लेकिन अच्छी खबर यह है कि इस दर्द और अकड़न से राहत पाना ज़्यादा मुश्किल नहीं है! थोड़े से प्रयास और कुछ आसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से आप अपने शरीर को लचीला बना सकते हैं और दर्द को दूर भगा सकते हैं। इन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को आप ऑफिस में अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे या घर पर भी आसानी से कर सकते हैं। इन्हें नियमित तौर पर करने से मांसपेशियों का तनाव कम होता है, रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में नई ऊर्जा आती है।
यहां हम बता रहे हैं 10 बेहद आसान और प्रभावी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, जिन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर आप घंटों बैठने के बावजूद फिट और ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं:
क्यों ज़रूरी है स्ट्रेचिंग?
लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहने से हमारी मांसपेशियां टाइट और छोटी हो जाती हैं। इससे जोड़ों पर दबाव पड़ता है और दर्द शुरू हो जाता है। स्ट्रेचिंग इन मांसपेशियों को लंबा करने, लचीलापन बढ़ाने और उनमें तनाव कम करने में मदद करती है। यह रक्त प्रवाह को भी बेहतर बनाती है, जिससे दर्द और अकड़न से राहत मिलती है।
कब और कैसे करें ये स्ट्रेचिंग?
कोशिश करें कि हर 30-60 मिनट के बाद अपनी कुर्सी से उठें या बैठे-बैठे ही कुछ मिनटों के लिए ये स्ट्रेचिंग करें। इन्हें करने में ज़्यादा समय नहीं लगता, लेकिन इनके फायदे कमाल के हैं।
ये हैं वो 10 असरदार स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज:
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नेक स्ट्रेच (गर्दन की स्ट्रेचिंग):
- लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने से गर्दन में अकड़न हो जाती है।
- सीधे बैठकर सिर को धीरे-धीरे दाएं कंधे की ओर झुकाएं।
- बाएं हाथ से दाएं सिर पर हल्का दबाव डालकर स्ट्रेच को बढ़ाएं।
- इस स्थिति में 10-15 सेकंड रुकें और फिर दूसरी तरफ दोहराएं।
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शोल्डर रोल (कंधों की स्ट्रेचिंग):
- कंधों के दर्द और अकड़न से राहत पाने के लिए।
- कंधों को गोलाकार घुमाएं, पहले आगे की ओर 10 बार।
- फिर पीछे की ओर 10 बार घुमाएं।
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चेस्ट ओपनर (सीने की स्ट्रेचिंग):
- लगातार बैठे रहने से सीने में जकड़न महसूस हो सकती है, यह उसे खोलता है।
- हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर उंगलियों को आपस में फंसा लें (इंटरलॉक)।
- हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, जिससे सीना खुले।
- इस स्थिति में 15-20 सेकंड रुकें।
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स्पाइन ट्विस्ट (रीढ़ की हल्की मालिश):
- कमर दर्द और रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन के लिए।
- कुर्सी पर बैठकर दाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखें।
- बाएं हाथ को कुर्सी के पीछे रखकर धीरे-धीरे शरीर को बाईं ओर घुमाएं।
- इस स्थिति में 10 सेकंड रुकें और फिर दूसरी तरफ दोहराएं।
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हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (पैरों के पिछले हिस्से की स्ट्रेचिंग):
- लंबे समय तक बैठने से जांघों के पिछले हिस्से (हैमस्ट्रिंग) में खिंचाव और अकड़न होती है।
- एक पैर को सीधा करके एड़ी को ज़मीन पर टिकाएं।
- कमर से आगे झुकते हुए पैर की उंगलियों को छूने की कोशिश करें (घुटने को सीधा रखें)।
- इस स्थिति में 15 सेकंड रुकें और दूसरे पैर से दोहराएं।
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हिप फ्लेक्सर स्ट्रेच (कूल्हों की स्ट्रेचिंग):
- कूल्हों के दर्द और अकड़न से बचाव के लिए, जो बैठने से बहुत प्रभावित होते हैं।
- एक पैर आगे रखकर दूसरे पैर को पीछे की ओर ले जाएं।
- हिप्स को धीरे-धीरे आगे की ओर धकेलें, जिससे पीछे वाले पैर के कूल्हे के सामने खिंचाव महसूस हो।
- इस स्थिति में 20 सेकंड रुकें और फिर पैर बदलकर दोहराएं।
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विस्ट स्ट्रेच (कलाई की स्ट्रेचिंग):
- कंप्यूटर पर लगातार टाइपिंग या माउस इस्तेमाल करने से कलाइयों में दर्द और कार्पल टनल सिंड्रोम का खतरा होता है, यह उसे कम करता है।
- एक हाथ को कोहनी से सीधा करें, हथेली को ऊपर की ओर रखें।
- दूसरे हाथ से सीधे हाथ की उंगलियों को नीचे की ओर खींचें।
- इस स्थिति में 10 सेकंड रुकें और दूसरे हाथ से दोहराएं।
- फिर हथेली नीचे करके उंगलियों को ऊपर की ओर खींचते हुए दोहराएं।
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साइड बेंड (कमर के साइड पार्ट की स्ट्रेचिंग):
- कमर के किनारों की मांसपेशियों को आराम देने के लिए।
- सीधे बैठकर या खड़े होकर एक हाथ को ऊपर सिर के ऊपर ले जाएं।
- शरीर को धीरे-धीरे दूसरी तरफ झुकाएं, जिससे साइड में खिंचाव महसूस हो।
- इस स्थिति में 10 सेकंड रुकें और फिर दूसरी तरफ दोहराएं।
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एंकल रोटेशन (टखनों की स्ट्रेचिंग):
- पैरों में रक्त संचार बढ़ाने और टखनों की अकड़न दूर करने के लिए।
- एक पैर को थोड़ा ऊपर उठाकर टखने को धीरे-धीरे गोल-गोल घुमाएं।
- पहले बाईं ओर 10 बार और फिर दाईं ओर 10 बार घुमाएं। दूसरे पैर से दोहराएं।
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डीप ब्रीदिंग (गहरी सांस लेना):
- तनाव कम करने, मांसपेशियों को आराम देने और पूरे शरीर को रिलैक्स करने के लिए।
- आरामदायक स्थिति में बैठें, आंखें बंद करें।
- नासिका से गहरी सांस लें, पेट तक हवा भरें।
- कुछ सेकंड रुकें और फिर मुंह या नासिका से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- यह प्रक्रिया 5-7 बार दोहराएं।
याद रखें:
- स्ट्रेचिंग धीरे-धीरे करें, झटके से नहीं।
- उतना ही स्ट्रेच करें जितना आपके लिए आरामदायक हो। दर्द महसूस होने पर रुक जाएं।
- स्ट्रेचिंग के दौरान गहरी और लयबद्ध सांस लेते रहें।
इन आसान स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर आप घंटों बैठकर काम करने के बावजूद अपने शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रख सकते हैं। यह छोटे-छोटे ब्रेक आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे। अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और दर्द व अकड़न को खुद से दूर भगाएं! Stretching Exercises
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