ढोल-ताशों, नगाड़ों और बैंड-बाजों के साथ गूंज उठा नगर, हजारों श्रद्धालुओं ने किया दर्शन,भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम
सुसनेर। सावन माह के पावन सोमवार को सुसनेर नगर में शिवभक्ति का अनुपम नजारा देखने को मिला, जब बाबा महादेव की भव्य शाही सवारी लाव-लश्कर, ढोल-ताशों, नगाड़ों और बैंड-बाजों के साथ नगर प्रवण पर निकली। जैसे ही बाबा की पालकी नगर के प्रमुख मार्गों से गुज़री, पूरा वातावरण “हर-हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोषों से गूंज उठा।
दुर्धरा से उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
दुर्धरा से निकलकर यह दिव्य सवारी नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए नगर प्रवण पर पहुंची। आसपास के गांव-गांव से शिवभक्त बड़े उत्साह के साथ शामिल हुए। महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग—सभी के चेहरे पर भक्ति और उत्साह स्पष्ट झलक रहा था। हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिसने पूरे नगर को शिवमय बना दिया।
अखाड़ों में दिखाए गए अद्भुत करतब
शाही सवारी में शामिल पारंपरिक अखाड़ों के पहलवानों ने एक से बढ़कर एक अद्भुत करतब प्रस्तुत किए। लाठी, तलवार, अग्निक्रीड़ा और शारीरिक कौशल के इन प्रदर्शन ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। लोग बड़ी तादाद में रुककर इन करतबों का आनंद लेते रहे और तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाते रहे।
विशेष झांकियों ने खींचा ध्यान
सवारी में शामिल धार्मिक झांकियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी, शिवलिंग और विभिन्न पौराणिक प्रसंगों को जीवंत करती झांकियां नगरवासियों के आकर्षण का केंद्र बनीं। जगह-जगह सजे तोरण द्वार और फूलों की सजावट ने मार्ग को और भी भव्य बना दिया।
फूल वर्षा और प्रसाद वितरण
नगरवासियों ने सवारी के स्वागत में जगह-जगह फूल वर्षा की। भक्तों को शीतल जल, शरबत और प्रसाद वितरित किया गया। कई स्थानों पर महिलाओं ने पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाकर और गीत गाकर बाबा का स्वागत किया।
भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम और शिवमय हुआ नगर
यह शाही सवारी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही, बल्कि इसने सावन माह की रौनक और उल्लास को भी चरम पर पहुंचा दिया। देर रात तक नगर की गलियों में भक्ति गीत, नगाड़ों की थाप और जयकारों की गूंज सुनाई देती रही।
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