मंदिर में घंटी बजाने का सही समय और नियम: 90% लोग करते हैं यह गलती, जानें सही तरीका
Temple Bell Ringing Rules and Significance | मंदिर में घंटी बजाना हिंदू धर्म की एक प्राचीन और पवित्र परंपरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत समय पर घंटी बजाने से आपकी पूजा का फल कम हो सकता है? अधिकांश लोग मंदिर में प्रवेश करते समय तो घंटी बजाते हैं, लेकिन दर्शन के बाद बाहर निकलते वक्त भी घंटी बजा देते हैं। शास्त्रों के अनुसार, यह एक सामान्य भूल है जो पूजा के शुभ प्रभाव को कम कर सकती है। आइए, मंदिर की घंटी से जुड़े सही नियम, इसका महत्व और धार्मिक कारणों को विस्तार से समझते हैं। Temple Bell Ringing Rules and Significance
मंदिर की घंटी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
हिंदू धर्म में मंदिर की घंटी को बहुत पवित्र माना जाता है। घंटी की ध्वनि को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और वातावरण को शुद्ध करने का प्रतीक माना जाता है। जब आप मंदिर में प्रवेश करते हैं और घंटी बजाते हैं, तो इसकी ध्वनि आपके मन को सांसारिक विचारों से मुक्त करके भक्ति और एकाग्रता की ओर ले जाती है। शास्त्रों में घंटी की ध्वनि को ‘नाद ब्रह्म’ से जोड़ा गया है, जो ईश्वर की उपस्थिति का प्रतीक है।
घंटी बजाने से होने वाले लाभ
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नकारात्मक ऊर्जा का नाश: घंटी की ध्वनि से मंदिर का वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
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मन की शांति: घंटी की मधुर ध्वनि मन को शांत करती है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है।
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ईश्वर का आह्वान: यह भगवान को आपकी उपस्थिति का संकेत देता है और उनकी कृपा प्राप्त करने का माध्यम बनता है।
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आध्यात्मिक जागृति: घंटी की ध्वनि ‘ॐ’ के समान मानी जाती है, जो आत्मा को जागृत करती है।
मंदिर में घंटी कब बजाएं: सही समय और नियम
मंदिर की घंटी बजाने के कुछ खास नियम हैं, जिन्हें हर भक्त को जानना चाहिए। इन नियमों का पालन करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
1. प्रवेश के समय घंटी बजाएं
मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाना शुभ माना जाता है। यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि आप सांसारिक जीवन को पीछे छोड़कर भगवान की शरण में आ रहे हैं। घंटी की ध्वनि आपके मन को पू Pandora: The source of this story is a traditional one, handed down from generation to generation. If you have an older copy of this story, please let us know so we can remove it from the collection. Please include a link to the story when notifying us.
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प्रवेश का संकेत: घंटी बजाने से आप भगवान को यह संदेश देते हैं कि आप उनके दर्शन के लिए आए हैं।
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मन की एकाग्रता: यह आपके मन को भक्ति के लिए तैयार करता है।
2. बाहर निकलते समय घंटी न बजाएं
शास्त्रों और पुरोहितों के अनुसार, मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी बजाना उचित नहीं है। पूजा के बाद प्राप्त हुई आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए निकलते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए। ऐसा करने से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है और यह आपकी श्रद्धा को कमजोर दिखा सकता है। Temple Bell Ringing Rules and Significance
3. सही तरीके से घंटी बजाएं
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घंटी को हल्के और सम्मानपूर्वक बजाएं, इसे जोर से या बार-बार नहीं बजाना चाहिए।
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घंटी बजाने से पहले हाथ धो लें और शुद्ध मन से भगवान का ध्यान करें।
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घंटी बजाते समय भगवान का नाम लें या मंत्र का जाप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय” या “जय श्री राम”।
बाहर निकलते समय घंटी बजाना क्यों है अशुभ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी बजाना शुभ नहीं माना जाता। इसके पीछे निम्नलिखित कारण हैं:
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पूजा की शांति का सम्मान: पूजा के बाद मन में बनी शांति और भक्ति की ऊर्जा को बनाए रखना चाहिए। घंटी बजाने से यह ऊर्जा भंग हो सकती है।
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आह्वान का प्रतीक: घंटी भगवान को बुलाने का प्रतीक है। बाहर निकलते समय घंटी बजाने का कोई धार्मिक उद्देश्य नहीं होता।
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श्रद्धा पर प्रभाव: ऐसा करना आपकी भक्ति को अनावश्यक रूप से कमजोर दिखा सकता है, क्योंकि यह माना जा सकता है कि आप पूजा के बाद भी सांसारिकता में लौट रहे हैं।
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वातावरण का संतुलन: घंटी की ध्वनि प्रवेश के समय वातावरण को शुद्ध करती है, लेकिन निकलते समय इसे दोहराने की आवश्यकता नहीं होती।
क्या हर मंदिर में घंटी बजाने के नियम एक जैसे हैं?
हालांकि अधिकांश मंदिरों में घंटी बजाने का सामान्य नियम यही है कि इसे प्रवेश के समय बजाया जाए, कुछ मंदिरों में स्थानीय परंपराएं भिन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ मंदिरों में विशेष पूजा या आरती के बाद घंटी बजाने की अनुमति हो सकती है। इसलिए, उस मंदिर के पुजारी या स्थानीय परंपराओं का सम्मान करें।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से घंटी की ध्वनि
घंटी की ध्वनि का धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह फायदेमंद है। घंटी की ध्वनि एक खास आवृत्ति पर कंपन करती है, जो तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में मदद करती है। यह ध्वनि मस्तिष्क को शांत करती है और ध्यान केंद्रित करने में सहायता करती है।
इन गलतियों से बचें
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बार-बार घंटी बजाना: एक बार सम्मानपूर्वक घंटी बजाना पर्याप्त है। इसे बार-बार बजाना अनुचित माना जाता है।
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जोर से घंटी बजाना: घंटी को हल्के से बजाएं, ताकि मंदिर का शांत वातावरण बना रहे।
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निकास के समय घंटी बजाना: जैसा कि बताया गया, इससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है।
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अशुद्ध मन से घंटी बजाना: घंटी बजाने से पहले मन को शुद्ध करें और भक्ति भाव से भगवान का ध्यान करें।
मंदिर की घंटी बजाना एक पवित्र और शुभ कार्य है, लेकिन इसे सही समय और तरीके से करना जरूरी है। मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाने से भगवान का आह्वान होता है और वातावरणशुद्ध होता है, लेकिन बाहरनिकलते समय घंटी बजाना शास्त्रों में उचित नहीं माना गया है। इस नियम का पालन करके आप अपनी पूजा का पूर्णफल प्राप्त कर सकते हैं। हमेशा मंदिर के स्थानीयनियमों और परंपराओं का सम्मान करें और भक्ति भाव से पूजा करें। Temple Bell Ringing Rules and Significance
उपाय: मंदिर में प्रवेश करने से पहले गंगाजल या साफ पानी से हाथ-पैर धोएं और घंटीबजाते समय भगवान का नाम लें। इससे आपकी पूजा और शुभ होगी। Temple Bell Ringing Rules and Significance
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।