शिवपुरी में करोड़पति शिक्षक का खुलासा: वेतन 38.04 लाख, संपत्ति 8.36 करोड़
Shivpuri News | शिवपुरी। मध्य प्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offense Wing – EOW) ने सरकारी शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईओडब्ल्यू की टीम ने भौंती, पिछोर स्थित उनके आवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में सामने आया कि शिक्षक की कुल सेवाकालीन आय (Total Earnings in Service) मात्र ₹38.04 लाख थी, लेकिन उनके पास करीब ₹8.36 करोड़ की संपत्ति (Assets Worth ₹8.36 Crore) मिली। ईओडब्ल्यू ने बुधवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे (6 AM to 6 PM) तक सर्च ऑपरेशन (Search Operation) चलाया, जिसमें शिक्षक और उनके परिजनों के नाम पर करोड़ों की चल-अचल संपत्ति (Movable and Immovable Assets) के दस्तावेज बरामद किए गए।
मिल्की संपत्ति में 52 प्लॉट, 21 दुकानें और करोड़ों की ज्वैलरी
जांच में सामने आया कि शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के पास 5 करोड़ के 52 प्लॉट (52 Plots Worth ₹5 Crore), ₹1.70 करोड़ का मकान (House Worth ₹1.70 Crore), 11 दुकानें (11 Shops) और ₹1 करोड़ की पिछोर रोड पर 10 दुकानें (10 Shops on Pichhore Road Worth ₹1 Crore) हैं। इसके अलावा, 12 बैंक खातों (12 Bank Accounts) और 44 भू अधिकार पुस्तिकाएँ (44 Land Ownership Documents) भी बरामद हुईं।
कैश, ज्वैलरी और लक्ज़री वाहन भी मिले
छापेमारी में ईओडब्ल्यू को ₹4.71 लाख नकद (Cash ₹4.71 Lakh) मिला। इसके अलावा, 371 ग्राम सोना (Gold 371 gm) – ₹23.42 लाख (Worth ₹23.42 Lakh) 2.8 किग्रा चांदी (Silver 2.8 Kg) – ₹1.28 लाख (Worth ₹1.28 Lakh) ट्रक (Truck) – ₹23 लाख (Worth ₹23 Lakh) (वाहन नंबर MP33 ZG5946) स्कॉर्पियो (Scorpio) – ₹5 लाख (Worth ₹5 Lakh) (वाहन नंबर UP75 S3000) फर्नीचर (Furniture) – ₹2 लाख (Worth ₹2 Lakh) एलसीडी, एसी (LCD, AC) – ₹1.40 लाख (Worth ₹1.40 Lakh) पल्सर बाइक (Pulsar Bike) – ₹50 हजार (Worth ₹50,000) ट्रैक्टर (Tractor) – ₹25 लाख (Worth ₹25 Lakh) 5 थ्रेशर, टैंकर, 4 ट्रॉली और 3 कल्टीवेटर (5 Threshers, Tanker, 4 Trolleys, 3 Cultivators) आय से 7.98 करोड़ अधिक संपत्ति का मामला ईओडब्ल्यू की जांच में शिक्षक की कुल संपत्ति ₹8.36 करोड़ आंकी गई, जबकि उनकी कुल सेवा आय मात्र ₹38.04 लाख थी। यानी शिक्षक की अवैध संपत्ति (Illegal Wealth) करीब ₹7.98 करोड़ (₹7.98 Crore More Than Income) है। ईओडब्ल्यू के डीएसपी दामोदर गुप्ता (DSP Damodar Gupta) के नेतृत्व में 22 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इसके अलावा, 20 से अधिक शिवपुरी पुलिसकर्मी (More Than 20 Shivpuri Police Personnel) भी मौके पर मौजूद थे।
कैसे हुई कार्रवाई?
ईओडब्ल्यू को शिक्षक के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। टीम ने जब शिक्षक के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की, तो उनके पास बेशुमार संपत्ति (Huge Assets) के दस्तावेज बरामद हुए। इस मामले में अब आगे की विधिक कार्यवाही (Legal Proceedings) की जा रही है।
डीएसपी दामोदर गुप्ता के अनुसार, शिक्षक के बैंक खातों (Bank Accounts) और भू अधिकार पुस्तिकाओं (Land Ownership Documents) की गहन जांच की जाएगी। इसके अलावा, ईओडब्ल्यू की टीम उनके आय के स्रोतों (Sources of Income) की भी छानबीन करेगी।
भ्रष्टाचार पर प्रशासन की सख्ती
इस छापेमारी से यह साफ हो गया है कि सरकार अब भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offense Wing – EOW) लगातार आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) मामलों की जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
शिक्षक सुरेश सिंह भदौरिया के मामले की जांच जारी है, और अगर वे अवैध रूप से अर्जित संपत्ति (Illegally Acquired Wealth) के दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई (Strict Legal Action) की जाएगी।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।