उज्जैन में हुई जोरदार बारिश : गंभीर बांध फिर ओवरफ्लो, 3 गेट खोले गए, शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ा, अलर्ट जारी

उज्जैन में हुई जोरदार बारिश : गंभीर बांध फिर ओवरफ्लो, 3 गेट खोले गए, शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ा, अलर्ट जारी

Ujjain Heavy Rain Update |  उज्जैन, 4 सितंबर 2025: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में बीती रात और बुधवार को हुई करीब 6 इंच की मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर गंभीर बांध को ओवरफ्लो कर दिया। बांध का जलस्तर 2250 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) से ऊपर चला गया, जिसके कारण प्रशासन को बांध के तीन गेट खोलने पड़े। गेट नंबर 2 और 3 को 3 मीटर तथा गेट नंबर 4 को 2 मीटर तक खोला गया है, जिससे कुल 8 मीटर तक गेट खोले गए हैं। इसके साथ ही, देवास के शिप्रा बैराज के गेट खोले जाने से शिप्रा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए रामघाट से लेकर उन्हेंल, घट्टिया, और महिदपुर तक नदी क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। Ujjain Heavy Rain Update

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गंभीर बांध और शिप्रा नदी में बढ़ा जलस्तर

पिछले शनिवार को इंदौर और आसपास के कैचमेंट एरिया में हुई जोरदार बारिश के कारण यशवंत सागर तालाब का एक गेट खोला गया था, जिससे गंभीर बांध अपनी पूर्ण क्षमता तक भर गया था। उस समय जलस्तर को स्थिर करने के लिए बांध का एक गेट खोला गया था। लेकिन बुधवार को इंदौर, देवास, और उज्जैन क्षेत्र में फिर से मूसलाधार बारिश हुई, जिसके चलते यशवंत सागर तालाब का गेट दोबारा खोला गया। इसके परिणामस्वरूप गंभीर बांध का जलस्तर फिर से 2250 एमसीएफटी से ऊपर पहुंच गया।

देवास के शिप्रा बैराज के गेट खोले जाने से शिप्रा नदी में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, शिप्रा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 476 मीटर को पार कर सकता है, और खतरे का स्तर 477 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। इस स्थिति को देखते हुए रामघाट, दत्त अखाड़ा, भूखी माता, गऊ घाट, नृसिंह घाट, त्रिवेणी, और अन्य घाटों पर सुरक्षा के लिए होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।

नदी किनारे बसे गांवों के लिए अलर्ट

उज्जैन जिला प्रशासन ने शिप्रा और गंभीर नदी के किनारे बसे गांवों, विशेष रूप से महिदपुर, घट्टिया, और उन्हेंल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को नदी क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी जारी की है। रामघाट पर मंदिर और छोटा पुल पहले ही पानी में डूब चुके हैं, जिसके कारण श्रद्धालुओं को स्नान और पूजा-पाठ के लिए ऊपरी क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया है। प्रशासन ने लोगों से गहरे पानी में न जाने और सावधानी बरतने की अपील की है।

महिदपुर तहसील में शिप्रा नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने की संभावना है, जिसके कारण नदी किनारे के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसी तरह, घट्टिया और उन्हेंल क्षेत्रों में गंभीर और शिप्रा नदी के किनारे बसे गांवों के लिए भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बाढ़ आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नदी के जलस्तर पर लगातार नजर रखें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।

मौसम विशेषज्ञों का अनुमान

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मानसून सिस्टम इस भारी बारिश का प्रमुख कारण है। मौसम विभाग ने उज्जैन, इंदौर, और देवास सहित मालवा क्षेत्र के लिए अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना भी बनी हुई है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

प्रशासन की तैयारियां

उज्जैन प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम को सक्रिय कर दिया है। कलेक्टर ने कंट्रोल रूम प्रभारी को पहले जलस्तर बढ़ने की सूचना न देने के लिए नोटिस जारी किया है और निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो। रामघाट और अन्य घाटों पर सफाई और सुरक्षा के लिए नगर निगम की टीमें तैनात की गई हैं।

पिछले अनुभव और सबक

पिछले कुछ वर्षों में उज्जैन में भारी बारिश के कारण शिप्रा नदी में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। 2023 में शिप्रा का जलस्तर 476.5 मीटर तक पहुंच गया था, जो चेतावनी स्तर से ऊपर था। उस समय भी रामघाट के मंदिर और छोटा पुल पानी में डूब गए थे। इस बार प्रशासन ने पहले से ही सतर्कता बरतते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और घाटों पर बैरिकेड्स लगाने जैसे कदम उठाए हैं।

शहरवासियों के लिए राहत और चुनौती

गंभीर बांध के भरने से उज्जैन शहर को कम से कम छह महीने तक पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो गई है, जो शहरवासियों के लिए राहत की बात है। हालांकि, शिप्रा नदी के बढ़ते जलस्तर ने रामघाट और अन्य धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की आवाजाही को प्रभावित किया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे स्नान और पूजा के लिए सावधानी बरतें और गहरे पानी में न जाएं।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों में बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है, लेकिन नदी का जलस्तर अभी भी ऊंचा रहने की संभावना है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।

24 घंट और असर…

बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मानसून सिस्टम इस भारी बारिश का प्रमुख कारण है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों में बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है, लेकिन नदी का जलस्तर अभी भी ऊंचा रहने की संभावना है। कल सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक 20 मिमी तथा शाम 5 बजे से आज सुबह 8 बजे तक 85 मिमी, कुल 110 मिमी अर्थात 4.33 इंच वर्षा रिकार्ड हो चुकी है। आज भी बारिश का अलर्ट है। Ujjain Heavy Rain Update

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