पूरा का पूरा मंदिर ही चुरा ले गए चोर : चोरों ने नवरात्रि के पहले ही दिन उठाया पूरा मंदिर
Temple Heist | जी हाँँ, आपने सही सुना। मध्य प्रदेश के सीधी जिले के आदिवासी अंचल कुसमी के जंगलों के बीच स्थित हजारों साल पुराना मां जगदंबा का मंदिर, जो आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र था, नवरात्रि के पहले दिन चोरी हो गया। यह खबर चौंकाने वाली है, क्योंकि मंदिर से मूर्ति चोरी होने की घटनाएं तो कई बार सुनी गई हैं, लेकिन यहां रातों-रात पूरा मंदिर ही चोर चुरा ले गए। यहां तक की मंदिर के पील्लर भी नहीं छोड़े। जगह को पूरी तरह समतल कर गए। यह मंदिर कोई नया नहीं था। यहां वर्षों से लोग पूजा करते आ रहे हैं और यह पुरानी शैली में बना हुआ मंदिर था।
स्थानीय लोगों ने जब नवरात्रि के पहले दिन सुबह मां जगदंबा के दर्शन के लिए मंदिर का रुख किया, तो वहां पहुंचकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जहां मंदिर हुआ करता था, वहां अब केवल गड्ढा था। चोर मंदिर को उखाड़कर ले गए, और यह घटना किसी जेसीबी मशीन का उपयोग करके की गई लगती है। चौंकाने वाली बात यह है कि न सिर्फ माता की मूर्ति बल्कि पूरा मंदिर ही उठा लिया गया। Temple Heist
मामले की जांच में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। जंगल के भीतर स्थित यह मंदिर हजारों साल पुराना बताया जाता है और स्थानीय लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र था। वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन हैरानी की बात यह है कि वन विभाग को इस घटना की जानकारी पहले से नहीं थी, जबकि उनका काम जंगल और आसपास के क्षेत्र का संरक्षण करना होता है। पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के अनुसार, ऐसा लगता है कि चोरों ने इस चोरी को पूरी योजना के साथ अंजाम दिया है। उन्होंने न केवल मूर्ति, बल्कि पूरा मंदिर गायब कर दिया। इसके लिए भारी मशीनरी का उपयोग किया गया, क्योंकि गड्ढे के निशान बताते हैं कि यहां जेसीबी या किसी अन्य भारी मशीन का इस्तेमाल किया गया था। Temple Heist
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वन विभाग की लापरवाही या साजिश?
इस घटना के बाद वन विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। कहने को तो वन विभाग के कर्मचारी हमेशा जंगल के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्यरत रहते हैं, लेकिन इतने बड़े जंगल के बीचों-बीच स्थित मंदिर के गायब होने की घटना पर उन्हें पहले से कोई जानकारी क्यों नहीं थी? क्या यह महज संयोग है या इसके पीछे कोई साजिश है? यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है, जिसका जवाब पुलिस और वन विभाग की संयुक्त जांच में सामने आ सकता है। Temple Heist
आस्था पर आघात
नवरात्रि के पावन पर्व के पहले ही दिन जब भक्तों ने मंदिर के पास पहुंचकर देखा कि वहां मां जगदंबा का न तो कोई प्रतिमा है और न ही मंदिर का कोई अस्तित्व बचा है, तो उनकी भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची। स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि यह मंदिर उनके पूर्वजों की आस्था का प्रतीक रहा है और यह घटना उनके धार्मिक विश्वासों पर हमला है।एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने कई बार सुना है कि मूर्ति चोरी हो जाती है, लेकिन ऐसा पहली बार देखा कि पूरा का पूरा मंदिर ही गायब हो गया। यह हमारी आस्था पर गहरा आघात है, और हम चाहते हैं कि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।”
चोरों का मकसद क्या था?
चोरी के पीछे चोरों की मंशा क्या थी, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या यह चोरी किसी धार्मिक या सांस्कृतिक कारण से की गई है, या फिर इसका उद्देश्य सिर्फ प्राचीन मूर्तियों और धरोहरों को चोरी कर बेचना था? इस सवाल का जवाब पुलिस की जांच के बाद ही सामने आ सकता है। लेकिन जिस प्रकार से यह घटना हुई है, उससे यह साफ है कि यह किसी छोटी-मोटी चोरी की घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह की साजिश हो सकती है।
स्थानीय आक्रोश और प्रशासन पर दबाव
मंदिर चोरी की घटना से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। उन्होंने प्रशासन पर दबाव डाला है कि जल्द से जल्द इस घटना की तहकीकात की जाए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। लोगों का कहना है कि इस तरह की घटना पहली बार हुई है, और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। पुलिस ने क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और आसपास के सभी स्थानों पर जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही वन विभाग को भी इस मामले में शामिल किया गया है ताकि जंगल के भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा सके और किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाया जा सके।
आस्था और सुरक्षा के बीच उठते सवाल
यह घटना न केवल आस्था पर आघात है, बल्कि सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े करती है। जंगल के बीच स्थित यह मंदिर कई सालों से सुरक्षित था, लेकिन इस चोरी ने यह साबित कर दिया है कि आस्था के प्रतीकों की सुरक्षा में बड़ी खामियां हैं। सवाल यह है कि यदि एक प्राचीन मंदिर को इस तरह से चुराया जा सकता है, तो अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का क्या होगा? पुलिस और प्रशासन अब इस मामले को सुलझाने में जुटे हैं, लेकिन लोगों के मन में अभी भी यह सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और यह चोरी किसने और किस मकसद से की? Temple Heist
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।