वक्फ विधेयक पर जेपीसी की अंतिम मंजूरी: विपक्ष ने लगाए तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या के आरोप
Waqf Bill Amendments | संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) ने वक्फ विधेयक (Waqf Bill) में 14 संशोधनों (Amendments) को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस फैसले पर तीखी बहस छिड़ी हुई है, जिसमें विपक्षी दलों (Opposition Parties) ने समिति पर उनकी सुझावों (Suggestions) की अनदेखी करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। जेपीसी के अध्यक्ष (Chairperson) जगदंबिका पाल ने मीडिया से कहा कि ये संशोधन एक बेहतर और प्रभावशाली कानून तैयार करने में मदद करेंगे। दूसरी तरफ, विपक्षी दलों ने समिति पर आरोप लगाया कि उनकी आवाज दबाई गई और बैठकों (Meetings) में लोकतंत्र को खत्म कर दिया गया।
विपक्ष के आरोप और तीखी प्रतिक्रियाएं
टीएमसी सांसद (TMC MP) और जेपीसी सदस्य कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) ने कहा, “बैठकों के दौरान हमारी बातों को सुना ही नहीं गया। अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया।” उन्होंने इसे “लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन” (Black Day in Democratic History) करार दिया। शिवसेना (यूबीटी) (Shiv Sena UBT) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि समिति को वक्फ विधेयक के एक-एक खंड पर चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन (Nasir Hussain) ने दावा किया कि “जेपीसी ने हितधारकों की राय को अनदेखा किया। 95-98% हितधारकों ने इस विधेयक का विरोध किया था। लेकिन बिना चर्चा के संशोधनों पर मतदान कराया गया। यह पूरी प्रक्रिया पक्षपाती (Biased) थी।”
अध्यक्ष का पक्ष
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इन आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “हमने सभी सदस्यों (Members) से प्रस्तावित संशोधन मांगे थे। कुल 44 संशोधनों पर चर्चा हुई, जिसमें से 14 को बहुमत के आधार पर मंजूरी दी गई। विपक्ष के सुझावों पर भी मतदान कराया गया, लेकिन वे बहुमत हासिल नहीं कर सके।” जेपीसी की सदस्य (Member) और भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, “बैठकें पूरी तरह से लोकतांत्रिक (Democratic) तरीके से हुईं। सभी को बोलने का मौका दिया गया। 108 घंटे तक चर्चा हुई और 284 हितधारकों (Stakeholders) से विचार-विमर्श किया गया।” Waqf Bill Amendments
विपक्षी असहमति के कारण
विपक्ष का आरोप है कि बैठक में संशोधनों पर तो चर्चा हुई लेकिन विधेयक के विभिन्न खंडों पर गहन चर्चा नहीं हुई। विपक्ष का यह भी कहना है कि विधेयक से संबंधित चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। Waqf Bill Amendments
विधेयक का अंतिम ड्राफ्ट और आगामी रणनीति
बताया जा रहा है कि 29 जनवरी को वक्फ विधेयक का अंतिम ड्राफ्ट (Draft) पेश किया जाएगा। विपक्ष ने कहा है कि वह ड्राफ्ट की समीक्षा करके आगे की रणनीति तय करेगा। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा, “हम देखेंगे कि अंतिम ड्राफ्ट में क्या शामिल है और उसी के आधार पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।” जेपीसी ने 284 हितधारकों के साथ चर्चा का दावा किया, जिनमें से कई राज्य स्तर पर बैठक में शामिल हुए। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि उनकी राय को अनदेखा किया गया। वक्फ विधेयक पर जेपीसी की अंतिम बैठक और 14 संशोधनों को मंजूरी ने संसद के भीतर और बाहर नई बहस छेड़ दी है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया (Democratic Process) को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच मतभेद गहरा गए हैं। Waqf Bill Amendments
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वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।