ज्यादा स्क्रीन टाइम से आंखें ही नहीं, ये 5 अंग भी होते हैं खराब! बच्चों को बचाने के आसान उपाय
screen time effects on kids | आज के डिजिटल दौर में बच्चों का स्क्रीन टाइम खतरा! स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप और टीवी पर घंटों बिताने से आंखों के साथ मांसपेशियां, हड्डियां, दिल, नींद और मेंटल हेल्थ खराब हो रही है। फिजिकल एक्टिविटी कम होने से मोटापा-दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। एक्सपर्ट्स की सलाह: बच्चों का स्क्रीन टाइम 2 घंटे से कम रखें। यहां जानें 5 अंगों पर असर और 7 आसान उपाय…
अंग/समस्या | मुख्य असर | खतरे के संकेत |
---|---|---|
आंखें | डिजिटल स्ट्रेन, ड्राई आई, मायोपिया बढ़ना | धुंधलापन, सिरदर्द |
मांसपेशियां-हड्डियां | कमर-गर्दन-पीठ दर्द, कमजोर विकास | बैठने से जकड़न, कमजोरी |
दिल-मोटापा | फिजिकल एक्टिविटी कम, मोटापा-हृदय रोग | वजन बढ़ना, थकान |
नींद | क्वालिटी खराब, थकान-चिड़चिड़ापन | रात में नींद न आना |
मेंटल हेल्थ | तनाव, खुद से तुलना, नोटिफिकेशन एडिक्शन | चिंता, डिप्रेशन |
ज्यादा स्क्रीन टाइम से ये 5 अंग खराब क्यों होते हैं?
- आंखें: लगातार स्क्रीन से ड्राई आई, धुंधलापन और मायोपिया (चश्मा नंबर बढ़ना)। बच्चों में 80% केस बढ़े!
- मांसपेशियां-हड्डियां: लंबे समय बैठने से पीठ-गर्दन दर्द। फिजिकल कमी से हड्डियां कमजोर, विकास रुकता है।
- दिल-मोटापा: बैठे रहने से कैलोरी बर्न न हो, मोटापा बढ़े। दिल कमजोर, भविष्य में हार्ट अटैक का रिस्क।
- नींद: सोने से पहले स्क्रीन से मेलाटोनिन हार्मोन बाधित। बच्चे थके-चिड़चिड़े रहते हैं।
- मेंटल हेल्थ: सोशल मीडिया से तुलना, गेमिंग से तनाव। नोटिफिकेशन से एंग्जायटी बढ़ती है।
एक्सपर्ट टिप: WHO के अनुसार, 5-17 साल के बच्चों का स्क्रीन टाइम 2 घंटे/दिन से कम हो।
बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करने के 7 आसान उपाय
उपाय | कैसे करें? | फायदा |
---|---|---|
1. फैमिली पार्टी | हफ्ते में 1 बार घर पर गेम्स-एक्टिविटी | फिजिकल एक्टिव, बॉन्डिंग बढ़े |
2. आउटडोर स्कैवेंजर हंट | पार्क में ‘खजाना ढूंढो’ गेम | दौड़-भाग, स्क्रीन भूलें |
3. आउटडोर गेम्स | बैडमिंटन, फ्रिसबी, क्रिकेट | फिटनेस बढ़े, मोटापा कम |
4. गार्डनिंग | पौधों को पानी दें, मिट्टी में खेलें | एक्सरसाइज+क्रिएटिविटी |
5. 20-20-20 नियम | 20 मिनट स्क्रीन बाद 20 सेकंड 20 फीट दूर देखें | आंखें सेफ, स्ट्रेन कम |
6. ब्राइटनेस कंट्रोल | रोशनी अनुसार सेट, ब्लू लाइट फिल्टर/नाइट मोड | नींद-अंखें सुरक्षित |
7. टाइम टेबल बनाएं | सुबह 1 घंटा, शाम 30 मिनट लिमिट; रिवार्ड दें | आदत पड़े, मोटिवेशन बढ़े |
प्रैक्टिकल टिप्स:
- रूल: डिनर टेबल पर फोन बंद!
- ऐप्स: Parental Control ऐप्स से लिमिट सेट करें।
- उदाहरण: 1 हफ्ते में 1 घंटा कम करने परआइसक्रीम रिवार्ड!
नोट: अगर बच्चे में दर्द-तनाव दिखे, तो डॉक्टर से चेकअप कराएं। स्क्रीन टाइम कम = स्वस्थ बच्चे! आज से शुरू करें। 🌟 शेयर करें, बच्चों को बचाएं!
अस्वीकरण: यह सामान्यसलाह है। चिकित्सकीयसलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।