गिग वर्कर्स को नई पहचान और सुरक्षा देने मध्‍यप्रदेश सरकार की पहल

गीग अर्थव्यवस्था और मध्यप्रदेश सरकार की पहल: गिग वर्कर्स को नई पहचान और सुरक्षा

Who are gig workers | आज की तेजी से बदलती दुनिया में गीग अर्थव्यवस्था (Gig Economy) ने कार्य संस्कृति को पूरी तरह से बदल दिया है। गीग वर्कर्स, जो अस्थायी और प्रोजेक्ट-आधारित काम करते हैं, अब हर छोटे-बड़े शहर का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट, ज़ोमैटो, स्विगी, ओला, उबर और अर्बन कंपनी ने इन कामगारों के लिए रोजगार के अवसर तो बढ़ाए हैं, लेकिन उनके सामने रोजगार सुरक्षा और लाभों की कमी जैसी चुनौतियां भी खड़ी हैं। Who are gig workers

क्या है गीग वर्कर्स की भूमिका?

गीग वर्कर्स हर प्रकार की सेवाएं देते हैं, जैसे:

  1. फूड डिलीवरी – ज़ोमैटो, स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म पर।
  2. डिलीवरी सर्विसेज – अमेज़न, फ्लिपकार्ट, बिग बास्केट।
  3. कस्टमर सर्विस और टेली कॉलिंग – कॉल सेंटर या ऑनलाइन हेल्प डेस्क।
  4. फ्रीलांस कार्य – ग्राफिक डिज़ाइनिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, एजुकेशन, आदि।
  5. केब सेवाएं – ओला, उबर के ड्राइवर।

नीति आयोग की पहल और मध्यप्रदेश सरकार का कदम

गीग वर्कर्स के हितों की रक्षा के लिए नीति आयोग ने पहल की है। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार ने मार्च 2024 में राज्य के लगभग 1 लाख गीग वर्कर्स को असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में शामिल किया। इस पहल के तहत उन्हें संबल योजना के लाभ दिए जाने का निर्णय लिया गया। Who are gig workers

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संबल योजना और गीग वर्कर्स को मिलने वाले लाभ

गीग वर्कर्स को संबल योजना में शामिल करने से उन्हें निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  1. दुर्घटना में मृत्यु पर ₹4 लाख की आर्थिक सहायता।
  2. सामान्य मृत्यु पर ₹2 लाख की सहायता।
  3. स्थायी अपंगता पर ₹2 लाख और आंशिक अपंगता पर ₹1 लाख की सहायता।
  4. अंतिम संस्कार सहायता के रूप में ₹5,000।

इस योजना का लाभ पाने के लिए संबल पोर्टल (sambal.mp.gov.in) पर गीग वर्कर्स का पंजीयन किया जा रहा है। अब तक 700 से अधिक गीग वर्कर्स पंजीयन कर चुके हैं, और जागरूकता बढ़ने के साथ यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। Who are gig workers

गीग वर्कर्स की चुनौतियां

गीग वर्कर्स के लिए लचीलापन और स्वतंत्रता तो आकर्षक हैं, लेकिन इनसे जुड़े कई जोखिम भी हैं:

  1. नियमित आय का अभाव।
  2. बीमा, पेंशन, और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभों की कमी।
  3. अस्थिर रोजगार।
  4. अधिक काम के घंटों का दबाव।

मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?

सरकार द्वारा गीग वर्कर्स को संगठित सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का निर्णय स्वागतयोग्य है। इससे न केवल उनके जीवन में स्थिरता आएगी, बल्कि वे समाज के अन्य वर्गों की तरह सुरक्षा और लाभ का आनंद उठा सकेंगे। Who are gig workers

भविष्य की राह

  • पंजीयन प्रक्रिया को सरल और व्यापक बनाना।
  • गीग वर्कर्स के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाना ताकि अधिकतम लोग इन योजनाओं का लाभ ले सकें।
  • गीग वर्कर्स के लिए डिजिटल हेल्थ कार्ड और पेंशन योजनाओं की शुरुआत करना।

मध्यप्रदेश सरकार ने गीग वर्कर्स को असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में शामिल कर एक बड़ा और प्रगतिशील कदम उठाया है। यह पहल न केवल गीग वर्कर्स को सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि गीग अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। आने वाले समय में, ऐसी योजनाओं को पूरे देश में लागू करना आवश्यक है ताकि लाखों गीग वर्कर्स का भविष्य सुरक्षित हो सके। Who are gig workers

इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार डिजिटल युग के नए रोजगार प्रारूपों को स्वीकार कर रही है और गीग वर्कर्स के योगदान को मान्यता दे रही है। यह कदम भारतीय श्रम संरचना में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। 


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