स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025: उज्जैन 13 वें स्थान पर रहा
Ujjain News | उज्जैन ने 3 से 10 लाख तक की जनसंख्या की श्रेणी में इस बार हुए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में 13 वां स्थान प्राप्त किया है जबकि दो साल पहले 2023 में उज्जैन का छठा स्थान था। ऐसे में बीते दो वर्ष में उज्जैन की हवा में प्रदूषण और बढ़ गया है।
उल्लेखनीय है कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 के अंतर्गत जारी की गई रैंक में 3 से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में उज्जैन ने कुल स्कोर 178.5 अंक के साथ 13वां स्थान हासिल किया है। जबकि दो साल पहले वर्ष 2023 में इस कैटेगरी में उज्जैन का छठा स्थान था। ऐसे में दो वर्षों में उज्जैन में वायु प्रदूषण और बढ़ गया है। बता दें कि यह सर्वे 8 बिंदूओं के आधार पर किया गया था। जिसमें अपशिष्ट का जलाना, सडक़ों को धूलमुक्त करना, निर्माण और विध्वंश अपशिष्ट से धूल को नियंत्रित करना, वाहनों से उत्सर्जित होने वाले कार्बन को कम करना, उद्योगों से निकलने वाले उत्सर्जन को घटाना, इसके अलावा अन्य उत्सर्जन जैसे कोयले की भट्टियों पर प्रतिबंध लगाना, जन जागरण करना और आठवां बिंदू पीएम-10 का घनत्व कम करना तथा अधिक पौधे लगाना शामिल था। Ujjain News
बीती रात 2 बजे सूचकांक 85, आज सुबह 7 बजे 74 एक्यूआई रहा
शहर की हवा में प्रदूषण का सूचकांक आम दिनों में 100 के करीब बना रहता है, लेकिन वर्तमान में बारिश का सीजन चल रहा है और मौसम में 80 से 90 प्रतिशत नमी के बावजूद प्रदूषण का स्तर 100 के आसपास बना हुआ है। बीती रात 2 बजे यह स्तर 85 पर था और आज सुबह 7 बजे 74 दर्ज हुआ। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 से लगभग 4 साल पहले ही प्रदेश के 10 सबसे अधिक वायु प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हो गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक हवा में 50 एक्यूआई तक का सूचकांक स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा माना जाता है और 51 से 100 तक यह स्तर चिंताजनक, 101 से 200 तक खतरनाक और 201 से अधिक होने पर यह बेहद खराब श्रेणी का माना जाता है। प्रदूषण विभाग की वेबसाइट पर हवा की गुणवत्ता का प्रतिदिन जारी होने वाला आंकड़ा बता रहा है कि आम दिनों में भी अब रोज सूचकांक 100 के करीब पहुंच रहा है। सुबह के समय इसका स्तर कम रतहा है, लेकिन फिर दोहपर से लेकर रात तक लगातार बढ़ता है। आज सुबह शिप्रा नदी, कार्तिक मेला क्षेत्र, महाकाल क्षेत्र और मोतीबाग क्षेत्र में वायु गुणवत्ता का स्तर 74 से 85 एक्यूआई तक रहा। लेकिन धीरे-धीरे इसमें इजाफा होने लगा था। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के दिनों में मौसम में नमी रहती है और धूल के कण अधिक ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाते, ऐसे में वायु प्रदूषण का स्तर घटना चाहिए, लेकिन उज्जैन शहर में अभी भी यह आंकड़ा 100 के आसपास बना हुआ है, जो चिंता की बात है।
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।