोलने और समझने की कई बार कोशिश की है, लेकिन तकनीकी सीमाएं, धार्मिक मान्यताएं और स्थानीय विरोध इनके रास्ते में बाधा बनते हैं।
क्यों नहीं खुलते ये दरवाजे?
इन दरवाजों के बंद रहने के पीछे कई कारण माने जाते हैं:
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धार्मिक मान्यताएं और डर
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तकनीकी कठिनाइयां
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ऐतिहासिक संरचनाओं को नुकसान का खतरा
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स्थानीय लोगों की चेतावनियां
इन रहस्यमय दरवाजों ने इंसान की जिज्ञासा को वर्षों से बनाए रखा है। वे आज भी एक चुनौती हैं – विज्ञान के लिए भी और विश्वास के लिए भी। क्या कभी ये दरवाजे खुलेंगे? क्या उनके पीछेवाकई खजाना या कोईअलौकिक रहस्य है? फिलहाल यह एक अनसुलझी पहेली है।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।