17 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के 10,000 बच्चे करेंगे शिरकत
National Children’s Cultural Festival 2024 | भोपाल। हर साल आयोजित होने वाला राष्ट्रीय बाल रंग भोपाल में न केवल मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करता है, बल्कि देशभर के बच्चों को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी संस्कृति और प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं। शुक्रवार को इस भव्य आयोजन का शुभारंभ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न संभागों के साथ-साथ देश के 17 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों से 10,000 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया। National Children’s Cultural Festival 2024
बाल रंग: बच्चों की ऊर्जा का स्रोत
शुभारंभ समारोह में प्रो. पांडे ने कहा, “राष्ट्रीय बाल रंग बच्चों को अपनी संस्कृति को समझने और देश की विविधता से रूबरू होने का अवसर देता है। इस आयोजन से न केवल मानव संग्रहालय में रौनक आती है, बल्कि बच्चों में टीम भावना भी विकसित होती है, जो उन्हें भविष्य में एक जिम्मेदार नागरिक बनने में मदद करती है।” उन्होंने बच्चों को अधिक से अधिक राज्यों के मित्र बनाने और देश की विविधता को करीब से समझने की सलाह दी। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक श्री डी.के. कुशवाह ने कहा कि बाल रंग बच्चों में नई ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने इस वर्ष की प्रदर्शनी की थीम “वर्ष 2047 में विकसित भारत” के बारे में जानकारी दी। शिक्षा विभाग के अधिकारी श्री अरविंद कुमार चौरगड़े ने स्वागत भाषण में बताया कि पहले दिन प्रदेश के बच्चों ने लोक संस्कृति पर आधारित नृत्य और अन्य कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं।
तीन दिवसीय आयोजन: भारतीय संस्कृति का संगम
21 और 22 दिसंबर को बाल रंग में 17 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 10,000 बच्चे भाग लेंगे। इस दौरान बच्चों के लिए विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया गया है, जिनमें तात्कालिक भाषण, लोकगीत, शास्त्रीय नृत्य, सामूहिक लोकनृत्य, योग, वेद पाठ, और दिव्यांग बच्चों की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
सजीव प्रदर्शनी और सांस्कृतिक स्टॉल
बाल रंग के मुख्य आकर्षणों में से एक सजीव प्रदर्शनी है, जिसकी थीम “विजन-2024” पर आधारित है। इस प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों और परंपराओं को दर्शाने वाले स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों में पुरातत्व स्थल, पारंपरिक वेशभूषा, त्यौहार, और प्रसिद्ध मंदिरों को प्रदर्शित किया गया है।
केरल स्टॉल: पद्मनाभस्वामी मंदिर और ओणम का प्रदर्शन
भोपाल के जवाहर चौक स्थित कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं ने केरल की संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। केरल राज्य के स्टॉल में पद्मनाभस्वामी मंदिर का मॉडल आकर्षण का केंद्र रहा। प्राचार्य श्रीमती उषा भदौरिया और श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि ओणम त्यौहार पारंपरिक रीति-रिवाजों और वेशभूषा के साथ मनाया जाता है। National Children’s Cultural Festival 2024
बाल रंग की अन्य प्रमुख गतिविधियां
- स्काउट कैंप: बच्चों में अनुशासन और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए विशेष स्काउट कैंप आयोजित किया गया।
- खानपान के स्टॉल: विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन बच्चों और दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र बने।
- नृत्य नाटिका: विभिन्न राज्यों के बच्चों ने सांस्कृतिक नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी परंपराओं को प्रदर्शित किया।
समापन
बाल रंग का आयोजन 22 दिसंबर को संपन्न होगा। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलने वाले इस तीन दिवसीय आयोजन में बच्चों के प्रदर्शन और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलकियों का भरपूर आनंद लिया जा सकेगा। इस आयोजन ने यह साबित किया है कि भारत की विविधता में ही उसकी असली एकता छिपी है। राष्ट्रीय बाल रंग न केवल बच्चों के लिए एक मंच है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने का जरिया भी है। इस आयोजन ने बच्चों को एकजुट होकर भारत के भविष्य की झलक पेश करने का मौका दिया। National Children’s Cultural Festival 2024
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