आज है विकट संकष्टी चतुर्थी: जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और चंद्रोदय का समय
Vikat Sankashti Chaturthi 2025 | उज्जैन, मध्य प्रदेश: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि, जिसे विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, आज देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। यह दिन भगवान गणेश की आराधना को समर्पित है, जिनकी पूजा-अर्चना से सभी प्रकार के कष्ट और विघ्न दूर होते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति भी मजबूत होती है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि आती है। आइए इस विशेष अवसर पर विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त, विस्तृत विधि और चंद्रोदय का समय जानते हैं: Vikat Sankashti Chaturthi 2025
विकट संकष्टी चतुर्थी 2025 का अद्वितीय महत्व
नारद पुराण में विकट संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व वर्णित है। इस दिन भगवान गणेश की भक्तिभाव से पूजा और व्रत करने से व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा और बुध से संबंधित दोषों का निवारण होता है। यह व्रत जीवन में आने वाली सभी बाधाओं, रोगों और आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है। इसके प्रभाव से घर-परिवार में सुख-शांति और सौभाग्य का आगमन होता है।
इस पवित्र दिन व्रत रखकर रात्रि में चंद्रमा के दर्शन और उन्हें अर्घ्य प्रदान करने का विधान है। ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और व्रती को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश को बुद्धि और सद्गुणों का प्रतीक माना जाता है। उनकी उपासना से ज्ञान, विवेक और समझ का विकास होता है, जिससे जीवन में अनेक सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। Vikat Sankashti Chaturthi 2025
विकट संकष्टी चतुर्थी 2025: शुभ मुहूर्त और कल्याणकारी योग
विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा के लिए आज कई शुभ मुहूर्त विद्यमान हैं, जिनमें आप भगवान गणेश की आराधना कर सकते हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:26 बजे से 05:11 बजे तक – यह समय आध्यात्मिक कार्यों और ध्यान के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:31 बजे से 03:22 बजे तक – इस मुहूर्त में किए गए कार्य में सफलता मिलने की संभावना रहती है।
- अमृत काल (शाम की पूजा के लिए): सायं 06:20 बजे से रात्रि 08:06 बजे तक – यह समय पूजा और शुभ कार्यों के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
इसके अतिरिक्त, आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बना हुआ है। ये दोनों ही योग किसी भी कार्य को सिद्ध करने और शुभ फल प्रदान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। Vikat Sankashti Chaturthi 2025
विकट संकष्टी चतुर्थी 2025: संपूर्ण पूजा विधि
विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत विधिपूर्वक करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। यहाँ विस्तृत पूजा विधि दी गई है:
- व्रत का संकल्प: आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त हों और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद हाथ में जल लेकर पूरे मन से व्रत का संकल्प लें।
- पूजा स्थल की तैयारी: घर के पूजा घर को अच्छी तरह से साफ करें। एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान गणेश की प्रतिमा या उनका चित्र स्थापित करें।
- सुपारी की स्थापना: गणेशजी की प्रतिमा के साथ एक साबुत सुपारी भी रखें। इस सुपारी को भी गणेशजी का स्वरूप मानकर पूजा करें।
- भगवान गणेश का अभिषेक: गणेशजी की प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) से स्नान करवाएं और फिर शुद्ध गंगाजल से साफ करें।
- श्रृंगार और पूजन सामग्री अर्पण: भगवान गणेश को सिंदूर, अक्षत (चावल), चंदन, फल, फूल, दूर्वा घास (दूब), जनेऊ और अन्य पूजन सामग्री श्रद्धापूर्वक अर्पित करें। दूर्वा घास भगवान गणेश को विशेष रूप से प्रिय है।
- दीपक और आरती: घी का दीपक जलाएं और कपूर से भगवान गणेश की आरती करें। इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें।
- चंद्रमा को अर्घ्य: शाम के समय जब चंद्रोदय हो, तो चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- व्रत का पारण: अगले दिन विधिपूर्वक विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण करें। Vikat Sankashti Chaturthi 2025
चंद्रोदय का समय
विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना पूर्ण नहीं माना जाता है। आज रात्रि लगभग 10:00 बजे तक चंद्रमा दिखाई दे सकता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए एक लोटे में जल लें और उसमें थोड़ा गंगाजल, सफेद फूल और दूध मिलाएं। इसके बाद चंद्रमा को प्रणाम करते हुए अर्घ्य समर्पित करें।
भगवान गणेश की आरती
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय….
मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।