उज्जैन में शिक्षक शकील मोहम्मद की करतूत: हिंदू देवी-देवताओं और भारत माता की तस्वीरें जलाईं, छात्रों को कुरान-नमाज का दबाव और धमकी

उज्जैन में शिक्षक शकील मोहम्मद की करतूत: हिंदू देवी-देवताओं और भारत माता की तस्वीरें जलाईं, छात्रों को कुरान-नमाज का दबाव और धमकी

Ujjain_Teacher_Controversy | मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक शकील मोहम्मद नागोरी के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर हिंदू देवी-देवताओं और भारत माता की तस्वीरें जलाने, राष्ट्रीय ध्वज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने, और छात्रों पर कुरान पढ़ने व नमाज सिखाने का दबाव डालने का आरोप है। इसके साथ ही, उन्होंने छात्रों को घटना का खुलासा करने पर जान से मारने की धमकी दी और उनके माता-पिता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। यह मामला उज्जैन के महिदपुर तहसील के नागपुरा गांव के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में 11 जुलाई 2025 को सामने आया। पुलिस ने शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है, और जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हें निलंबित कर दिया है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय और हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश पैदा किया है। आइए, इस घटना के विवरण, जांच, और इसके सामाजिक प्रभाव को विस्तार से जानते हैं। Ujjain_Teacher_Controversy

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील के नागपुरा गांव में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय में 11 जुलाई 2025 को एक गंभीर घटना सामने आई। स्कूल के शिक्षक शकील मोहम्मद नागोरी पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल परिसर में कक्षा 6 के छात्रों के सामने भगवान गणेश, माता सरस्वती, और भारत माता की तस्वीरें तोड़ीं और उन्हें जला दिया। इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।

छात्रों ने बताया कि शकील मोहम्मद ने उन पर कुरान पढ़ने और नमाज सिखने का दबाव डाला। उन्होंने छात्रों को धमकी दी कि अगर उन्होंने इस घटना के बारे में किसी को बताया, तो उनकी जान को खतरा होगा। इसके अलावा, शकील ने छात्रों के माता-पिता के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि शकील ने पहले लसूड़िया मंसूर क्षेत्र के एक स्कूल में भी इसी तरह की गतिविधियां की थीं। Ujjain_Teacher_Controversy

मामले का खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब कक्षा 6 के छात्र अनुराग राठौड़ ने अपने चाचा रोहित राठौड़ को शिक्षक की करतूतों के बारे में बताया। रोहित ने 16 जुलाई 2025 को स्कूल पहुंचकर अन्य छात्रों और अभिभावकों से बात की, जिन्होंने घटना की पुष्टि की। इसके बाद, अभिभावकों ने मिलकर टूटी और जली हुई तस्वीरों के फोटो और वीडियो बनाए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

रोहित राठौड़ ने झारड़ा पुलिस स्टेशन में शकील मोहम्मद के खिलाफ शिकायत दर्ज की। शिकायत में बताया गया कि शकील ने न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, बल्कि छात्रों को धमकाया और उनके माता-पिता के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। वीडियो और अन्य छात्रों के बयानों ने पुलिस को त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

झारड़ा पुलिस ने शकील मोहम्मद नागोरी के खिलाफ भारतीय नवीन संहिता (BNS) की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) और धारा 351(3) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया। शकील को 17 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे महिदपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

उज्जैन के जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने तत्काल प्रभाव से शकील मोहम्मद को निलंबित कर दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) मयूर खंडेलवाल ने पुष्टि की कि मामले की जांच चल रही है और सभी पहलुओं की गहन पड़ताल की जाएगी।

हिंदू संगठनों का विरोध

इस घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने झारड़ा पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन किया। उन्होंने थाना प्रभारी और क्लस्टर प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपकर शकील के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मामले की गहन जांच की मांग की। संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला बताया और स्कूलों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की।

स्थानीय समुदाय में भी इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया।

पहले भी विवादों में रहा शकील

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शकील मोहम्मद नागोरी पहले भी लसूड़िया मंसूर और अन्य स्थानों पर इसी तरह की गतिविधियों के लिए शिकायतों का सामना कर चुका है। उस पर धार्मिक प्रथाओं को थोपने और अनुचित व्यवहार के आरोप लगे थे। हालांकि, इन शिकायतों पर पहले कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी, जिसके कारण स्थानीय लोगों में और अधिक गुस्सा है।

महाकाल की नगरी में क्यों है यह मामला संवेदनशील?

उज्जैन, जिसे महाकाल की नगरी के रूप में जाना जाता है, एक प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल है। यहां स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। इस धार्मिक नगरी में हिंदू देवी-देवताओं और भारत माता की तस्वीरों को जलाने की घटना ने स्थानीय लोगों की भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है।

यह घटना इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि यह बच्चों के साथ हुई, जो स्कूल जैसे शिक्षण संस्थान में सुरक्षित और निष्पक्ष वातावरण की उम्मीद करते हैं। शिक्षक का यह व्यवहार न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षा के माहौल पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

कानूनी और सामाजिक प्रभाव

  • कानूनी कार्रवाई: शकील के खिलाफ दर्ज मामले में धारा 298 और 351(3) के तहत सजा में 3 से 7 साल तक की कैद और जुर्माना शामिल हो सकता है। जांच में और सबूत सामने आने पर अतिरिक्त धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं।

  • शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी: इस घटना ने स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति और उनके व्यवहार की निगरानी पर सवाल उठाए हैं। शिक्षा विभाग से उम्मीद की जा रही है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश लागू करेगा।

  • सामाजिक तनाव: इस घटना ने स्थानीय समुदाय में धार्मिक तनाव को बढ़ा दिया है। हिंदू संगठनों के विरोध और सोशल मीडिया पर वायरल सामग्री ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है।

क्या करें अभिभावक और छात्र?

इस घटना ने अभिभावकों और छात्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सबक सामने लाए हैं:

  1. सतर्क रहें: अभिभावकों को अपने बच्चों से नियमित रूप से स्कूल के माहौल और शिक्षकों के व्यवहार के बारे में बात करनी चाहिए।

  2. शिकायत दर्ज करें: अगर स्कूल में कोई अनुचित व्यवहार या गतिविधि दिखे, तो तुरंत स्थानीय पुलिस, शिक्षा विभाग, या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।

  3. साक्ष्य सुरक्षित करें: ऐसी घटनाओं के मामले में फोटो, वीडियो, या अन्य सबूत इकट्ठा करना महत्वपूर्ण है, जैसा कि इस मामले में अभिभावकों ने किया।

  4. जागरूकता फैलाएं: सोशल मीडिया और सामुदायिक मंचों के जरिए ऐसी घटनाओं को उजागर करना समाज में बदलाव ला सकता है।

उज्जैन के इस मामले ने शिक्षा, धर्म, और सामाजिक सद्भाव के मुद्दों पर गंभीरसवाल खड़े किए हैं। शकील मोहम्मद की गिरफ्तारी और निलंबन इस दिशा में पहला कदम है, लेकिन यह घटनास्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और धार्मिक निष्पक्षता सुनिश्चित करने की जरूरत को रेखांकित करती है। महाकाल की नगरी में हुई इस घटना ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है, और यह उम्मीद की जाती है कि प्रशासन और शिक्षाविभाग भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। Ujjain_Teacher_Controversy

नोट: यह जानकारी उपलब्ध समाचार और सोशलमीडिया पोस्ट पर आधारित है। मामले की जांच अभी जारी है। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय पुलिस या शिक्षाविभाग से संपर्क करें। Ujjain_Teacher_Controversy


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