महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जबरन घुसा विधायक का बेटा: कर्मचारी ने टोका तो उसे धमकाया
Ujjain News | उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में सोमवार, 21 जुलाई 2025 को एक बड़ी घटना सामने आई, जिसने श्रद्धालुओं और जनता के बीच आक्रोश पैदा कर दिया। इंदौर-1 से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने मंदिर के पवित्र गर्भगृह में जबरन प्रवेश किया। यह घटना उस समय हुई जब सावन के दूसरे सोमवार को भस्म आरती के बाद मंदिर के पट खोले गए थे। विधायक गोलू शुक्ला भी अपने बेटे के साथ मौजूद थे और इस दौरान उन्होंने समर्थकों के साथ मंदिर में प्रवेश किया। Ujjain News
मंदिर के कर्मचारी आशीष दुबे ने रुद्राक्ष को गर्भगृह में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन रुद्राक्ष ने न केवल उनकी बात अनसुनी की, बल्कि उन्हें धमकी भी दी। यह घटना मंदिर के नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि गर्भगृह में केवल पुजारियों और विशेष अनुमति प्राप्त व्यक्तियों का प्रवेश ही अनुमत है। आम श्रद्धालुओं के लिए यह क्षेत्र पूरी तरह प्रतिबंधित है, और लंबी कतारों में लगकर वे केवल दर्शन तक सीमित रहते हैं। Ujjain News
रुद्राक्ष और उनके पिता गोलू शुक्ला रविवार रात कांवड़ यात्रा के साथ उज्जैन पहुंचे थे। सोमवार तड़के करीब ढाई बजे भस्म आरती के समय वे मंदिर पहुंचे। मंदिर के गलियारे में प्रवेश करने के बाद, रुद्राक्ष और उनके समर्थकों ने देहरी पार कर गर्भगृह की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। आशीष दुबे ने जब उन्हें रोका, तो दोनों के बीच बहस हुई। इसके बाद रुद्राक्ष और उनके साथ आए अन्य दो लोग गर्भगृह में घुस गए और करीब 5 मिनट तक पूजा-अर्चना की।
यह पहली बार नहीं है जब रुद्राक्ष ने इस तरह की हरकत की हो। चार साल पहले, 2021 में सावन महीने के दौरान भी उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया था और वहां फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। उस समय भी इस घटना ने विवाद खड़ा किया था, लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।
एक यूजर ने लिखा, “महाकाल जैसे पवित्र स्थान पर भी सत्ता का दुरुपयोग? यह आस्था का अपमान है।” दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक रसूख का दुरुपयोग करार दिया और मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मंदिर प्रशासन और नियम
महाकाल मंदिर प्रशासन ने कई बार गर्भगृह में आमजन और VIP के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है, ताकि मंदिर की पवित्रता बनी रहे और भीड़ नियंत्रित हो सके। नियमों के अनुसार, गर्भगृह में प्रवेश के लिए विशेष अनुमति और सुरक्षा जांच अनिवार्य है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर इस बात को उजागर किया कि राजनीतिक प्रभाव के चलते ये नियम अक्सर तोड़े जाते हैं।
पिछले विवाद
गोलू शुक्ला और उनके परिवार का नाम इससे पहले भी विवादों में रहा है। हाल ही में, अप्रैल 2025 में देवास की माता चामुंडा टेकरी पर रुद्राक्ष के नेतृत्व में एक काफिले ने आधी रात को मंदिर में जबरन प्रवेश की कोशिश की थी, जिसमें लाल बत्ती और हूटर लगी कारों का इस्तेमाल किया गया था। इस घटना के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज किया था, लेकिन कार्रवाई अधर में लटकी रही।
कानूनी और सामाजिक प्रभाव
इस घटना से न केवल मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंची है, बल्कि यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या धार्मिक स्थानों पर VIP संस्कृति को खत्म करने के लिए सख्त कानून की जरूरत है। मंदिर कर्मचारी आशीष दुबे ने इस घटना की शिकायत मंदिर प्रशासन से की है, और अब यह देखना होगा कि प्रशासन और पुलिस क्या कदम उठाती है। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह जनता के विश्वास को और कमजोर कर सकता है। Ujjain News
महाकालमंदिर में रुद्राक्षशुक्ला की इस हरकत ने एक बार फिर धार्मिक स्थानों पर नियमों की अवहेलना और सत्ता के दुरुपयोग का मुद्दागरमा दिया है। #TempleJustice के साथ सोशल मीडिया पर उठ रही आवाजें इस बात का संकेत हैं कि जनता अब ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। क्या इस बार मंदिरप्रशासन और सरकार सख्त रुख पनाएगी, या यह मामला भी पुरानी घटनाओं की तरहठंडे बस्ते में चला जाएगा? यह सवाल हर श्रद्धालु के मन में है। Ujjain News
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।