भगवान शिव का प्रिय फूल नागकेसर से राहु-केतु और शनि होंगे शांत
Nagkesar Flower Benefits | नागकेसर, जिसे भगवान शिव का प्रिय पुष्प माना जाता है, न केवल धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आयुर्वेद में भी इसके चमत्कारी गुणों की चर्चा है। सावन माह में इस फूल का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि इसे भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की पूजा में अर्पित करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है। राहु-केतु, शनि, बुध, और गुरु जैसे ग्रहों के दुष्प्रभावों को शांत करने से लेकर धन-वैभव, सुख-शांति, और स्वास्थ्य लाभ तक, नागकेसर एक बहुमुखी उपाय है। इस लेख में हम नागकेसर के ज्योतिषीय, वास्तुशास्त्रीय, और आयुर्वेदिक लाभों के साथ-साथ इसके उपयोग के प्रभावी उपायों को विस्तार से जानेंगे। Nagkesar Flower Benefits
नागकेसर का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
नागकेसर (Mesua ferrea), जिसे स्थानीय भाषा में नागचंपा या नागेश्वर भी कहा जाता है, एक सुगंधित और औषधीय पुष्प है, जो भगवान शिव, विष्णु, और श्रीराम की पूजा में विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। सावन माह में, जब शिव भक्ति का उत्साह चरम पर होता है, नागकेसर का उपयोग न केवल पूजा में शुभता लाता है, बल्कि यह ग्रह दोषों को दूर करने और नकारात्मक ऊर्जा को हटाने में भी सहायक है। ज्योतिष शास्त्र में इसे राहु-केतु, शनि, बुध, और गुरु जैसे ग्रहों के दुष्प्रभावों को शांत करने का प्रभावी साधन माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन-वैभव में वृद्धि होती है। Nagkesar Flower Benefits
नागकेसर के ज्योतिषीय उपाय
नागकेसर के कुछ सरल और प्रभावी उपाय निम्नलिखित हैं, जो ग्रह दोषों को दूर करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने में मदद करते हैं:
- राहु-केतु और शनि दोष से मुक्ति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु-केतु और शनि के दुष्प्रभाव जीवन में बाधाएं, मानसिक तनाव, और आर्थिक समस्याएं ला सकते हैं। इस दोष से मुक्ति के लिए:- उपाय: शनिवार के दिन सुबह स्नान के बाद ताजे नागकेसर के फूल लें। इन्हें लाल रंग के साफ कपड़े में बांधकर पीपल के पेड़ के नीचे रखें। साथ ही, एक तिल के तेल का दीपक जलाएं और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- लाभ: यह उपाय शनिदेव, राहु, और केतु की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। इससे करियर में रुकावटें, आर्थिक तंगी, और मानसिक अशांति कम हो सकती है।
- धन-धान्य की प्राप्ति
आर्थिक तंगी और धन की कमी को दूर करने के लिए नागकेसर का यह उपाय अत्यंत प्रभावी है:- उपाय: शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को ताजे नागकेसर के फूल, हल्दी की गांठ, और एक गोमती चक्र लें। इन्हें सफेद रंग के साफ कपड़े में बांधकर तिजोरी, गल्ला, या धन रखने वाले स्थान पर रखें। पूजा के दौरान मां लक्ष्मी का ध्यान करें और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 21 बार जाप करें।
- लाभ: यह उपाय माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और धन-वैभव में वृद्धि के लिए शुभ माना जाता है।
- घर में सुख-शांति के लिए
घर में नकारात्मक ऊर्जा को हटाने और सकारात्मक माहौल बनाए रखने के लिए:- उपाय: प्रत्येक रविवार या सोमवार को सुबह स्नान के बाद ताजे नागकेसर के फूल और इसके बीज घर के मंदिर में रखें। हर 7-10 दिन में फूलों को बदलें। मंदिर में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और एक घी का दीपक जलाएं।
- लाभ: यह उपाय घर से नकारात्मकता को दूर करता है, परिवार में सौहार्द बढ़ाता है, और सुख-शांति बनाए रखता है।
- बुध और गुरु ग्रह के दोष से राहत
कमजोर बुध और गुरु ग्रह कारोबार, शिक्षा, और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं:- उपाय: गुरुवार को चांदी की छोटी डिबिया में नागकेसर के सूखे फूल भरें। इसे लॉकेट की तरह गले में धारण करें या अपनी जेब में रखें। साथ ही, “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” और “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्रों का 108 बार जाप करें।
- लाभ: यह उपाय कारोबार में उन्नति, शिक्षा में सफलता, और मानसिक स्पष्टता लाता है।
- नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा
घर को बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से बचाने के लिए:- उपाय: शनिवार की शाम को नागकेसर के फूल, 5 लौंग, और एक टुकड़ा कपूर मिलाकर धूप बनाएं। इस धूप को घर के हर कोने में जलाएं। नवग्रह हवन में भी नागकेसर को शामिल करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- लाभ: यह उपाय घर से नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- मनोकामना पूर्ति के लिए
नागकेसर का उपयोग पूजा में विशेष रूप से शुभ माना जाता है:- उपाय: सावन माह में प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव, विष्णु, या श्रीराम को नागकेसर के फूल अर्पित करें। पूजा के दौरान “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- लाभ: यह उपाय मनोकामनाओं को पूरा करने और जीवन की बाधाओं को दूर करने में सहायक है।
नागकेसर के आयुर्वेदिक लाभ
आयुर्वेद में नागकेसर को एक चमत्कारी औषधि माना जाता है। इसके फूल, बीज, और छाल का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है। यहाँ इसके प्रमुख लाभ हैं:
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
- नागकेसर का चूर्ण या काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसे शहद के साथ लेने से मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी-खांसी और बुखार से राहत मिलती है।
- उपयोग: 1 ग्राम नागकेसर चूर्ण को शहद के साथ दिन में एक बार लें।
- त्वचा रोगों में लाभकारी
- नागकेसर में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा के संक्रमण, मुंहासे, और घावों को ठीक करने में मदद करते हैं।
- उपयोग: नागकेसर के फूलों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं या इसके तेल का उपयोग करें।
- पाचन तंत्र को मजबूत करना
- यह पाचन संबंधी समस्याओं जैसे अपच, कब्ज, और गैस को दूर करने में सहायक है।
- उपयोग: नागकेसर के चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें या इसके बीजों का काढ़ा बनाकर पिएं।
- महिलाओं के लिए विशेष लाभ
- नागकेसर मासिक धर्म की अनियमितता और दर्द को कम करने में उपयोगी है। यह गर्भाशय के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
- उपयोग: 1-2 ग्राम नागकेसर चूर्ण को दूध के साथ लें।
- जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत
- इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करते हैं।
- उपाय: नागकेसर के तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करें।
- मानसिक स्वास्थ्य के लिए
- नागकेसर की सुगंध तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है। इसके फूलों की धूप जलाने से मानसिक शांति मिलती है।
- उपाय: नागकेसर के फूलों की धूप रोजाना सूर्यास्त के समय जलाएं।
सावधानी: आयुर्वेदिक उपयोग से पहले किसी योग्य वैद्य या चिकित्सक से परामर्श करें, विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए।
वास्तु शास्त्र में नागकेसर का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नागकेसर का पौधा या इसके फूल घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। इसे निम्नलिखित तरीकों से उपयोग करें:
- घर के मंदिर में: नागकेसर के फूलों को मंदिर में रखें और नियमित रूप से बदलें।
- ईशान कोण (उत्तर-पूर्व): इस दिशा में नागकेसर का पौधा लगाने से घर में समृद्धि और शांति आती है।
- धूप और हवन: नागकेसर को कपूर और लौंग के साथ मिलाकर धूप जलाने से घर का वातावरण शुद्ध होता है।
नागकेसर का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, नागकेसर भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसे सावन माह में शिवलिंग पर अर्पित करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। स्कंद पुराण में भी नागकेसर को एक पवित्र पुष्प के रूप में उल्लेख किया गया है, जो देवी-देवताओं की पूजा में उपयोगी है। मान्यता है कि नागकेसर के अर्पण से भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं और जीवन में समृद्धि आती है।
नागकेसर की उपलब्धता और देखभाल
नागकेसर का पौधा भारत के कई हिस्सों, विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र, पश्चिमी घाट, और दक्षिण भारत में पाया जाता है। यह एक सदाबहार वृक्ष है, जिसके फूल और बीज बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। इसे घर में गमले में भी उगाया जा सकता है, बशर्ते इसे पर्याप्त धूप और नम मिट्टी मिले। आयुर्वेदिक दुकानों और ऑनलाइन स्टोर पर नागकेसर का चूर्ण, तेल, और सूखे फूल उपलब्ध हैं।
FAQ: नागकेसर से जुड़े सवाल और जवाब
Q1: नागकेसर का ज्योतिषीय महत्व क्या है?
Ans: यह राहु-केतु, शनि, बुध, और गुरु के दुष्प्रभावों को शांत करता है और धन-वैभव लाता है।
Q2: नागकेसर का उपयोग पूजा में कैसे करें?
Ans: इसे भगवान शिव, विष्णु, या श्रीराम को अर्पित करें, विशेष रूप से सावन माह में।
Q3: आयुर्वेद में नागकेसर के क्या लाभ हैं?
Ans: यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, त्वचा रोगों, पाचन समस्याओं, और जोड़ों के दर्द में राहत देता है।
Q4: क्या नागकेसर घर में रखना शुभ है?
Ans: हां, इसे मंदिर या ईशान कोण में रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
Q5: नागकेसर के उपाय कब और कैसे करें?
Ans: शनिवार, गुरुवार, या सावन माह में उपाय करें, जैसे फूलों को कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखना या धूप जलाना।
नागकेसर, भगवान शिव का प्रिय पुष्प, ज्योतिष, वास्तु, और आयुर्वेद में एक चमत्कारी उपाय है। इसके ज्योतिषीय उपाय राहु-केतु, शनि, और अन्य ग्रहों के दुष्प्रभावों को शांत करते हैं, जबकिआयुर्वेदिक उपयोग स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाते हैं। सावनमाह में इसका महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि यह भगवानशिव की कृपा प्राप्त करने का विशेष साधन है। चाहे धन-वैभव की कामना हो, सुख-शांति की इच्छा हो, या स्वास्थ्य लाभ की आवश्यकता, नागकेसर के सरल उपायजीवन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं। इसे अपनी पूजा और दैनिक जीवन में शामिल करें और इसके चमत्कारी लाभों का अनुभव करें। Nagkesar Flower Benefits
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।