केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ No detention policy खत्म
नए साल यानि की 2025 की शुरूआत होने वाली है. नई उम्मीदों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एजुकेशन सेक्टर में बड़ा बदलाव किया है. शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) ने साल के अंत में परीक्षा में फेल होने वाले कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए ‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति’ को खत्म कर दिया है. इस फैसले का मतलब हुआ कि कक्षा 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को अब पास नहीं किया जाएगा.5वीं और 8वीं क्लास के एग्जाम में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को अब पास नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म कर दी है। पहले इस नियम के तहत फेल होने वाले स्टूडेंट्स को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था।
फेल हुए स्टूडेंट्स तो आगे नहीं होंगे प्रमोट
राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, नियमित परीक्षा के आयोजन के बाद यदि कोई बच्चा फेल रहता है, तो उसे परिणाम की घोषणा की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर अतिरिक्त निर्देश और पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा. अधिसूचना में कहा गया, यदि पुनः परीक्षा में बैठने वाला छात्र पदोन्नति (अगली कक्षा में जाने की अर्हता) के मानदंडों को पूरा करने में असफल रहता है, तो उसे पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही रोक दिया जाएगा.
किन-किन स्कूलों में लागू होगा ये फैसला
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह अधिसूचना केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3,000 से अधिक स्कूलों पर लागू होगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, चूंकि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं.
बता दें कि 16 राज्यों और दिल्ली सहित दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन 5वीं और 8वीं कक्षाओं के लिए ‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति’ को खत्म कर दिया है. अधिकारी ने बताया कि हरियाणा और पुडुचेरी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. जबकि शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने नीति को जारी रखने का फैसला किया है.