देश के 200 से अधिक टोल प्लाजा पर नकली सॉफ्टवेयर से खेल, दो वर्षों में एनएचएआई को 120 करोड़ का नुकसान
NHIAI toll plaza scam in India | देश में टोल वसूली प्रणाली को लेकर एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने जांच के दौरान खुलासा किया कि देशभर के 200 से अधिक टोल प्लाजा पर एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के आधिकारिक सर्वर के समानांतर नकली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस सॉफ्टवेयर के जरिए गाड़ियों से नकद भुगतान लेकर टोल शुल्क में हेरफेर किया गया। इस घोटाले की वजह से एनएचएआई को दो वर्षों में 120 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
एसटीएफ की कार्रवाई, मास्टरमाइंड सहित तीन गिरफ्तार
यूपी एसटीएफ ने इस मामले में मास्टरमाइंड आलोक सिंह सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में आलोक के साथ सावंत और सुखांतु भी शामिल हैं, जिन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया। एसटीएफ के मुताबिक, आलोक ने एनएचएआई के आधिकारिक सर्वर की तर्ज पर नकली सर्वर तैयार किया और इसे 12 राज्यों में स्थित 42 टोल प्लाजा पर इंस्टॉल किया। इन टोल प्लाजा में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और अन्य राज्यों के टोल शामिल हैं।
कैसे चलता था नकली सॉफ्टवेयर?
गिरफ्तार आरोपियों ने टोल प्लाजा पर नकली सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था। इसके जरिए बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों से नकद भुगतान लिया जाता था। नकद वसूली के लिए नकली रसीदें जारी की जाती थीं, और वसूली गई रकम टोल के आधिकारिक खाते में जमा नहीं होती थी। आलोक ने स्वीकार किया है कि उसके साथियों सावंत और सुखांतु ने लगभग 200 टोल प्लाजा पर यह नकली सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया है।
एसटीएफ ने दी जानकारी, कई राज्यों के टोल प्लाजा पर हुआ गड़बड़ी का खुलासा
एसटीएफ के अनुसार, यह नकली सॉफ्टवेयर 12 राज्यों में फैले 42 प्रमुख टोल प्लाजा पर इंस्टॉल किया गया। इनमें से 9 टोल प्लाजा उत्तर प्रदेश में और शेष अन्य राज्यों में स्थित हैं। टोल प्लाजा की सूची में मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के नाम शामिल हैं।
- प्रमुख टोल प्लाजा जहां सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए गए:
- मध्य प्रदेश: चिकली टोल प्लाजा, जंगाबानी टोल प्लाजा, मोहतारा टोल प्लाजा
- राजस्थान: फुलैरा टोल प्लाजा, शाहपुर टोल प्लाजा
- उत्तर प्रदेश: बागपत टोल प्लाजा, मीरजापुर टोल प्लाजा
- गुजरात: मोखा टोल प्लाजा, रोहिसा टोल प्लाजा
- पश्चिम बंगाल: गोबारी टोल प्लाजा
एनएचएआई ने जारी की एडवाइजरी
इस घोटाले के बाद एनएचएआई ने सभी टोल प्लाजा पर नकद लेन-देन की निगरानी बढ़ाने और फास्ट टैग के उपयोग को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। एनएचएआई ने कहा है कि नकली सॉफ्टवेयर के खिलाफ सुरक्षा उपाय तेज किए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
एसटीएफ की आगे की कार्रवाई
यूपी एसटीएफ ने कहा है कि सावंत और सुखांतु की गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले में और भी जानकारियां सामने आ सकती हैं। अन्य टोल प्लाजा पर नकली सॉफ्टवेयर के जरिए की जा रही वसूली की जांच की जा रही है। एसटीएफ का कहना है कि इस मामले से जुड़े अन्य आरोपियों की पहचान करने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं।
फास्ट टैग को लेकर उठे सवाल
इस घटना ने फास्ट टैग प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, फास्ट टैग ने देशभर में टोल वसूली को पारदर्शी और तेज बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन नकली सॉफ्टवेयर की इस घटना ने सिस्टम में सुधार की जरूरत को उजागर किया है।यह मामला एनएचएआई और टोल वसूली प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती है। यूपी एसटीएफ की कार्रवाई ने टोल प्लाजा पर हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया है। उम्मीद है कि एनएचएआई इस घटना से सबक लेकर टोल प्रबंधन प्रणाली को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाएगा।
यह भी पढ़ें….
ट्रंप की पुतिन को चेतावनी: यूक्रेन युद्ध खत्म करो या सख्त प्रतिबंध झेलो
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।