थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद: चोंग बोक में सैन्य झड़प, शिव मंदिर के पास गोलीबारी

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद: चोंग बोक में सैन्य झड़प, शिव मंदिर के पास गोलीबारी

Thailand Cambodia Border Conflict | थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद एक बार फिर हिंसक रूप ले चुका है। 24 जुलाई 2025 को सुबह-सुबह थाईलैंड के सुरिन प्रांत में विवादित चोंग बोक क्षेत्र के पास दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी हुई। यह वही क्षेत्र है, जहां 12वीं सदी का ऐतिहासिक ता मुएन थोम (प्रासात ता मुएन थोम) मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित एक खमेर-हिंदू मंदिर है, स्थित है। इस झड़प से पहले थाईलैंड ने कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया था, और एक माइन विस्फोट में एक थाई सैनिक घायल हो गया था। इस ताजा घटना ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते सीमा पर सैन्य तैयारियां तेज हो गई हैं। आइए, इस घटना, इसके कारणों, और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को विस्तार से समझते हैं। Thailand Cambodia Border Conflict

24 जुलाई 2025 को सुबह करीब 8:20 बजे (IST), सुरिन प्रांत के फनोम डोंग राक जिले में ता मुएन थोम मंदिर से लगभग 200 मीटर (650 फीट) पूर्व में चोंग बोक क्षेत्र में थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच तीव्र गोलीबारी हुई। थाई सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल विंथाई सुवारी ने दावा किया कि कंबोडियाई सैनिकों ने पहले फायरिंग शुरू की, जब छह भारी हथियारों से लैस कंबोडियाई सैनिक थाई सैन्य चौकी के करीब पहुंचे। थाई सेना ने जवाबी कार्रवाई में फील्ड गन और स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किया। इस घटना से ठीक पहले एक कंबोडियाई ड्रोन को क्षेत्र में उड़ते हुए देखा गया, जिसे थाई सेना ने आक्रामक गतिविधि का हिस्सा माना।

कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने इस घटना पर तत्काल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन मई 2025 की एक समान झड़प में कंबोडिया ने दावा किया था कि थाई सेना ने पहले गोलीबारी शुरू की थी। उस घटना में एक कंबोडियाई सैनिक, सार्जेंट सुआन रोआन, मारा गया था। ताजा झड़प में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन दोनों पक्षों ने सीमा पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है। थाईलैंड ने उबोन रतचाथानी, सुरिन, बुरिराम, श्री सा केट, सा केओ, चंथाबुरी, और त्रात प्रांतों में सभी सीमा चौकियों को बंद कर दिया है।


ता मुएन थोम मंदिर: विवाद का केंद्र

ता मुएन थोम मंदिर, जिसे कंबोडिया में प्रासात ता मुएन थोम के नाम से जाना जाता है, 12वीं सदी का एक खमेर-हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर दांरेक पर्वत श्रृंखला में थाईलैंड के सुरिन प्रांत और कंबोडिया के ओड्डार मीनचे प्रांत की सीमा पर स्थित है। मंदिर के मुख्य कक्ष में एक प्राकृतिक शिवलिंग की खोज ने इसे धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण बना दिया है। यह मंदिर खमेर साम्राज्य (9वीं से 15वीं सदी) के दौरान बनाए गए अन्य मंदिरों, जैसे प्रासात ता मुएन और ता मुएन टोट, का हिस्सा है।

मंदिर की स्थिति विवाद का प्रमुख कारण रही है। थाईलैंड का दावा है कि यह मंदिर सुरिन प्रांत में है और 1935 से थाई फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट द्वारा इसका पंजीकरण किया गया है। वहीं, कंबोडिया इसे अपने ओड्डार मीनचे प्रांत का हिस्सा मानता है और इसे खमेर विरासत का प्रतीक मानता है। मंदिर की स्थिति ने दोनों देशों के बीच बार-बार तनाव को जन्म दिया है, विशेष रूप से 2008 में, जब कंबोडिया ने पास के प्रीह विहार मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध कराया था।


सीमा विवाद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद 20वीं सदी की शुरुआत से चला आ रहा है, जब तत्कालीन सियाम (थाईलैंड) और फ्रांसीसी औपनिवेशिक अधिकारियों ने कंबोडिया की सीमाओं को परिभाषित करने की कोशिश की थी। इस विवाद का सबसे प्रमुख केंद्र प्रीह विहार मंदिर रहा है, जिसे 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने कंबोडिया को सौंप दिया था। इस फैसले को 2013 में फिर से पुष्टि की गई थी, जिसने थाईलैंड में भारी असंतोष पैदा किया।

ता मुएन थोम मंदिर और चोंग बोक क्षेत्र, जो एमराल्ड ट्राएंगल (थाईलैंड, कंबोडिया, और लाओस की सीमा का जंक्शन) का हिस्सा है, भी इस विवाद का हिस्सा हैं। 2008 से 2011 तक इस क्षेत्र में कई घातक झड़पें हुईं, जिनमें कम से कम 40 लोग मारे गए, जिनमें पांच नागरिक शामिल थे। मई 2025 में चोंग बोक में हुई एक झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत ने तनाव को फिर से बढ़ा दिया।


ताजा घटना के कारण और तनाव का बढ़ना

24 जुलाई 2025 की झड़प कई हालिया घटनाओं का परिणाम है:

  1. माइन विस्फोट: 23 जुलाई 2025 को चोंग बोक क्षेत्र में एक माइन विस्फोट में एक थाई सैनिक घायल हो गया था। थाईलैंड ने इसके लिए कंबोडिया को जिम्मेदार ठहराया और उसी दिन कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया।
  2. कंबोडियाई ड्रोन और सैन्य गतिविधि: थाई सेना ने दावा किया कि झड़प से पहले एक कंबोडियाई ड्रोन ने क्षेत्र का सर्वेक्षण किया और छह भारी हथियारों से लैस सैनिक थाई चौकी के करीब पहुंचे।
  3. राष्ट्रवादी भावनाएं: दोनों देशों में राष्ट्रवादी भावनाएं भड़क रही हैं। फरवरी 2025 में, कंबोडियाई सैनिकों और उनके परिवारों ने ता मुएन थोम मंदिर में कंबोडियाई राष्ट्रगान गाया, जिसे थाई सैनिकों ने संप्रभुता पर हमला माना। इसके बाद, मई में एक थाई निर्मित मंडप को जलाए जाने की अफवाहों ने तनाव को और बढ़ा दिया।
  4. राजनीतिक संकट: थाईलैंड में, इस विवाद ने राजनीतिक अस्थिरता को जन्म दिया है। 1 जुलाई 2025 को, थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा को एक लीक फोन कॉल के कारण निलंबित कर दिया, जिसमें उन्होंने कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ सीमा विवाद पर बात की थी। इस कॉल में उनके रुख को थाई राष्ट्रवादियों ने देशद्रोह माना।

दोनों देशों की प्रतिक्रिया

  • थाईलैंड: थाई सेना ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नदेज बालांकुरा ने 19 जून 2025 को संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र में कहा कि कंबोडियाई सैनिकों ने “बिना उकसावे” गोलीबारी शुरू की थी। थाईलैंड ने 2000 के समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है और संयुक्त सीमा समिति (JBC) के माध्यम से बातचीत पर जोर दिया है।
  • कंबोडिया: कंबोडिया ने दावा किया कि थाई सेना ने पहले गोलीबारी शुरू की। कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय ने मई की झड़प को थाई आक्रामकता का परिणाम बताया था। कंबोडिया ने चार विवादित क्षेत्रों—मॉम बेई (चोंग बोक), ता मुएन थोम, ता मुएन टौच, और ता क्राबे मंदिर—को ICJ में ले जाने की घोषणा की है, यह कहते हुए कि द्विपक्षीय बातचीत अपर्याप्त है।

राजनयिक और सैन्य प्रयास

29 मई 2025 को, थाई और कंबोडियाई सेना प्रमुखों—जनरल पाना क्लाएवप्लोडटूक और लेफ्टिनेंट जनरल माओ सोफान—ने सुरिन प्रांत के चोंग चोम सीमा चौकी पर मुलाकात की और सैन्य तनाव को कम करने के लिए सैनिकों को पूर्व निर्धारित स्थिति में वापस लाने पर सहमति जताई। इसके बावजूद, कंबोडिया ने 14-15 जून 2025 को होने वाली JBC बैठक में इन चार विवादित क्षेत्रों को शामिल करने से इनकार कर दिया।

6 जून 2025 को, थाई रक्षा मंत्री फुमथम वेचायाचाई ने कहा कि दोनों देश शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन थाई सेना ने “चिंताजनक” खुफिया जानकारी के आधार पर सीमा पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी। कंबोडिया ने भी भारी हथियारों और सैनिकों को तैनात किया है।


प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

  1. क्षेत्रीय स्थिरता: यह विवाद दक्षिण-पूर्व एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है। दोनों देश आसियान (ASEAN) के सदस्य हैं, और यह संघर्ष क्षेत्रीय सहयोग को प्रभावित कर सकता है।
  2. राष्ट्रवादी भावनाएं: थाईलैंड और कंबोडिया दोनों में राष्ट्रवादी प्रदर्शन बढ़ रहे हैं। बैंकॉक में, कंबोडियाई दूतावास के सामने रॉयलिस्ट कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, जबकि कंबोडिया में सोशल मीडिया पर सैन्य तैयारियों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
  3. पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था: ता मुएन थोम मंदिर पर्यटकों के लिए खुला है, लेकिन सीमा पर तनाव के कारण पर्यटन प्रभावित हो रहा है। स्थानीय व्यवसायों को नुकसान हो रहा है।
  4. कानूनी और राजनयिक रास्ता: कंबोडिया का ICJ में जाने का फैसला दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। थाईलैंड ने इस कदम का विरोध किया है और JBC के माध्यम से बातचीत पर जोर दे रहा है।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चोंग बोक क्षेत्र में ताजासैन्य झड़प ने दोनों देशों के बीच दशकोंपुराने सीमा विवाद को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। ऐतिहासिक ता मुएन थोम मंदिर, जो खमेर-हिंदू विरासत का प्रतीक है, इस विवाद का केंद्र बना हुआ है। दोनों देशों ने शांतिपूर्ण समाधान की बात की है, लेकिन सैन्य तैनाती और राष्ट्रवादी भावनाओं ने स्थिति को जटिल बना दिया है। कंबोडिया का ICJ में जाने का फैसला और थाईलैंड का JBC पर जोर इस विवाद के समाधान में महत्वपूर्णभूमिका निभाएगा। इस बीच, क्षेत्रीयस्थिरता और स्थानीय समुदायों की आजीविका पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। Thailand Cambodia Border Conflict


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