उज्जैन में गुड़ी पड़वा 2025: पहला ड्रोन शो, आसमान में दिखेगी शिव और विक्रमादित्य की शान
Ujjain Drone Utsav | उज्जैन, मध्य प्रदेश का एक ऐसा शहर जो अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान के लिए मशहूर है, इस बार गुड़ी पड़वा 2025 को खास अंदाज में मनाने जा रहा है। 30 मार्च 2025 को उज्जैन में पहली बार एक शानदार ड्रोन शो होने वाला है। यह आयोजन न सिर्फ तकनीक का कमाल दिखाएगा, बल्कि उज्जैन की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी लोगों के सामने लाएगा। अगर आप गुड़ी पड़वा 2025 की योजना बना रहे हैं, तो उज्जैन का यह ड्रोन शो देखने लायक होगा। आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं कि यह आयोजन क्या खास लाने वाला है।
उज्जैन में गुड़ी पड़वा और ड्रोन शो का अनोखा संगम
गुड़ी पड़वा हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है, जो चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 30 मार्च 2025 को पड़ रहा है। उज्जैन में इस दिन को खास बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (एमपीसीओएसटी) मिलकर एक भव्य ड्रोन शो आयोजित कर रहे हैं। यह शो शिप्रा नदी के किनारे दत्त अखाड़ा घाट पर होगा। इस ड्रोन शो में 500 से ज्यादा ड्रोन आसमान में उड़ान भरेंगे और उज्जैन की शान को रोशनी से सजाएंगे।
इस ड्रोन शो की खासियत यह होगी कि इसमें भगवान शिव, सम्राट विक्रमादित्य और उज्जैन के मशहूर स्थानों की तस्वीरें आसमान में बनेंगी। भगवान शिव का तांडव नृत्य, महाकाल मंदिर की झलक और विक्रमादित्य के ऐतिहासिक किस्से ड्रोन की रोशनी से जीवंत हो उठेंगे। यह नजारा देखने के लिए स्थानीय लोग और बाहर से आने वाले पर्यटक अभी से उत्साहित हैं। अगर आप उज्जैन में गुड़ी पड़वा 2025 का प्लान बना रहे हैं, तो यह ड्रोन शो आपके लिए एक यादगार अनुभव होगा।
कब और कहां होगा यह ड्रोन शो?
यह ड्रोन शो 30 मार्च 2025 को शाम के समय शुरू होगा। जगह होगी शिप्रा नदी का दत्त अखाड़ा घाट, जो उज्जैन का एक प्रमुख स्थान है। शिप्रा नदी का किनारा पहले से ही धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए जाना जाता है, और अब यह ड्रोन शो इसे और खास बना देगा। इस शो के साथ-साथ आतिशबाजी भी होगी, जो गुड़ी पड़वा की खुशियों को दोगुना कर देगी। यह आयोजन करीब 20-30 मिनट तक चलेगा, जिसमें ड्रोन आसमान में अलग-अलग आकृतियां बनाएंगे।
विक्रमोत्सव का समापन और ड्रोन शो
यह ड्रोन शो उज्जैन में चल रहे विक्रमोत्सव के समापन का हिस्सा है। विक्रमोत्सव पिछले 125 दिनों से चल रहा है और यह सम्राट विक्रमादित्य की याद में आयोजित किया जाता है। इस उत्सव का आखिरी दिन नगर गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें ड्रोन शो के अलावा कई अन्य कार्यक्रम भी होंगे। इस दिन मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सम्मान, सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान, जिसमें 21 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है, भी प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही सम्राट विक्रमादित्य शिखर सम्मान भी दिया जाएगा।
विक्रमोत्सव और ड्रोन शो का मकसद उज्जैन की पहचान को देश-दुनिया तक पहुंचाना है। सम्राट विक्रमादित्य, जिन्हें न्याय और शौर्य का प्रतीक माना जाता है, उनकी कहानियां इस शो में खास तौर पर दिखाई जाएंगी। यह आयोजन उज्जैन को पर्यटन के नक्शे पर और मजबूत करने में मदद करेगा।
पहला ड्रोन शो: तकनीक और संस्कृति का मिलन
मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि यह मध्य प्रदेश का पहला ड्रोन शो होगा। उनके मुताबिक, “उज्जैन में गुड़ी पड़वा 2025 पर होने वाला यह ड्रोन शो तकनीक और संस्कृति का अनोखा संगम होगा। हम चाहते हैं कि उज्जैन की धरोहर को आधुनिक तरीके से लोगों तक पहुंचाया जाए।” इस शो में 500 ड्रोन एक साथ काम करेंगे, जो अपने आप में एक तकनीकी उपलब्धि है।
ड्रोन शो में इस्तेमाल होने वाली तकनीक काफी उन्नत है। ये ड्रोन खास सॉफ्टवेयर से नियंत्रित होंगे, जो आसमान में सटीक आकृतियां बनाएंगे। भगवान शिव का त्रिशूल, महाकाल मंदिर का शिखर और विक्रमादित्य का सिंहासन जैसे दृश्य लोगों को हैरान कर देंगे। यह शो न सिर्फ मनोरंजन करेगा, बल्कि उज्जैन के इतिहास को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाएगा।
उज्जैन में गुड़ी पड़वा का महत्व
उज्जैन में गुड़ी पड़वा का पर्व हमेशा से खास रहा है। यह शहर महाकालेश्वर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। गुड़ी पड़वा के दिन यहां मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगती है। लोग नए साल की शुरुआत भगवान शिव की पूजा से करते हैं। इस साल ड्रोन शो के साथ यह पर्व और भी यादगार बन जाएगा। शिप्रा नदी के किनारे होने वाला यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों नजरिए से खास होगा।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
उज्जैन में गुड़ी पड़वा 2025 का ड्रोन शो पर्यटकों के लिए भी बड़ा आकर्षण होगा। हर साल लाखों लोग महाकाल मंदिर और शिप्रा नदी के घाट देखने आते हैं। इस बार ड्रोन शो के कारण पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है। अगर आप उज्जैन घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो 30 मार्च 2025 को अपनी यात्रा में शामिल करें। यह शो मुफ्त होगा, यानी आपको कोई टिकट लेने की जरूरत नहीं है। बस समय पर दत्त अखाड़ा घाट पहुंच जाएं और इस अनोखे नजारे का आनंद लें।
उज्जैन की शान बढ़ाएगा ड्रोन शो
उज्जैन का यह ड्रोन शो न सिर्फ गुड़ी पड़वा 2025 को खास बनाएगा, बल्कि शहर की शान को भी बढ़ाएगा। मध्य प्रदेश सरकार का मकसद इस आयोजन से पर्यटन को बढ़ावा देना और उज्जैन की पहचान को दुनिया भर में फैलाना है। ड्रोन शो के बाद आतिशबाजी होगी, जो रात को और रंगीन बना देगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा आयोजन पहले कभी नहीं हुआ, इसलिए वे इसे देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं।
आप भी बनें इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा
अगर आप उज्जैन में गुड़ी पड़वा 2025 का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अभी से तैयारी शुरू कर दें। यह ड्रोन शो न सिर्फ तकनीक का प्रदर्शन होगा, बल्कि उज्जैन की सांस्कृतिक धरोहर को भी सामने लाएगा। 30 मार्च 2025 को शिप्रा नदी के किनारे दत्त अखाड़ा घाट पर पहुंचें और इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनें। यह शो बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी के लिए एक शानदार अनुभव होगा।
उज्जैन में गुड़ी पड़वा 2025 का यह ड्रोन शो निश्चित रूप से इतिहास में दर्ज होगा। भगवान शिव और सम्राट विक्रमादित्य की कहानियां जब आसमान में रोशनी बनकर उभरेंगी, तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाएगा। तो देर किस बात की? अपने परिवार और दोस्तों के साथ उज्जैन की इस अनोखी यात्रा की योजना बनाएं और इस ड्रोन शो का लुत्फ उठाएं।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।