Radha Swami Satsang vyas | राधा स्वामी सत्संग व्यास के नए अध्याय की शुरुआत: सरदार जसदीप सिंह गिल बने उत्तराधिकारी
राधा स्वामी सत्संग डेरा व्यास (Radha Swami Satsang vyas) के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। डेरा व्यास के वर्तमान संत सतगुरु, बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो (Baba Gurinder Singh Dhillon) ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में सरदार जसदीप सिंह गिल (Sardar Jasdeep Singh Gill) को चुना है। यह नियुक्ति सोमवार को की गई, और इसके साथ ही जसदीप सिंह गिल को आधिकारिक रूप से डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) का आध्यात्मिक प्रमुख (spiritual head) नामित कर दिया गया। इस फैसले को लेकर एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया, जिसमें संत सतगुरु बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने इस महत्वपूर्ण बदलाव की पुष्टि की।
संत सतगुरु बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो का फैसला
बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने अपनी घोषणा में बताया कि जसदीप सिंह गिल को स्व. सुखदेव सिंह गिल के पुत्र और डेरा के संरक्षक के रूप में चुना गया है। इस खबर के बाद, देश-विदेश में मौजूद डेरा के अनुयायियों (followers) के बीच हलचल मच गई है। डेरा व्यास के अनुयायी हमेशा अपने संत सतगुरु की बातों को मानते आए हैं, और अब जब जसदीप सिंह गिल को उनके उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया गया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि संगत इस निर्णय को कैसे स्वीकार करती है।
बाबाजी की इस घोषणा से पहले उन्होंने डेरा के सभी वरिष्ठ अधिकारियों, डेरा सचिव, और क्षेत्रीय प्रमुखों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में ही उन्होंने सरदार जसदीप सिंह गिल को अपने उत्तराधिकारी के रूप में घोषित किया। यह खबर डेरा के अनुयायियों के लिए किसी बड़े उत्सव से कम नहीं है, क्योंकि डेरा व्यास में एक नई अध्याय की शुरुआत होने जा रही है।
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास में नया अध्याय
नोटिस में यह भी बताया गया कि सरदार जसदीप सिंह गिल, 2 सितंबर, 2024 से तत्काल प्रभाव से डेरा राधास्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी (Radha Soami Satsang Beas Society) के संरक्षक (protector) के रूप में अपना कार्यभार संभालेंगे। जसदीप सिंह गिल को दीक्षा (initiation) देने का भी अधिकार होगा, जो कि डेरा के संत सतगुरु का एक प्रमुख कर्तव्य होता है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो का कहना है कि वह इस निर्णय से बेहद संतुष्ट हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि जसदीप सिंह गिल इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे।
इस बीच, बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो के स्वास्थ्य को लेकर चल रही अफवाहों पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट किया कि वह पूरी तरह स्वस्थ (healthy) हैं। यह घोषणा भी इस बात का संकेत है कि डेरा के अनुयायियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है और वह बिना किसी संशय के जसदीप सिंह गिल को अपना नया संत सतगुरु मान सकते हैं।
सरदार जसदीप सिंह गिल का परिचय
सरदार जसदीप सिंह गिल की उम्र 45 साल है और उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Cambridge University) से रासायनिक अभियांत्रिकी (chemical engineering) में ‘डॉक्टरेट’ (doctorate) की डिग्री प्राप्त की है। वह दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Delhi) के छात्र भी रह चुके हैं। जसदीप सिंह गिल का शैक्षिक (educational) और पेशेवर (professional) जीवन भी बेहद शानदार रहा है। उन्होंने सिपला (Cipla India) में मुख्य रणनीति अधिकारी (Chief Strategy Officer) और वरिष्ठ प्रबंधन कार्मिक (senior management personnel) के रूप में भी काम किया है।
इसी साल के प्रारंभ में उन्होंने सिपला से अपने पद से इस्तीफा (resignation) दिया, जो कि डेरा के कार्यभार संभालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। उनकी पत्नी भी डॉक्टर (doctor) हैं, और इस दंपत्ति का पारिवारिक जीवन भी सुखमय है। जसदीप सिंह गिल की शिक्षा और अनुभव उन्हें इस नई भूमिका के लिए पूरी तरह तैयार करते हैं, और उन्हें डेरा के सभी अनुयायियों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
बाबा जी की अपील: प्यार और समर्थन के लिए अनुरोध
जारी किए गए नोटिस में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो ने कहा कि जैसे उन्हें अपने पूर्ववर्ती, हुजूर महाराज जी (Huzur Maharaj Ji) के बाद संगत का पूरा समर्थन और प्यार मिला था, वैसे ही वह कामना करते हैं कि जसदीप सिंह गिल को भी वही प्यार और स्नेह (affection) मिले। उन्होंने संगत से अनुरोध किया कि वह जसदीप सिंह गिल की सेवा को आगे बढ़ाने में पूरा समर्थन दें और उनके साथ हमेशा खड़े रहें।
यह खबर डेरा के अनुयायियों के बीच में जोश और उत्साह (excitement) का माहौल बना रही है। बाबा जी के इस अनुरोध से यह साफ है कि वह जसदीप सिंह गिल के नेतृत्व में डेरा की प्रगति और विकास के लिए पूरी तरह आश्वस्त (confident) हैं। डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास की यह नई यात्रा, जसदीप सिंह गिल के नेतृत्व में नए आयाम छूने की संभावना (potential) रखती है।
डेरा के अनुयायियों के लिए संदेश
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अनुयायी हमेशा से अपने संत सतगुरु के प्रति गहरी श्रद्धा और विश्वास (faith) रखते आए हैं। जसदीप सिंह गिल की नियुक्ति को संगत के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो का यह फैसला डेरा के भविष्य को एक नई दिशा देने वाला है। जसदीप सिंह गिल का शैक्षणिक और पेशेवर अनुभव इस बात का संकेत है कि वह इस भूमिका को पूरी जिम्मेदारी और सफलता (success) के साथ निभाएंगे।
आखिरकार, यह समय डेरा के अनुयायियों के लिए अपने नए संत सतगुरु के साथ खड़े होने और उन्हें पूरा समर्थन देने का है। जसदीप सिंह गिल को डेरा की इस महत्वपूर्ण भूमिका में समर्थन देने के लिए बाबा जी ने भी संगत से अनुरोध किया है। डेरा की यह नई यात्रा अब जसदीप सिंह गिल के नेतृत्व में आगे बढ़ेगी, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस भूमिका को कैसे निभाते हैं।
इस बदलाव के साथ, डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास का भविष्य नए आयामों और संभावनाओं की ओर बढ़ रहा है। जसदीप सिंह गिल की इस महत्वपूर्ण भूमिका में सफलता के लिए संगत की प्रार्थनाएं (prayers) और समर्थन आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लो के इस ऐतिहासिक फैसले ने डेरा के अनुयायियों के लिए एक नई दिशा तय की है, और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए जसदीप सिंह गिल को अब संगत के साथ की आवश्यकता है।
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