40 दिन से लापता सौरभ शर्मा ने कोर्ट में किया सरेंडर का आवेदन, जांच एजेंसियां रही बेखबर
Transport Department Saurabh Sharma | भोपाल। परिवहन विभाग (Transport Department) की काली कमाई के मामले में मुख्य आरोपी सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) ने जांच एजेंसियों को चकमा देते हुए भोपाल की विशेष न्यायालय में सरेंडर के लिए आवेदन दे दिया। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police), आयकर विभाग (Income Tax Department) और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) सहित तीन जांच एजेंसियां 40 दिनों से सौरभ की तलाश कर रही थीं। सोमवार को सौरभ विशेष न्यायाधीश राम प्रताप मिश्र (Ram Pratap Mishra) की अदालत में आधे घंटे से ज्यादा समय तक मौजूद रहा, लेकिन किसी एजेंसी को भनक तक नहीं लगी।
सरेंडर का आवेदन और एजेंसियों की लापरवाही
सौरभ शर्मा ने अपने वकील राकेश पाराशर (Rakesh Parashar) के माध्यम से सरेंडर का आवेदन कोर्ट में प्रस्तुत किया। आवेदन पर खुद सौरभ ने हस्ताक्षर किए। सौरभ की कोर्ट में मौजूदगी के बाद लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) को केस डायरी के साथ मंगलवार को पेश होने का निर्देश दिया गया। हालांकि, लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद (Jaideep Prasad) ने दावा किया कि सौरभ ने सरेंडर नहीं किया, केवल आवेदन दिया है।
सुरक्षा कड़ी, गिरफ्तारी की तैयारी:
लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को सौरभ के संभावित कोर्ट पहुंचने की संभावना को देखते हुए कोर्ट परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस अब सरेंडर से पहले ही सौरभ को गिरफ्तार करने की तैयारी में है।
18 दिसंबर से अब तक क्या हुआ?
18 दिसंबर (18th December): लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के ठिकानों पर छापा मारा। यहां से 2.87 करोड़ नकद (2.87 Crores Cash), 50 लाख के गहने (Jewelry worth 50 Lakhs) और 234 किलो चांदी (234 kg Silver) बरामद हुई।
19 दिसंबर (19th December): भोपाल के पास खाली प्लॉट में मिली एक कार से 52 किलो सोना (52 kg Gold) और 11 करोड़ रुपए (11 Crores Cash) बरामद हुए।
27 दिसंबर (27th December): ईडी ने भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में छापेमारी कर 23 करोड़ की बेनामी संपत्ति (Benami Properties worth 23 Crores) और कई बैंक खातों का पता लगाया।
17 जनवरी (17th January): ईडी ने पुणे और ग्वालियर में छापेमारी कर 30 लाख नकद (30 Lakhs Cash) और 9.9 किलो चांदी (9.9 kg Silver) बरामद की।
सौरभ शर्मा ने अपने सहयोगियों चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के साथ मिलकर काले धन को अलग-अलग बैंक खातों (Bank Accounts) और फर्जी फर्मों (Fake Firms) के जरिए छिपाया। आयकर विभाग ने लुकआउट सर्कुलर (Lookout Circular) जारी कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखने की कोशिश की, लेकिन वह जांच एजेंसियों को चकमा देने में सफल रहा।
जांच एजेंसियों ने सौरभ के ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वह हर बार बच निकलता रहा। सोमवार को कोर्ट में उसकी मौजूदगी ने एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सौरभ शर्मा का यह मामला केवल आर्थिक अपराध का नहीं, बल्कि जांच एजेंसियों की विफलता और न्याय व्यवस्था की दक्षता पर भी सवाल खड़ा करता है। अब मंगलवार को होने वाली सुनवाई में सौरभ की पेशी और जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। ransport Department Saurabh Sharma
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।