प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: पहली बार मां बनने पर 5000, दूसरी बार बेटी होने पर 6000 रुपये, 15 अगस्त तक कराएं रजिस्ट्रेशन
PM Matru Vandana Yojana | केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) गर्भवती और धात्री (स्तनपान कराने वाली) महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक अनूठा प्रयास है। इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को 5000 रुपये और दूसरी बार बेटी के जन्म पर 6000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। दिल्ली सहित देशभर में इस योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंचाने के लिए एक विशेष रजिस्ट्रेशन अभियान चल रहा है, जिसकी अंतिम तारीख 15 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई है। यह अभियान गर्भवती और मां बनी महिलाओं को पौष्टिक आहार और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आइए, इस योजना, इसके लाभ, पात्रता, और चल रहे अभियान के बारे में विस्तार से जानते हैं। PM Matru Vandana Yojana
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना है, जिसे 1 जनवरी 2017 को लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे गर्भावस्था और प्रसव के दौरान बेहतर पोषण और स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त कर सकें। यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आती हैं और जिन्हें पौष्टिक आहार और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
योजना के तहत दी जाने वाली राशि का उपयोग मां और नवजात शिशु के लिए पौष्टिक आहार, दवाइयां, और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए किया जा सकता है। यह योजना न केवल मातृ स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है, बल्कि नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने और लिंगानुपात में सुधार करने में भी योगदान देती है।
योजना के तहत मिलने वाली राशि
PMMVY के तहत गर्भवती और धात्री महिलाओं को निम्नलिखित वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है:
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पहली बार गर्भवती होने पर:
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पहली किस्त: गर्भावस्था के रजिस्ट्रेशन (पहले तिमाही में) के समय 3000 रुपये।
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दूसरी किस्त: शिशु के जन्म का रजिस्ट्रेशन कराने और कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (ANC) कराने पर 2000 रुपये।
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कुल राशि: 5000 रुपये।
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दूसरी बार गर्भवती होने पर:
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यदि दूसरी बार गर्भवती होने पर बेटी का जन्म होता है, तो 6000 रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है।
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यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक या डाकघर खाते में हस्तांतरित की जाती है।
15 अगस्त तक विशेष रजिस्ट्रेशन अभियान
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने PMMVY के तहत अधिक से अधिक पात्र महिलाओं को जोड़ने के लिए एक विशेष “घर-घर जागरूकता और रजिस्ट्रेशन अभियान” शुरू किया है। इस अभियान की समय सीमा को 15 अगस्त 2025 तक बढ़ा दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें।
अभियान की मुख्य विशेषताएं:
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आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को योजना के बारे में जागरूक कर रही हैं। वे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में भी मदद कर रही हैं।
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लक्ष्य: इस अभियान का उद्देश्य उन सभी पात्र महिलाओं का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना है जो अब तक इस योजना से वंचित रह गई हैं। विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी स्लम क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।
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जागरूकता: अभियान के तहत महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान पौष्टिक आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच, और टीकाकरण के महत्व के बारे में बताया जा रहा है।
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रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया: रजिस्ट्रेशन के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), या ऑनलाइन पोर्टल (pmmvy.wcd.gov.in) का उपयोग किया जा सकता है।
अभियान की प्रगति
दिल्ली में यह अभियान विशेष रूप से सक्रिय है। दिल्ली सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मिलकर सभी 11 जिलों में रजिस्ट्रेशन ड्राइव शुरू की है। दिल्ली के स्लम क्षेत्रों, ग्रामीण इलाकों, और कम आय वाले समुदायों में रहने वाली महिलाओं को लक्षित किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अब तक हजारों घरों का दौरा किया है और सैकड़ों महिलाओं का रजिस्ट्रेशन पूरा किया है।
PMMVY के लिए पात्रता
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें पूरी करनी होंगी:
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आयु: गर्भवती महिला की उम्र कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए।
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पारिवारिक आय: परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
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अन्य योजनाओं से संबंध: निम्नलिखित में से कोई एक शर्त पूरी होनी चाहिए:
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महिला के पास मनरेगा कार्ड हो।
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महिला को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा हो।
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महिला के पास ई-श्रम कार्ड या बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड हो।
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महिला दिव्यांगजन हो।
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अन्य शर्तें:
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यह योजना केवल पहली और दूसरी गर्भावस्था के लिए लागू है (दूसरी गर्भावस्था में बेटी होने पर ही लाभ मिलेगा)।
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सरकारी कर्मचारी या ऐसी महिलाएं जो पहले से ही समान मातृत्व लाभ वाली योजनाओं का लाभ ले रही हैं, इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
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आवश्यक दस्तावेज:
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आधार कार्ड (महिला और पति दोनों का, यदि विवाहित है)।
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बैंक या डाकघर खाता विवरण (DBT के लिए)।
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गर्भावस्था रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र (मेडिकल सर्टिफिकेट)।
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शिशु जन्म प्रमाण पत्र (दूसरी किस्त के लिए)।
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मनरेगा, ई-श्रम, या बीपीएल कार्ड (यदि लागू हो)।
अब तक की उपलब्धियां: 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का हस्तांतरण
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, 31 जुलाई 2025 तक PMMVY के तहत 4.05 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 19,028 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से उनके बैंक या डाकघर खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है। यह राशि मातृ स्वास्थ्य और नवजात शिशुओं की देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार:
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उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और बिहार जैसे राज्यों में सबसे अधिक लाभार्थी हैं।
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दिल्ली में अब तक लगभग 2.5 लाख महिलाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है।
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योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करने में मदद की है।
योजना का प्रभाव और सामाजिक महत्व
PMMVY का प्रभाव केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है। यह योजना कई सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करती है:
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मातृ स्वास्थ्य में सुधार: गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य जांच और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में मदद मिली है।
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लिंगानुपात में सुधार: दूसरी बार बेटी के जन्म पर 6000 रुपये की सहायता ने बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है।
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आर्थिक सशक्तिकरण: आर्थिक सहायता ने कम आय वाली महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान वित्तीय बोझ कम करने में मदद की है।
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जागरूकता: आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के प्रयासों ने गर्भवती महिलाओं में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाई है।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे:
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ग्रामीण क्षेत्रों में कई महिलाओं को योजना की जानकारी नहीं है।
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आधार कार्ड और बैंक खाते की अनुपलब्धता के कारण रजिस्ट्रेशन में देरी।
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कुछ राज्यों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जटिलता।
इन चुनौतियों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल किया है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया है।
15 अगस्त से पहले रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी?
15 अगस्त 2025 तक चल रहे इस विशेष अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र महिला इस योजना के लाभ से वंचित न रहे। रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं भी इस योजना में शामिल हो सकें।
रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
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ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन:
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नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) पर जाएं।
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आशा कार्यकर्ता या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क करें।
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आवश्यक दस्तावेज जमा करें और फॉर्म भरें।
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ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन:
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PMMVY की आधिकारिक वेबसाइट (pmmvy.wcd.gov.in) पर जाएं।
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“लाभार्थी रजिस्ट्रेशन” सेक्शन में फॉर्म भरें।
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आधार और बैंक खाता विवरण अपलोड करें।
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हेल्पलाइन: किसी भी सहायता के लिए PMMVY हेल्पलाइन नंबर 011-23382393 पर संपर्क करें।
समय सीमा का महत्व:
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15 अगस्त 2025 तक रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिलाएं जल्द से जल्द पहली किस्त प्राप्त कर सकती हैं।
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देरी से रजिस्ट्रेशन करने पर प्रसव पूर्व जांच और जन्म रजिस्ट्रेशन की समय सीमा प्रभावित हो सकती है, जिससे किस्तों का भुगतान देरी से हो सकता है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनागर्भवती और धात्रीमहिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल आर्थिक सहायताप्रदान करती है, बल्कि मातृ और शिशु स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है। 15 अगस्त 2025 तक चल रहा विशेष रजिस्ट्रेशन अभियान एक सुनहरा अवसर है, जिसके तहत पात्र महिलाएं इ योजना का लाभ उठा सकती हैं। दिल्ली और देशभर में आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई गर्भवती या धात्री महिला है, तो तुरंत नजदीकीआंगनवाड़ी केंद्र या PMMVY पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं। समयरहते इस योजना का लाभ उठाकर मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य और भविष्य को सुनिश्चित करें।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।