18 साल की उम्र में इतिहास रचकर डी गुकेश बने दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन

18 साल की उम्र में इतिहास रचकर डी गुकेश बने दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन

Youngest World Chess Champion | भारत के डी गुकेश (D Gukesh) ने शतरंज की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप (World Chess Championship) का खिताब अपने नाम कर लिया। मात्र 18 साल की उम्र में उन्होंने यह मुकाम हासिल कर न केवल भारतीय शतरंज के इतिहास में, बल्कि विश्व शतरंज में भी अमिट छाप छोड़ी। सिंगापुर में आयोजित इस चैंपियनशिप के फाइनल राउंड (Final Round) में उन्होंने चीनी खिलाड़ी और डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन (Ding Liren) को हराकर इतिहास रच दिया।

गुकेश की ऐतिहासिक जीत

गुरुवार, 12 दिसंबर (12th December) को हुए इस चैंपियनशिप के 14वें राउंड (14th Round) में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। इस निर्णायक मैच में चीनी ग्रैंडमास्टर ने एक छोटी सी चूक की, जिसका फायदा उठाकर भारतीय सनसनी गुकेश ने 7.5-6.5 के अंतर से खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ, गुकेश विश्व शतरंज चैंपियन (World Chess Champion) बनने वाले सबसे युवा खिलाड़ी (Youngest Player) बन गए और वे 18वें वर्ल्ड चेस चैंपियन का ताज पहनने वाले खिलाड़ी भी बन गए। Youngest World Chess Champion

कैसे पहुंचा मुकाम तक

गुकेश ने इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट (Candidates Tournament) जीतकर वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया था। इस टूर्नामेंट में वे चैलेंजर (Challenger) के रूप में उतरे थे। इससे पहले, वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत से केवल विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) ने ही यह गौरव हासिल किया था। गुकेश अब आनंद के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। Youngest World Chess Champion

फाइनल का रोमांचक मुकाबला

चैंपियनशिप के पहले 13 राउंड बेहद रोमांचक रहे, जहां दोनों खिलाड़ियों ने 2-2 मैच जीते और बाकी 9 मैच ड्रॉ रहे। दोनों ने कुल 6.5 अंक (6.5 Points) हासिल किए थे, जिसके चलते आखिरी राउंड निर्णायक बन गया। इस राउंड में, गुकेश ने शानदार खेल दिखाते हुए डिंग लिरेन को हराया और चैंपियनशिप जीत ली। अगर यह मैच ड्रॉ होता, तो दोनों के 7-7 अंक (7 Points) होते और फैसला टाईब्रेकर (Tiebreaker) से होता। लेकिन गुकेश ने इसकी नौबत नहीं आने दी और निर्णायक बढ़त लेकर खिताब अपने नाम कर लिया। Youngest World Chess Champion

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जीत के बाद भावनात्मक पल

फाइनल मैच में जीत के बाद गुकेश अपने आंसू नहीं रोक सके। कुर्सी पर बैठे-बैठे उनकी आंखों से खुशी के आंसू बह निकले। यह जीत न केवल उनके सपने को सच करने का पल था, बल्कि भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकेत भी था। Youngest World Chess Champion

गुकेश की इस जीत का महत्व

गुकेश की यह जीत भारतीय शतरंज के लिए मील का पत्थर साबित हुई है। उन्होंने दिखा दिया कि भारतीय युवा खिलाड़ी वैश्विक मंच पर किसी से पीछे नहीं हैं। उनकी यह उपलब्धि भविष्य में भारतीय शतरंज के विकास के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी। Youngest World Chess Champion

इनाम और गौरव

इस जीत के साथ, गुकेश को 18 करोड़ रुपये (18 Crore Rupees) की पुरस्कार राशि दी जाएगी। यह न केवल उनकी कड़ी मेहनत का फल है, बल्कि उनके माता-पिता, कोच और टीम के समर्पण का परिणाम भी है।

गुकेश का सफर: प्रेरणा की कहानी

चेन्नई के इस ग्रैंडमास्टर (Grandmaster) ने बहुत कम उम्र में शतरंज की दुनिया में कदम रखा। अपने कोच और माता-पिता के मार्गदर्शन में उन्होंने निरंतर मेहनत से यह मुकाम हासिल किया। उनका यह सफर हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है कि कैसे कठिन मेहनत और लगन से असंभव को संभव बनाया जा सकता है।

विश्व चेस में भारत का नया सितारा

डी गुकेश की यह ऐतिहासिक उपलब्धि उन्हें विश्व शतरंज में एक नई पहचान देती है। इस जीत के बाद, भारतीय शतरंज को एक नया चेहरा और प्रेरक लीडर मिला है। शतरंज के इस नए वर्ल्ड चैंपियन ने भारत का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। डी गुकेश के इस शानदार प्रदर्शन से न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के चेस प्रेमियों को रोमांच और प्रेरणा मिली है। उनकी इस जीत के साथ भारतीय शतरंज ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह वैश्विक मंच पर कितनी मजबूत है। Youngest World Chess Champion


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