Primary Teacher | मध्यप्रदेश में बीएड धारक प्राइमरी टीचर्स की नौकरी खतरे में: नियुक्तियों के रद्द होने का आदेश जारी, शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई
Primary Teacher भोपाल। मध्यप्रदेश में बीएड (B.Ed) योग्यता वाले शिक्षकों के लिए बड़ी चिंता की खबर है। राज्य सरकार ने ऐसे 341 शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का आदेश जारी किया है, जिन्होंने 11 अगस्त 2023 के बाद प्राथमिक शिक्षक (Primary Teacher) के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। इस आदेश के चलते इन शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है। शिक्षा विभाग (Education Department) द्वारा इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
आदेश का कारण और हाईकोर्ट का फैसला
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अनुसार, जिन शिक्षकों की योग्यता बीएड (B.Ed) है, उन्हें प्राथमिक शिक्षक (Primary Teacher) के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने 3 मई 2024 को दिए गए एक आदेश में यह स्पष्ट किया था कि 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त हुए बीएड धारक उम्मीदवार ही प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए योग्य माने जाएंगे। इसके बाद नियुक्त होने वाले सभी शिक्षकों की नियुक्ति अमान्य (Invalid) होगी।
यह आदेश उन शिक्षकों के लिए खासा झटका है, जिन्होंने बीएड की योग्यता के आधार पर अपनी नौकरी (Job) हासिल की थी। अब इस आदेश के तहत उनकी नियुक्तियां (Appointments) रद्द की जाएंगी। जिला शिक्षा अधिकारियों (District Education Officers) को इन आदेशों के पालन के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग की सख्ती: रद्द होंगी गलत नियुक्तियां
शिक्षा विभाग (Education Department) ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बीएड योग्यता वाले शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के लिए फॉर्मेट तैयार करें और इसे सही तरीके से लागू करें। यदि किसी शिक्षक के रिकॉर्ड में गलती से डीएड (D.Ed) की योग्यता दर्ज हो गई है, जबकि उनकी वास्तविक योग्यता बीएड (B.Ed) है, तो ऐसी स्थिति में भी उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी। विभाग ने इस संबंध में जिलों को सूची भेज दी है।
इस आदेश से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विभिन्न जिलों में शिक्षा विभाग (Education Department) के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं और नियुक्तियों की समीक्षा (Review) की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि किन शिक्षकों की नियुक्तियां बीएड योग्यता के आधार पर की गई हैं और उन्हें रद्द करने की प्रक्रिया (Process) शुरू की जा रही है।
25 जिलों में आदेश प्रभावी: किन्हें होगा नुकसान
शिक्षा विभाग (Education Department) ने 25 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (District Education Officers) को निर्देश दिए हैं कि वे बीएड योग्यता वाले शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करें। इनमें आगर मालवा (Agar Malwa), आलीराजपुर (Alirajpur), अशोकनगर (Ashoknagar), छतरपुर (Chhatarpur), दमोह (Damoh), डिंडौरी (Dindori), गुना (Guna), कटनी (Katni), खंडवा (Khandwa), मंदसौर (Mandsaur), मुरैना (Morena), नरसिंहपुर (Narsinghpur), नीमच (Neemuch), निवाड़ी (Niwari), पन्ना (Panna), रायसेन (Raisen), रतलाम (Ratlam), सागर (Sagar), श्योपुर (Sheopur), शिवपुरी (Shivpuri), सीधी (Sidhi), सिंगरौली (Singrauli), टीकमगढ़ (Tikamgarh), उज्जैन (Ujjain) और विदिशा (Vidisha) के जिला शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।
इन जिलों में नियुक्त बीएड योग्यता (B.Ed Qualification) वाले शिक्षकों को सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा, क्योंकि उनकी नियुक्तियां निरस्त (Cancellation) होने जा रही हैं। इन जिलों में शिक्षा विभाग (Education Department) द्वारा जारी आदेशों का पालन करना अनिवार्य (Mandatory) होगा।
लोक शिक्षण आयुक्त का बयान: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन
लोक शिक्षण आयुक्त (Commissioner of Public Instruction) शिल्पा गुप्ता ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के आधार पर की जा रही है। हालांकि, जब उनसे 341 शिक्षकों की सूची (List) के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे साझा करने से मना कर दिया। शिल्पा गुप्ता ने कहा कि जिलों से रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई (Action) की जाएगी और उसी के आधार पर सूची जारी की जाएगी।
वहीं, लोक शिक्षण आयुक्त कार्यालय (Office of Commissioner of Public Instruction) के संचालक केके द्विवेदी ने कहा कि सूची (List) उपलब्ध है, लेकिन इसे कमिश्नर की अनुमति (Permission) के बिना जारी नहीं किया जा सकता।
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विभाग का कड़ा कदम
मध्यप्रदेश में बीएड योग्यता वाले शिक्षकों के लिए यह खबर निश्चित ही एक बड़ा झटका है। जिन शिक्षकों ने अपनी मेहनत और योग्यता के आधार पर नौकरी (Job) हासिल की थी, अब उन्हें अपनी नौकरी गंवाने का खतरा है। शिक्षा विभाग (Education Department) के इस कड़े कदम से राज्य में सैकड़ों शिक्षकों की नौकरियों पर असर पड़ेगा। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि जिला अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का क्या नतीजा निकलता है और कितने शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त होती हैं।
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