भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर संघर्ष विराम उल्लंघन का आरोप लगाया; पुंछ में तनाव बढ़ा
Pakistan Army vs indian Army | जम्मू-कश्मीर, 3 अप्रैल 2025 : भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों पर नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और बारूदी सुरंग विस्फोट कराने का आरोप लगाया है। यह घटना पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में 1 अप्रैल को हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई। हालांकि, सेना ने बाद में अपने बयान में संशोधन करते हुए घुसपैठ के दावे को कमतर आंका। Pakistan Army vs indian Army
- बारूदी सुरंग विस्फोट (1 अप्रैल):
- सुबह 10:30 बजे नियंत्रण रेखा (LoC) के भारतीय क्षेत्र में अचानक विस्फोट हुआ।
- प्रारंभिक सेना बयान: “पाकिस्तानी सैनिकों ने LoC पार कर घुसपैठ की और विस्फोटक लगाए।”
- संशोधित बयान (3 अप्रैल): “विस्फोट तब हुआ जब पाकिस्तानी सैनिक गश्त कर रहे थे।”
- गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई:
- विस्फोट के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारी मशीनगन और मोर्टार से गोलीबारी शुरू की।
- भारतीय सैनिकों ने नियंत्रित जवाबी कार्रवाई कर हमले रोके।
- घुसपैठ का विवाद:
- सेना के पहले बयान में “घुसपैठ” शब्द का उल्लेख था, जिसे बाद में हटा लिया गया।
- सूत्रों का दावा: पाकिस्तानी कमांडो टीम ने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर घुसपैठ की कोशिश की।
सेना की प्रतिक्रिया और रणनीति
- तत्काल कार्रवाई:
- व्हाइट नाइट कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी.के. मिश्रा ने राजौरी-पुंछ सेक्टर का निरीक्षण किया।
- अतिरिक्त सैनिक तैनात: निगरानी बढ़ाने के लिए ड्रोन्स और थर्मल इमेजिंग डिवाइस लगाए गए।
- औपचारिक प्रतिक्रिया:
- “हमने 2021 के संघर्ष विराम समझौते का पालन किया, लेकिन पाकिस्तान ने उल्लंघन किया।” — लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्त्वाल, सेना प्रवक्ता।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
- पाकिस्तानी सेना का दावा: “भारत ने बिना उकसावे गोलीबारी शुरू की।”
- ISPR (पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता) का बयान: “हमने शांतिपूर्ण समाधान के लिए हॉटलाइन संपर्क किया, लेकिन भारत ने कोई जवाब नहीं दिया।”
स्थानीय प्रभाव और सुरक्षा उपाय
- नागरिकों का स्थानांतरण:
- LoC के नजदीकी गाँवों के 50+ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।
- जम्मू-कश्मीर में अशांति:
- कठुआ जिले में पिछले 10 दिनों में तीन आतंकी मुठभेड़ें हुईं, जिनमें 4 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
- राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
- जम्मू-कश्मीर BJP: “पाकिस्तान शांति प्रक्रिया को कमजोर करना चाहता है।”
- पूर्व CM महबूबा मुफ्ती: “केंद्र सरकार सीमा सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करे।”
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- केंद्र सरकार: गृह मंत्री अमित शाह 7-8 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर दौरे पर स्थिति की समीक्षा करेंगे।
- अंतरराष्ट्रीय मीडिया: BBC और Al-Jazeera ने इसे “2021 के बाद सबसे गंभीर संघर्ष विराम उल्लंघन” बताया।
विश्लेषण: पाकिस्तान की संभावित मंशा
- आंतरिक दबाव: पाकिस्तान में आर्थिक संकट के बीच सैन्य तनाव बढ़ाकर ध्यान भटकाने की कोशिश।
- कश्मीर एजेंडा: G20 सम्मेलन (मई 2025) से पहले अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना।
- आतंकी समर्थन: LoC पर तनाव बढ़ाकर घुसपैठ के रास्ते खोलना।
भविष्य की रणनीति: भारत के कदम
- सैन्य तैयारियाँ: LoC पर माइन-डिटेक्शन टीम्स और नाइट विजन उपकरणों की तैनाती।
- राजनयिक दबाव: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की “घुसपैठ” को उठाने की योजना।
- स्थानीय सहयोग: जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान तेज करना।
महत्वपूर्ण तथ्य
पहलू | विवरण |
---|---|
हताहत | भारत/पाकिस्तान ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की |
LoC उल्लंघन | 2025 में यह तीसरा प्रमुख उल्लंघन |
ऐतिहासिक संदर्भ | 2021 के संघर्ष विराम के बाद पहली बार घुसपैठ का आरोप |
यह घटना भारत-पाकिस्तान तनाव में नया अध्याय जोड़ती है। सेना की “नियंत्रित प्रतिक्रिया” संदेश देती है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन सुरक्षा पर समझौता नहीं। आने वाले दिनों में राजनयिक और सैन्य स्तर पर गतिविधियाँ बढ़ने की संभावना है। Pakistan Army vs indian Army
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।