शाम के समय दीपक जलाने से जुड़ीं गलतियां जो आपको कभी नहीं करनी चाहिए
Shaam ko darwaje par deepak Jalane ke niyam | शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि माता लक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त कराता है। दीपक जलाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। हालांकि, कई लोग अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनके कारण दीपक जलाने का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। इन गलतियों से बचने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है। आइए जानते हैं, दीपक जलाते समय किन 5 गलतियों से बचना चाहिए और कैसे आप इस पवित्र कार्य को और प्रभावी बना सकते हैं। Shaam ko darwaje par deepak Jalane ke niyam
दिन ढलने से पहले दीपक जलाने की गलती
कई लोग जल्दबाजी में या समय की कमी के कारण सूर्यास्त से पहले ही दीपक जला देते हैं। जब सूरज की हल्की-हल्की पीली रोशनी अभी भी मौजूद हो, तब दीपक जलाने का कोई लाभ नहीं मिलता। दीपक का उद्देश्य अंधेरे में प्रकाश फैलाना और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना है। इसलिए, दीपक हमेशा प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय, लगभग 6 बजे से 7 बजे तक) में जलाना चाहिए। सूर्यदेव की रोशनी में दीपक जलाने से इसका आध्यात्मिक महत्व कम हो जाता है।
उपाय: दीपक जलाने से पहले सूर्यास्त का समय जांच लें और प्रदोष काल में ही दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। Shaam ko darwaje par deepak Jalane ke niyam
मुख्य द्वार पर गलत दिशा में दीपक रखने की गलती
कई लोग दीपक को घर के मुख्य द्वार पर कहीं भी रख देते हैं, जो कि गलत है। दीपक को हमेशा मुख्य द्वार के बाईं ओर या पूर्व/उत्तर दिशा में रखना चाहिए। यह दिशाएं माता लक्ष्मी और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं दीपक जलाते समय माता लक्ष्मी की स्तुति करें जैसे:
“श्री लक्ष्मी नमस्तुभ्यं, दीपज्योति नमोऽस्तु ते।”
गलत दिशा में दीपक रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित हो सकता है और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती।
उपाय: दीपक को मिट्टी की थाली या चौकी पर रखें और सुनिश्चित करें कि वह मुख्य द्वार के बाईं ओर पूर्व या उत्तर दिशा में हो।
आटे या फैंसी दीपक जलाने की गलती
कुछ लोग बाजार में उपलब्ध फैंसी दीपकों या आटे से बने दीपकों का उपयोग करते हैं, जो शास्त्रों के अनुसार उचित नहीं है। आटा अन्न का प्रतीक है, और इसे बाहर जलाने से धूल-मिट्टी, कीट-पतंगे या पशु इसे अशुद्ध कर सकते हैं। मिट्टी का दीपक सबसे शुद्ध और शास्त्र सम्मत माना जाता है। इसके अलावा, पीतल का दीपक भी उपयोग किया जा सकता है लेकिन इसे रोजाना साफ करके और पवित्र जल से धोकर ही जलाना चाहिए। फैंसी दीपक सजावट के लिए ठीक हो सकते हैं, लेकिन आध्यात्मिक कार्यों के लिए मिट्टी का दीपक सर्वोत्तम है।
उपाय: मिट्टी का दीपक खरीदें और इसे शुद्ध घी या तिल के तेल से जलाएं। दीपक में दो बत्तिया (एक पूर्व और एक उत्तर दिशा में) रखें।
दक्षिण दिशा में दीपक जलाने की गलती
दक्षिण दिशा को यमराज और पितरों की दिशा माना जाता है। इस दिशा में दीपक जलाना शुभ नहीं होता, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है। यदि आप माता लक्ष्मी की कृपा और घर में सुखसमृद्धि चाहते हैं, तो दक्षिण दिशा में दीपक रखने से बचें। इसके बजाय, दीपक को पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें, जो सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक हैं।
उपाय: घर के मुख्य द्वार पर दीपक रखने से पहले दिशा की जांच करें। दक्षिण दिशा से बचें और दीपक को शुद्ध स्थान पर स्थापित करें। Shaam ko darwaje par deepak Jalane ke niyam
दीपक जलाने के बाद तुरंत दरवाजा बंद करने की गलती
कई लोग दीपक जलाने के बाद तुरंत दरवाजा बंद कर लेते हैं या दीपक को पीठ दिखाकर चले जाते हैं। यह गलती सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकती है। दीपक जलाने के बाद माता लक्ष्मी और अन्य देवताओं को प्रणाम करें और कम से कम 30 मिनट तक दरवाजा खुला रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। यदि आप तुरंत दरवाजा बंद करते हैं, तो यह माता लक्ष्मी का अपमान माना जा सकता है।
उपाय: दीपक जलाने के बाद “ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का जाप करें और कुछ देर तक दरवाजे के पास खड़े होकर प्रार्थना करें। Shaam ko darwaje par deepak Jalane ke niyam
अतिरिक्त टिप्स दीपक जलाने के लिए
- शुद्धता का ध्यान रखें: दीपक जलाने से पहले हाथ पैर धो लें और साफ वस्त्र पहनें।
- घी या तेल का उपयोग: शुद्ध घी या तिल का तेल दीपक में उपयोग करें। सरसों का तेल भी शुभ माना जाता है।
- दो बत्तियां जलाएं: एक बत्ती पूर्व दिशा में और दूसरी उत्तर दिशा में रखें यह समृद्धि को आकर्षित करता है।
- प्रार्थना करें: दीपक जलाने से पहले माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और अपने इष्ट देव की प्रार्थना करें।
- नियमितता बनाए रखें: हर दिन एक ही समय पर दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। Shaam ko darwaje par deepak Jalane ke niyam
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।