जिंदा बेटी का कर दिया क्रियाकर्म: परिवार ने समाज और मर्यादा की रक्षा के लिए उठाया सख्त कदम

जिंदा बेटी का कर दिया क्रियाकर्म: परिवार ने उठाया सख्त कदम

Zinda Beti Ka Kar Diya Kriyakam | मंदसौरमध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के दलावदा गांव में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने समाज और परिवार के रिश्तों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ जाकर प्रेम विवाह करने वाली बेटी का परिवार ने क्रियाकर्म कर दिया। इस फैसले के पीछे परिवार का उद्देश्य अपनी मर्यादा और समाज में प्रतिष्ठा की रक्षा करना था। उन्होंने बेटी को मृत मानते हुए शोकसभा आयोजित की, शोक पत्रिका छपवाई, और रीति-रिवाजों के साथ उसका मृत्युभोज भी किया। इस घटना में जहां परिवार ने अपने संस्कारों और समाज की परंपराओं को प्राथमिकता दी, वहीं इसे लेकर समाज में व्यापक चर्चा हो रही है

पड़ोस के गांव में किया प्रेम विवाह

12 नवंबर को युवती ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ पड़ोस के गांव गुराड़िया गौड़ के युवक के साथ प्रेम विवाह कर लिया। युवती के इस कदम से परिवार को गहरा आघात पहुंचा। उन्होंने तुरंत सीतामऊ थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। अगले दिन पुलिस ने युवती और उसके प्रेमी को बरामद कर थाने लाया।

80 वर्षीय दादी ने पांव छूकर की मनाने की कोशिश

थाने में परिवार ने बेटी को समझाने की पूरी कोशिश की। 80 वर्षीय दादी ने भावुक होकर कहा, “बेटी, हमारे साथ घर चलो। दो दिन बाद लगन निकालकर इसी लड़के से शादी करवा देंगे।” मां, मौसा, और भाई ने भी अपनी ओर से मनाने की हर संभव कोशिश की। परिवार की अपील के बावजूद युवती ने पुलिस के सामने कहा, “मैं बालिग हूं और अपनी मर्जी से इस व्यक्ति के साथ रहना चाहती हूं। मैं अपने परिवार को नहीं पहचानती।” यह सुनकर परिवार स्तब्ध रह गया।

और परिजनों ने ले लिया कठोर निर्णय

परिवार ने इसे अपनी परवरिश और मान-सम्मान का अपमान मानते हुए बेटी से हमेशा के लिए नाता तोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने बेटी को मृत मानते हुए सभी रीति-रिवाजों के साथ उसका क्रियाकर्म किया। इस दौरान परिवार ने बेटी से जुड़े हर सामान को इकट्ठा कर जला दिया। कपड़े, तस्वीरें, और अन्य चीजों को आग के हवाले कर दिया गया।

14 नवंबर को परिवार ने शोकसभा का आयोजन किया। गांव और समाज के सैकड़ों लोग इसमें शामिल हुए। परिवार ने शोक पत्रिका छपवाकर यह संदेश दिया कि उनकी बेटी अब उनके लिए मृत है। कार्यक्रम के बाद मृत्युभोज का आयोजन भी किया गया।

युवती के भाई विनोद ने इस बारे में कहा, “हमने यह कदम परिवार की प्रतिष्ठा बचाने के लिए उठाया है। समाज में परिवार की इज्जत सबसे ऊपर होती है। हमने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि बच्चों को परिवार की मर्यादा का सम्मान करना चाहिए।”

लोगो की मिलीजुली प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद गांव और समाज में इस निर्णय की चर्चा तेज हो गई। कुछ लोगों ने इसे परिवार की प्रतिष्ठा और मर्यादा की रक्षा के लिए सही कदम माना, तो कुछ ने इसे कठोर और अत्यधिक बताया।

हालांकि, इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि भारतीय समाज में परिवार की मर्यादा और सम्मान को सर्वोपरि माना जाता है। यह घटना उन सभी के लिए एक संदेश है, जो अपने व्यक्तिगत फैसलों से परिवार और समाज पर प्रभाव डालते हैं।


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