130 Pakistani soldiers killed | बलूचिस्तान में बड़े हमले का दावा: BLA का ‘ऑपरेशन हेरोफ’ में 130 पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा
130 Pakistani soldiers killed | बलूचिस्तान (Balochistan) में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाल ही में एक बड़े हमले का दावा किया है, जिसमें उन्होंने 130 पाकिस्तानी सैनिकों (Pakistani soldiers) को मार गिराने की बात कही है। यह हमला ‘ऑपरेशन हेरोफ’ (Operation Herof) के तहत किया गया, जिसे BLA ने बलूचिस्तान की आजादी (Independence of Balochistan) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) ने हालांकि, इस हमले में केवल 14 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है।
ऑपरेशन हेरोफ: बलूचिस्तान की आजादी की ओर पहला कदम
बलूचिस्तान पोस्ट (Balochistan Post) के मुताबिक, BLA ने ‘ऑपरेशन हेरोफ’ के तहत बलूचिस्तान के 12 अलग-अलग स्थानों पर हमले किए। BLA ने रविवार देर रात हमले शुरू किए और पाकिस्तानी सेना के कई कैंप और पुलिस चौकियों (Police checkpoints) को निशाना बनाया। इसके साथ ही, उन्होंने कई प्रमुख हाईवे (Highways) पर नाकेबंदी भी कर दी। BLA ने ‘ऑपरेशन हेरोफ’ को बलूचिस्तान पर कब्जा करने का पहला चरण (First phase) बताया और इसे बलूचिस्तान की आजादी के लिए एक मील का पत्थर (Milestone) कहा। इस ऑपरेशन में BLA के कुल 800 लड़ाकों (Fighters) ने भाग लिया, जो उनके विभिन्न दस्तों (Different squads) से आए थे।
बेला शिविर पर फिदायीन हमले: 20 घंटे तक कब्जा
BLA प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि उनके फिदायीन लड़ाकों (Fidayeen fighters) की ‘मजीद ब्रिगेड’ (Majid Brigade) ने बलूचिस्तान में बेला शिविर (Bela camp) पर 20 घंटे तक कब्जा जमाए रखा। इस दौरान, उन्होंने पाकिस्तानी सेना के 68 सैनिकों को मार गिराया और दर्जनों अन्य घायल हुए। प्रवक्ता के अनुसार, यह ऑपरेशन हेरोफ का पहला चरण (First phase) था, और इसे सफलतापूर्वक पूरा (Successfully completed) किया गया।
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स्थानीय पुलिस को पहले दी थी चेतावनी
BLA प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस (Local police) को पहले ही चेतावनी (Warning) दे दी थी कि वह पाकिस्तानी आर्मी की मदद न करे। इस चेतावनी के बावजूद, कुछ पुलिस कर्मियों ने पाकिस्तानी सेना के साथ सहयोग करने की कोशिश की। प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस और टैक्स वसूली (Tax collection) करने वाले 22 कर्मचारियों को अस्थायी रूप से हिरासत (Temporary detention) में लिया गया और ऑपरेशन के पूरा होने पर उन्हें सुरक्षित रूप से रिहा (Safely released) कर दिया गया।
BLA ने स्पष्ट किया कि वह बलूचिस्तान की पुलिस और लेवी फोर्स (Levies force) को बलूचों का साथी (Allies) मानता है। हालांकि, समूह ने चेतावनी दी कि पाकिस्तानी सेना की मदद (Support) करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को गंभीर परिणाम (Serious consequences) भुगतने होंगे।
पाकिस्तानी सेना का प्रतिक्रिया: केवल 14 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि
पाकिस्तानी सेना ने BLA के दावों पर प्रतिक्रिया (Response) देते हुए कहा कि इस हमले में केवल 14 सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि (Confirmation) हुई है। सेना ने BLA के द्वारा किए गए हमलों को आतंकवादी कार्रवाई (Terrorist actions) करार दिया और कहा कि इस प्रकार के हमले बलूचिस्तान में शांति और स्थिरता (Peace and stability) लाने के उनके प्रयासों को प्रभावित नहीं करेंगे। सेना ने यह भी कहा कि वह इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब (Strong retaliation) देने के लिए पूरी तरह से तैयार है और बलूचिस्तान में शांति स्थापना (Peace establishment) के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
बलूचिस्तान में अशांति का इतिहास
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा और संसाधन-संपन्न प्रांत (Resource-rich province) है, जो लंबे समय से विद्रोह और अशांति (Insurgency and unrest) का सामना कर रहा है। यहां के स्थानीय लोग लंबे समय से अधिकारों और संसाधनों की अधिक हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। BLA जैसे समूह इस संघर्ष को बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई (Fight for independence) के रूप में देखते हैं। हालांकि, पाकिस्तान सरकार (Pakistani government) इन समूहों को आतंकवादी संगठन (Terrorist organizations) मानती है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict action) करती है।
भविष्य की दिशा: बलूचिस्तान की स्थिति पर प्रश्नचिन्ह
BLA द्वारा किए गए इस हमले ने बलूचिस्तान की स्थिति (Situation in Balochistan) को एक बार फिर से सुर्खियों (Headlines) में ला दिया है। जहां एक ओर BLA इसे अपनी आजादी की लड़ाई (Freedom struggle) का हिस्सा मानता है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान सरकार और सेना इसे आतंकवाद (Terrorism) और विद्रोह (Rebellion) के रूप में देखती हैं। इस ताजा हमले के बाद, बलूचिस्तान में स्थिति और भी गंभीर (Critical) हो सकती है। भविष्य में, इस संघर्ष का नतीजा क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी। बलूचिस्तान की जनता के लिए यह समय अत्यंत संवेदनशील (Sensitive) है, और आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि यह संघर्ष किस दिशा में बढ़ेगा।
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