पुखराज पहनने के 4 सबसे बड़े फायदे, बस इन नियमों का पालन करें

पुखराज पहनने के 4 सबसे बड़े फायदे, बस इन नियमों का पालन करें

Pukhraj Pahanane ke Fayde or Niyam | ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष स्थान है। ये न केवल ग्रहों की स्थिति को मजबूत बनाते हैं, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होते हैं। कुंडली में नौ ग्रहों का प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है, और इनकी कमजोरी से कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में सही रत्न धारण करके ग्रहों को शांत और मजबूत किया जा सकता है। आज हम बात करेंगे गुरु ग्रह के रत्न पुखराज (पीला नीलम) के बारे में, जो चमत्कारी गुणों से भरपूर है। Pukhraj Pahanane ke Fayde or Niyam

गुरु ग्रह और पुखराज का संबंध

गुरु ग्रह, जिसे जूपिटर भी कहा जाता है, ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और वैवाहिक सुख का कारक है। यदि कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, तो व्यक्ति को करियर में बाधाएं, आर्थिक तंगी, वैवाहिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है। पुखराज धारण करने से गुरु ग्रह की ऊर्जा सक्रिय हो जाती है, जो जीवन को नई दिशा प्रदान करती है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह रत्न विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो जीवन में स्थिरता और उन्नति की तलाश में हैं।

पुखराज के 4 सबसे बड़े फायदे

रत्न शास्त्र में पुखराज को गुरु ग्रह का सर्वश्रेष्ठ रत्न माना गया है। इसके धारण करने से निम्नलिखित प्रमुख लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. करियर और नौकरी में सफलता: पुखराज पहनने से व्यक्ति की कार्यक्षमता बढ़ती है। यह नौकरी में प्रमोशन, बिजनेस में वृद्धि और नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाता है। जो लोग करियर में रुकावट महसूस कर रहे हैं, उनके लिए यह रत्न वरदान साबित होता है।
  2. धन-संपत्ति में वृद्धि: आर्थिक स्थिरता के लिए पुखराज अत्यंत लाभकारी है। यह धन प्राप्ति के नए स्रोत खोलता है और वित्तीय निर्णयों में सटीकता लाता है। कई ज्योतिषी बताते हैं कि नियमित धारण से कर्ज मुक्ति और संपत्ति लाभ होता है।
  3. वैवाहिक जीवन में सुख: शादीशुदा जीवन में कलह, संतान प्राप्ति की समस्या या वैवाहिक बाधाओं से पीड़ित लोगों के लिए पुखराज रामबाण है। यह दांपत्य जीवन को मधुर बनाता है और परिवार में शांति स्थापित करता है।
  4. बुद्धि और उन्नति में वृद्धि: पुखराज बुद्धि, ज्ञान और एकाग्रता को बढ़ाता है। छात्रों और विद्वानों के लिए यह विशेष रूप से उपयोगी है, जो शिक्षा, शोध या आध्यात्मिक उन्नति में रुचि रखते हैं।

पुखराज धारण करने के नियम

पुखराज या किसी भी रत्न को धारण करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन अनिवार्य है। इनका उल्लंघन करने से अपेक्षित लाभ नहीं मिलता, बल्कि नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है:

  • धातु का चयन: पुखराज को हमेशा सोने की अंगूठी में जड़वाएं। चांदी या अन्य धातु में धारण करने से इसका प्रभाव कम हो जाता है।
  • उंगली का स्थान: इसे दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) में पहनें। महिलाओं के लिए बाएं हाथ भी स्वीकार्य हो सकता है, लेकिन ज्योतिषी की सलाह लें।
  • धारण का समय: गुरुवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। सूर्योदय के समय ज्योतिषाचार्य की देखरेख में धारण करें। गलत मुहूर्त में पहनने से हानि हो सकती है।
  • शुद्धिकरण प्रक्रिया: धारण करने से पहले पुखराज का शुद्धिकरण करें। इसके लिए रत्न को गंगाजल, दूध और शहद के मिश्रण में डुबोएं, फिर गुरु मंत्र का जाप करें। बिना शुद्धिकरण के यह निष्क्रिय रहता है।

पुखराज धारण करने से पहले अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषी से करवाएं। यदि गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो यह रत्न हानिकारक साबित हो सकता है। साथ ही, नकली पुखराज से बचें – प्रमाणित रत्न ही खरीदें। नियमित रूप से रत्न की जांच करवाते रहें ताकि इसका प्रभाव बरकरार रहे।

यह रत्न न केवल भौतिक सुख प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिकविकास में भी सहायक है। यदि आप जीवन में सकारात्मकबदलाव चाहते हैं, तो पुखराज को आजमाएं – लेकिन सही तरीके से! Pukhraj Pahanane ke Fayde or Niyam


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