वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर घमासान: विपक्ष ने असहमति नोट हटाने का लगाया आरोप, सरकार ने किया खंडन

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर घमासान: विपक्ष ने असहमति नोट हटाने का लगाया आरोप, सरकार ने किया खंडन

Waqf Amendment Bill 2024 | संसद (Parliament) में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 (Waqf Amendment Bill, 2024) पर घमासान मचा हुआ है। विपक्ष (Opposition) ने सरकार (Government) पर आरोप लगाया है कि वह अपने हितों के लिए वक्फ बोर्डों (Waqf Boards) का उपयोग कर रही है। वहीं, सरकार का कहना है कि वह केवल कुप्रबंधन (Mismanagement) को रोकना चाहती है। इस मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

संयुक्त समिति की रिपोर्ट पर हंगामा

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 (Waqf Amendment Bill, 2024) पर संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee – JPC) की रिपोर्ट को लेकर संसद के दोनों सदनों में तीखी बहस देखने को मिली। विपक्षी सांसदों ने इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि इसमें उनकी असहमति को शामिल नहीं किया गया।

गुरुवार को लोकसभा (Lok Sabha) में इस रिपोर्ट को JPC के अध्यक्ष (JPC Chairman) और भाजपा सांसद (BJP MP) जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने पेश किया। जैसे ही रिपोर्ट सदन में रखी गई, विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि असहमति नोट (Dissent Notes) के कुछ हिस्सों को अंतिम रिपोर्ट से हटा दिया गया है। इसके चलते सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।

वहीं, राज्यसभा (Rajya Sabha) में यह रिपोर्ट राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) मेधा कुलकर्णी (Medha Kulkarni) द्वारा पेश की गई। लेकिन रिपोर्ट पेश किए जाने के तुरंत बाद, विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट (Walkout) कर दिया। कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता (Leader of Opposition in Rajya Sabha) मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि उनकी पार्टी एक “फर्जी रिपोर्ट” को स्वीकार नहीं करेगी जो उनके विचारों को नजरअंदाज करती है।

विपक्ष की मांग: रिपोर्ट को दोबारा JPC को भेजा जाए

मल्लिकार्जुन खरगे ने मांग की कि यह रिपोर्ट संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को वापस भेजी जाए और फिर से पेश की जाए। उन्होंने कहा, “JPC रिपोर्ट (JPC Report) में कई सदस्यों ने अपनी असहमति दर्ज कराई थी, लेकिन उन नोट्स को अंतिम रिपोर्ट से हटा दिया गया। यह लोकतंत्र विरोधी है, और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।”

खरगे के इस बयान के समर्थन में INDIA गठबंधन (INDIA Alliance) के कई सांसद भी आगे आए। शिवसेना (UBT) सांसद (Shiv Sena (UBT) MP) अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने भी दावा किया कि उनके असहमति नोट (Dissent Notes) को हटा दिया गया।

सरकार का पलटवार: असहमति नोट रिपोर्ट में शामिल

विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि यदि असहमति नोट रिपोर्ट में जोड़े जाते हैं तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “कुछ विपक्षी सदस्य दावा कर रहे हैं कि उनकी बातों को शामिल नहीं किया गया, लेकिन यदि उनके मुद्दों को जोड़ा जाता है तो मेरी पार्टी को कोई दिक्कत नहीं है।”

वहीं, केंद्रीय मंत्री (Union Minister) किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि असहमति नोट रिपोर्ट में संलग्न थे। उन्होंने विपक्ष पर सदन को गुमराह (Misleading the House) करने का आरोप लगाया।

जेपी नड्डा का विपक्ष पर हमला

भाजपा अध्यक्ष (BJP President) जेपी नड्डा (JP Nadda) ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग भारतीय राज्य (Indian State) के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। उन्होंने बिना नाम लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधा और कहा कि पिछली बार उन्होंने जो बयान दिया था, वह इसी मानसिकता का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, “विपक्ष (Opposition) केवल एक बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है। सरकार ने पारदर्शी तरीके से रिपोर्ट पेश की है, और असहमति नोट भी संलग्न किए गए हैं। लेकिन विपक्ष का मकसद केवल हंगामा करना है।”

विपक्ष की रणनीति और आगे की कार्रवाई

INDIA गठबंधन (INDIA Alliance) के सांसदों ने कहा कि वे इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाते रहेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि अगर रिपोर्ट को फिर से JPC के पास नहीं भेजा गया, तो उनकी पार्टी इसके खिलाफ विरोध जारी रखेगी। कुछ सांसदों ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया और कहा कि वे इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे। वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी विपक्ष के इस विरोध में अपना समर्थन दिया है।

बिल पर टकराव जारी रहेगा

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 (Waqf Amendment Bill, 2024) को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार अभी खत्म होती नहीं दिख रही। विपक्ष जहां रिपोर्ट को दोबारा संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने की मांग कर रहा है, वहीं सरकार का कहना है कि रिपोर्ट पारदर्शी तरीके से बनाई गई है। अगले कुछ दिनों में यह देखने लायक होगा कि क्या इस मुद्दे पर कोई सहमति बनती है या फिर संसद में हंगामा जारी रहेगा। लेकिन इतना तय है कि यह विवाद अभी और गहराएगा। Waqf Amendment Bill 2024


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