रात में सोते वक्त क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा? डॉक्टर ने बताए 5 बड़े कारण और बचाव के उपाय
Why heart attack risk increases at night | आज की तेज रफ्तार और तनाव भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। दिनभर की भागदौड़ और थकान के बाद जब इंसान घर लौटता है, तो उसे सिर्फ बिस्तर पर लेटने और सोने की चाहत होती है। नींद शरीर और दिमाग को आराम देने के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही नींद कुछ लोगों के लिए खतरनाक भी हो सकती है? खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें दिल से जुड़ी कोई समस्या है। Why heart attack risk increases at night
आपने अक्सर सुना होगा कि किसी को सोते वक्त अचानक हार्ट अटैक आया और उसकी जान चली गई। आखिर ऐसा क्यों होता है? नींद के दौरान दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा क्यों बढ़ जाता है? इस बारे में हमने डॉ. संजीव कुमार (सीनियर कंसल्टेंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल एंड कैंसर इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली) से बात की। उन्होंने बताया कि नींद के दौरान हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं का जोखिम कई कारणों से बढ़ जाता है। आइए, इन कारणों और बचाव के उपायों को विस्तार से समझते हैं। Why heart attack risk increases at night
नींद के दौरान शरीर में क्या बदलाव होते हैं?
डॉ. संजीव के अनुसार, जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर एक्टिव मोड (सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम) से रेस्ट मोड (पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम) में चला जाता है। इस दौरान हार्ट रेट धीमी हो जाती है, ब्लड प्रेशर कम होता है, और सांस लेने की गति भी सामान्य से धीमी हो जाती है। सामान्य लोगों के लिए यह स्थिति फायदेमंद होती है, लेकिन जिन लोगों को पहले से हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, या हार्ट फेलियर जैसी समस्याएं हैं, उनके लिए यह जोखिम भरा हो सकता है।
गहरी नींद, खासकर REM (रैपिड आई मूवमेंट) स्लीप के दौरान, हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। अगर दिल पहले से कमजोर है, तो यह स्थिति हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर को ट्रिगर कर सकती है।
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाने वाले 5 प्रमुख कारण
1. स्लीप एपनिया: सांस का बार-बार रुकना
स्लीप एपनिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है। इस बढ़े हुए दबाव से दिल पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, जो धीरे-धीरे हार्ट फेलियर या हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
डॉ. संजीव बताते हैं कि स्लीप एपनिया की समस्या कई लोगों में बिना लक्षण के मौजूद रहती है। खर्राटे लेना, नींद में बार-बार जागना, या सुबह थकान महसूस करना इसके सामान्य संकेत हो सकते हैं। अगर आपको ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
2. लेटने से फ्लूइड का शिफ्ट होना
जब कोई व्यक्ति लेटता है, खासकर रात में सोते समय, तो शरीर में मौजूद अतिरिक्त फ्लूइड (पानी) पैरों से ऊपरी हिस्से, जैसे फेफड़ों और दिल की ओर खिसक सकता है। अगर दिल पहले से कमजोर है, तो यह फ्लूइड फेफड़ों में जमा हो सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना, और दिल पर दबाव बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इस स्थिति को मेडिकल भाषा में Paroxysmal Nocturnal Dyspnea (PND) कहा जाता है। हार्ट फेलियर के मरीजों में यह समस्या रात में नींद टूटने या अचानक सांस फूलने का कारण बनती है।
3. धीमी हार्ट रेट (ब्रैडीकार्डिया)
नींद के दौरान हार्ट रेट स्वाभाविक रूप से धीमी हो जाती है, लेकिन दिल की बीमारी वाले लोगों में यह हार्ट रेट बहुत ज्यादा कम हो सकती है। इसे ब्रैडीकार्डिया कहते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। यह स्थिति हार्ट अटैक को ट्रिगर कर सकती है।
4. अनियमित ब्लड प्रेशर
नींद के दौरान ब्लड प्रेशर में अचानक बदलाव, जैसे कि स्लीप एपनिया या तनाव के कारण बढ़ना, दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर पहले से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो यह जोखिम और बढ़ जाता है। रात में ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
5. तनाव और खराब लाइफस्टाइल
आजकल की जिंदगी में तनाव, अनहेल्दी डाइट, और कम शारीरिक गतिविधि दिल की बीमारियों को बढ़ावा दे रही हैं। रात को भारी खाना खाने, ज्यादा शराब पीने, या देर तक जागने से भी नींद की क्वालिटी खराब होती है, जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। तनाव के कारण नींद में भी हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को प्रभावित कर सकते हैं।
हार्ट अटैक से बचाव के लिए क्या करें?
डॉ. संजीव ने हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं, जो इस प्रकार हैं:
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ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें: नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें और लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
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स्लीप एपनिया की जांच करवाएं: अगर आपको खर्राटे, नींद में सांस रुकने, या सुबह थकान जैसे लक्षण हैं, तो तुरंत स्लीप स्टडी टेस्ट करवाएं। स्लीप एपनिया का इलाज, जैसे CPAP मशीन का उपयोग, हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकता है।
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दवाइयां समय पर लें: अगर आपको दिल की बीमारी है, तो डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयां नियमित रूप से लें। कभी भी दवा छोड़ने या डोज बदलने का फैसला खुद न करें।
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सोने का सही तरीका अपनाएं: सोते समय सिर को थोड़ा ऊंचा रखें, जैसे कि तकिए का सहारा लें। इससे फ्लूइड चेस्ट की ओर नहीं जाएगा और सांस लेने में आसानी होगी।
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हल्का खाना खाएं: रात को भारी, तला-भुना, या नमकीन खाने से बचें। सोने से 2-3 घंटे पहले हल्का भोजन करें। ज्यादा पानी पीने से भी बचें, खासकर अगर आपको हार्ट फेलियर है।
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तनाव कम करें: योग, मेडिटेशन, और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव को नियंत्रित करें। पर्याप्त नींद लें और नियमित व्यायाम करें।
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धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन दिल के लिए जहर है। इन्हें तुरंत छोड़ दें।
नींद हमारेशरीर के लिए जरूरी है, लेकिन अगर आपको दिल से जुड़ी कोईसमस्या है, तो आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनीचाहिए। रात में हार्टअटैक का खतरा कई कारणों से बढ़ सकता है, जैसे स्लीप एपनिया, फ्लूइड का शिफ्ट होना, धीमी हार्ट रेट, और अनियंत्रित ब्लड प्रेशर। इन जोखिमों को कम करने के लिए हेल्दीलाइफस्टाइल अपनाएं, नियमित जांच करवाएं, और डॉक्टर की सलाह मानें।
अगर आपको रात में सांस फूलना, सीने में दर्द, या नींद टूटने जैसीसमस्याएं हो रही हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत किसी कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। याद रखें, समय पर लिया गया कदम आपकी जान बचा सकता है। Why heart attack risk increases at night
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मैं इंदर सिंह चौधरी वर्ष 2005 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं। मैंने मास कम्यूनिकेशन में स्नातकोत्तर (M.A.) किया है। वर्ष 2007 से 2012 तक मैं दैनिक भास्कर, उज्जैन में कार्यरत रहा, जहाँ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।
वर्ष 2013 से 2023 तक मैंने अपना मीडिया हाउस ‘Hi Media’ संचालित किया, जो उज्जैन में एक विश्वसनीय नाम बना। डिजिटल पत्रकारिता के युग में, मैंने सितंबर 2023 में पुनः दैनिक भास्कर से जुड़ते हुए साथ ही https://mpnewsbrief.com/ नाम से एक न्यूज़ पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से मैं करेंट अफेयर्स, स्वास्थ्य, ज्योतिष, कृषि और धर्म जैसे विषयों पर सामग्री प्रकाशित करता हूं। फ़िलहाल मैं अकेले ही इस पोर्टल का संचालन कर रहा हूं, इसलिए सामग्री सीमित हो सकती है, लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होता।