भारत सरकार द्वारा नए साइबर सुरक्षा नियम लागू, जानिए क्या हैं प्रमुख प्रावधान
New Cyber Security Rules in India | देश में साइबर अपराध (Cyber Crime) को रोकने और साइबर सुरक्षा (Cyber Security) को मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने नए नियम लागू किए हैं। ये नियम न केवल दूरसंचार कंपनियों (Telecom Companies) पर लागू होंगे, बल्कि इनका सीधा असर आम जनता और व्यवसायों पर भी पड़ेगा। इन नए साइबर सुरक्षा नियमों (Cyber Security Rules) के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिनमें साइबर घटनाओं की रिपोर्टिंग से लेकर डिवाइस सुरक्षा तक के निर्देश शामिल हैं।
छह घंटे में घटना रिपोर्टिंग अनिवार्य
इन नियमों के अनुसार, किसी भी साइबर सुरक्षा घटना (Cyber Security Incident) की जानकारी केंद्र सरकार (Central Government) को छह घंटे के भीतर देनी होगी। यह रिपोर्टिंग टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ऐसी घटनाओं का शीघ्रता से समाधान हो सके और उनके प्रभाव को कम किया जा सके।
सरकार को डेटा मांगने का अधिकार
नए नियमों के तहत सरकार या उसकी किसी अधिकृत एजेंसी को यह अधिकार दिया गया है कि वे किसी भी दूरसंचार कंपनी से ट्रैफिक डेटा (Traffic Data) या अन्य प्रकार का डेटा मांग सकती हैं। हालांकि, संदेश सामग्री (Message Content) इसके दायरे से बाहर रखा गया है। यह डेटा किसी विशेष फॉर्मेट में मांगा जा सकता है और इसे सुरक्षित स्टोर करने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे (Infrastructure) और उपकरण तैयार करने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं।
टेलीकॉम कंपनियों के लिए साइबर पॉलिसी आवश्यक
टेलीकॉम कंपनियों को अब एक मजबूत साइबर पॉलिसी (Cyber Policy) अपनानी होगी। इसमें रिस्क मैनेजमेंट (Risk Management), सुरक्षा कार्रवाई (Security Actions), नेटवर्क टेस्टिंग (Network Testing), रिस्क असेसमेंट (Risk Assessment) और कर्मचारियों की ट्रेनिंग (Employee Training) जैसी चीजें शामिल होंगी। यह पॉलिसी सुनिश्चित करेगी कि कंपनियां साइबर खतरों का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।
रैपिड एक्शन सिस्टम की आवश्यकता
नियमों में यह भी कहा गया है कि टेलीकॉम ऑपरेटरों को एक चीफ टेलीकम्युनिकेशंस सिक्योरिटी ऑफिसर (Chief Telecommunications Security Officer) नियुक्त करना होगा। इसके अलावा, सुरक्षा घटनाओं के मद्देनजर कंपनियों को एक रैपिड एक्शन सिस्टम (Rapid Action System) तैयार करना होगा, जो किसी भी घटना को तुरंत नियंत्रित करने और उसके असर को कम करने में सक्षम हो।
24 घंटे में पीड़ितों की जानकारी जरूरी
किसी घटना की जानकारी देने के बाद, टेलीकॉम कंपनियों को 24 घंटे के भीतर घटना से प्रभावित यूजर्स (Users) की संख्या, उनकी लोकेशन (Location) और घटना के प्रभाव से संबंधित विवरण देना होगा। यह कदम इसलिए जरूरी है ताकि सरकार के पास स्थिति का स्पष्ट आकलन हो सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
IMEI नंबर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
IMEI नंबर (International Mobile Equipment Identity Number) को रजिस्टर कराना अब अनिवार्य होगा। देश में बनाए गए या आयात किए गए सभी फोन डिवाइस (Phone Devices) का IMEI रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना होगा। इसका उद्देश्य फर्जी डिवाइस (Fake Devices) और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है।
गोपनीयता की सुरक्षा
नियमों के अनुसार, सरकार, डेटा संग्रह करने वाली एजेंसियां, और डेटा का उपयोग करने वाले सभी पक्षों पर यह जिम्मेदारी होगी कि वे डेटा की गोपनीयता (Confidentiality) सुनिश्चित करें। डेटा लीक होने या किसी प्रकार के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं।
साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने की कवायद
इन नए नियमों के तहत, सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कंपनियों को नेटवर्क सुरक्षा (Network Security) और डाटा प्रोटेक्शन (Data Protection) के लिए जरूरी तकनीकी उपाय अपनाने होंगे। इसके अलावा, सुरक्षा जांच (Security Audit) और घटनाओं की रोकथाम (Incident Prevention) के लिए एक समर्पित टीम का गठन करना होगा।
नए नियमों का महत्व
इन नियमों के लागू होने से देश में साइबर अपराधों को रोकने और सुरक्षा मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी। टेलीकॉम कंपनियों को न केवल अपने नेटवर्क सिस्टम (Network System) को अधिक सुरक्षित बनाना होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके उपभोक्ताओं की निजता (Privacy) से कोई समझौता न हो।
केंद्र सरकार के ये नए साइबर सुरक्षा नियम (Cyber Security Rules) देश में डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन नियमों का उद्देश्य साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना और देश की डिजिटल संरचना (Digital Infrastructure) को अधिक सुरक्षित बनाना है। इन नियमों के सख्ती से लागू होने पर आम जनता और टेलीकॉम उद्योग दोनों को इसका लाभ मिलेगा।
नोट: नई गाइडलाइंस का पालन करना सभी संबंधित पक्षों के लिए आवश्यक है, अन्यथा कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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