इस बर्बर हमले की खबर फैलते ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी कड़ी निंदा शुरू हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है।
ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कश्मीर से आई खबर बेहद परेशान करने वाली है और आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका मजबूती से भारत के साथ खड़ा है। वहीं, यूरोपीय संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस हमले को घृणित आतंकवादी हमला\” करार दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस “क्रूर अपराध” के पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
हमले की गंभीरता को देखते हुए, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में ही रद्द कर दी और तत्काल भारत लौट आए। उन्होंने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि आतंकवाद से लड़ने का भारत का संकल्प अटूट है और यह इस तरह के हमलों के बाद और भी मजबूत होगा।
अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। मुस्लिम बहुल कश्मीर घाटी में 1989 से ही उग्रवाद जारी है, हालांकि हाल के वर्षों में हिंसा की घटनाओं में कमी आई थी। यह हमला पहलगाम से लगभग पाँच किलोमीटर दूर स्थित बैसरन नामक एक लोकप्रिय पहाड़ी क्षेत्र में हुआ, जो पर्यटकों के बीच अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक विद्या कुमार बिरदी ने बीबीसी हिंदी को बताया कि गोलीबारी वाले क्षेत्र में वाहनों की सीधी पहुंच नहीं है, जिससे बचाव कार्यों में कुछ मुश्किलें आ रही हैं। हमले के प्रत्यक्षदर्शी और गुजरात से आए एक पर्यटक, जो उस दुर्भाग्यपूर्ण समूह का हिस्सा थे, ने बताया कि अचानक हुए इस हमले के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, रोने और चिल्लाने की आवाजें गूंज रही थीं। Pahalgam Terror Attack
भारतीय मीडिया द्वारा साझा किए गए कुछ वीडियो फुटेज में भारतीय सैनिक तेजी से घटनास्थल की ओर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि अन्य फुटेज में पीड़ितों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बंदूकधारियों ने विशेष रूप से गैर-मुसलमानों को निशाना बनाया था। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे कुछ अपुष्ट फुटेज में घास के मैदान में शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं और लोग मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं। हालांकि, बीबीसी इन फुटेज की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है।
पुलिस ने बताया कि गोली लगने से घायल हुए कई पर्यटकों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और सुरक्षा बलों ने विभिन्न चौकियों पर वाहनों की गहन तलाशी शुरू कर दी है। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से व्यापक तलाशी अभियान जारी है ताकि हमलावरों का पता लगाया जा सके। Pahalgam Terror Attack
भारतीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बुधवार को इस जघन्य हमले के विरोध में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं, जिनमें लोग आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 1990 के दशक से इस क्षेत्र में भारतीय शासन के खिलाफ सशस्त्र अलगाववादी विद्रोह जारी है, जिसमें अब तक हजारों नागरिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की जान जा चुकी है। 1947 में भारत की स्वतंत्रता और विभाजन के बाद कश्मीर का क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित हो गया था। दोनों परमाणु-शक्ति संपन्न राष्ट्र इस पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं और इस मुद्दे पर कई युद्ध और सीमित संघर्ष भी लड़ चुके हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र में लगभग 500,000 भारतीय सैनिक स्थायी रूप से तैनात हैं।
भारत सरकार ने दावा किया है कि 2019 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कश्मीर की आंशिक स्वायत्तता को रद्द करने के बाद से सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है और हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, हालांकि छिटपुट हिंसा अभी भी जारी है। नागरिकों पर आखिरी बड़ा हमला जून 2024 में हुआ था, जब आतंकवादियों ने हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर गोलीबारी की थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 33 घायल हो गए थे। 2019 में, भारत प्रशासित कश्मीर में एक आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 46 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।
पहलगाम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और हाल के वर्षों में सरकार ने इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024 में लगभग 3.5 मिलियन पर्यटक कश्मीर घूमने आए थे। इस ताजा हमले ने निश्चित रूप से इस क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को एक बड़ा झटका दिया है और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। Pahalgam Terror Attack
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को बीच में ही समाप्त कर दिल्ली लौटकर तत्काल स्थिति का जायजा लिया। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें उन्होंने पहलगाम में हुए हमले और उसके बाद की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। यह हमला, जिसमें कम से कम 26 लोगों की जान गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं, घाटी में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए सबसे भीषण हमलों में से एक है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है। इस घटना ने न केवल देश को बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर कर रख दिया है।
इस हमले की गंभीरता को देखते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने शीर्ष अधिकारियों से तत्काल जानकारी प्राप्त की और आगे की कार्रवाई पर चर्चा की। इस बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक कर्रा से बात कर स्थिति की जानकारी ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे हाल के वर्षों में नागरिकों पर किए गए सबसे भीषण हमलों में से एक बताया और अपराधियों को “अमानवीय और घृणा के पात्र” कहा। इस हमले ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी गहरा झटका दिया है।Pahalgam Terror Attack
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